जोड़ों का दर्द सताता है? इस स्‍पेशल तेल से मिलेगी राहत

एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर तिल के तेल का इस्‍तेमाल नाभि पर करने से शरीर में सूजन को कम होती है और यह फ्री-रेडिकल्‍स से होने वाले ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करता है। 

sesame oil in belly button for joint pain in hindi

बदलते मौसम में ज्‍यादातर लोग जोड़ों, हड्डियों, मसल्‍स, घुटनों और अर्थराइटिस के दर्द से परेशान रहते हैं। कई लोगों को दर्द इतना सताता है कि वह खड़े रहने, बैठने, चलने और झुकने जैसे रोजाना के काम भी नहीं कर पाते हैं। दर्द से बचने के लिए लोग नेचुरल उपायों की खोज में रहते हैं। ऐसे में आप नाभि पर तिल का तेल लगाकर जोड़ों में दर्द से काफी हद तक राहत पा सकते हैं। इसके बारे में हमें एक्‍सपर्ट जूही कपूर बता रही हैं।

एक्‍सपर्ट का कहना है, ''बढ़ती उम्र में बोन डेंसिटी की कमी से जोड़ कमजोर हो जाते हैं। इसके अलावा, गलत बॉडी पोश्चर, फिजिकल एक्टिविटी की कमी, अर्थराइटिस, ऑस्टियोपोरोसिस आदि जैसी मेडिकल कंडीशन के कारण भी जोड़ों में दर्द और सूजन की समस्‍या होती है। जोड़ों में दर्द से लाइफस्‍टाइल पर असर पड़ता है, जिससे आप बेस‍िक एक्टिविटी के लिए भी दूसरों पर निर्भर हो सकते हैं। ऐसे में नाभि थेरेपी जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने का सबसे आसान और प्रभावी तरीका है, ताकि आप अपना जीवन दर्द मुक्त जी सकें।''

जोड़ों में दर्द के लिए तिल का तेल

sesame oil to reduce joint pain

नाभि थेरेपी तेलों से नाभि की मालिश करने का शक्तिशाली सदियों पुराना तरीका है, जो शरीर को डिटॉक्‍स करता है और कई बीमारियों को ठीक करता है। आयुर्वेद के अनुसार, नाभि शरीर की चेतना का मूल है, जहां बहुत सारी एनर्जी स्‍टोर होती है। नाभि 72 हजार नसों के माध्यम से शरीर के लगभग हर अंग से जुड़ी होती है, इस प्रकार नाभि की मालिश करने से नर्व एंडिंग उत्तेजित होती है। इससे आपको कई तरह के हेल्‍थ बेनिफिट्स मिलते हैं। नर्व एंडिंग आपके शरीर की सतह और उसके अंदर लाखों प्‍वाइंट्स हैं, जो गर्मी, ठंड और दर्द जैसी संवेदनाएं महसूस होने पर ब्रेन को संदेश भेजते हैं।

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तिल को इसके पौष्टिक गुणों के कारण "तिलहनों की रानी" कहा जाता है। आयुर्वेद में हमेशा से ही तिल के तेल का अहम स्थान रहा है। तिल के तेल का इस्‍तेमाल खाने, मालिश करने और नाभि पर डालने के लिए सबसे ज्यादा किया जाता है। शक्तिशाली एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर, तिल का तेल शरीर में सूजन को कम करने में मदद करता है और फ्री-रेडिकल्‍स के कारण होने वाले ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करता है।

तिल के तेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। इस तेल से नाभि पर मालिश करने से जोड़ों और मसल्‍स का दर्द दूर होता है। इसके अलावा, तिल के तेल के इस्‍तेमाल से ऑस्टियोआर्थराइटिस में भी राहत मिलती है। यह जोड़ों के दर्द का एक सामान्य कारण है, जो दुनिया की काफी आबादी को प्रभावित करता है। इसके अलावा, नाभि पर तिल का तेल लगाने से शरीर का बढ़ा हुआ वात दोष शांत होता है। इससे मसल्‍स और जोड़ों में दर्द से संबंधित समस्याएं काफी हद तक कम होती है।

तिल का तेल नाभि में इस्‍तेमाल करने का तरीका

sesame oil on belly button

  • तिल के तेल की सिर्फ 2-3 बूंदें लेकर नाभि में हल्की मालिश करें।
  • इस बात का हमेशा ध्‍यान रखें कि नाभि को बहुत जोर से न दबाएं।

आप भी इस टिप्‍स को आजमाकर जोड़ों में दर्द से राहत पा सकते हैं। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो, तो इसे लाइक और फेसबुक पर शेयर जरूर करें। इसी तरह के और आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें आर्टिकल के ऊपर कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।

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