पीरियड्स के दौरान अपनी हाइजीन का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है। इन दिनों में अगर शरीर की साफ-सफाई न रखी जाए, तो इसका असर आपकी सेहत पर भी पड़ सकता है। इतना ही नहीं अगर पीरियड्स के दौरान पर्सनल साफ-सफाई न रखने के कारण आपको UTI या अन्य इंफेक्शन हो सकते हैं। यही वजह है कि पीरियड्स में डॉक्टर कपड़े की जगह सैनिटरी नैपकिन का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं।
सैनिटरी नैपकीन हर महिला के जीवन में अहम रोल निभाती है। इसके इस्तेमाल से न केवल हाइजीन बेहतर होती है, बल्कि आप कई वेजाइनल प्रॉब्लम्स से भी बच सकती हैं। हमें दिन भर में कितनी बार पैड चेंज करने चाहिए, यह भी एक जरूरी सवाल है।
दिन भर में कितनी बार पैड बदलना आपकी वेजाइनल हेल्थ के लिए बेहद जरूरी है। यह जानने के लिए हमने गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर शिखा गुप्ता से बातचीत की है। उन्होंने हमें बताया कि अगर हम एक ही पैड समय से ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, तो ऐसे में इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में जानते हैं कि आखिर हमें दिन भर में कितनी बार पैड चेंज करना चाहिए।
डॉक्टर शिखा ने इस बातचीत में समझाया कि पैड बदलने की ड्यूरेशन हमारे ब्लड फ्लो पर आधारित होनी चाहिए। कुछ लोगों को पीरियड्स के पहले दिन दर्द ज्यादा होता है और फ्लो कम, वहीं कई महिलाओं को ब्लड फ्लो पहले दिन बढ़ जाता है। ऐसे में ज्यादा ब्लड फ्लो के दौरान आपको हर 4 घंटे पर पैड बदलते रहना चाहिए, जिससे ब्लड लीकेज का रिस्क ना रहे। वहीं अगर आप टैम्पॉन का इस्तेमाल करती हैं, तो इसे 2 से 4 घंटे के अंतर पर चेंज करना चाहिए।
मार्केट में कई तरह के पैड्स आते हैं। अच्छी क्वालिटी और डिस्पोजेबल पैड्स( पैड्स का इतिहास) ज्यादा समय तक बैक्टीरिया फ्री रहते हैं, उसी जगह खराब क्वालिटी वाले पैड्स में बहुत जल्द ही बैक्टीरिया पनपने लगते हैं। ऐसे में बेहतर क्वालिटी के पैड्स ही इस्तेमाल करने चाहिए, जिससे आपकी हाइजीन अच्छी रह सके।
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कई बार कम ब्लड फ्लो होने पर महिलाएं पैड बचाने की कोशिश करती हैं। ऐसे में वो 12 घंटे से ज्यादा समय तक एक पैड लगाए रखती हैं, बता दें कि इस तरह की लापरवाही आपके लिए बीमारी पैदा कर सकती है। अगर आपका ब्लड फ्लो कम हो तो इन दिनों में आपको आपको स्मॉल साइज पैड या पैंटी लाइनर का इस्तेमाल करना चाहिए।
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कई बार महिलाएं पीरियड लीकेज से बचने के लिए एक के ऊपर दूसरा पैड लगा लेती हैं। इतना ही नहीं कई बार महिलाएं टैम्पॉन के नीचे कॉटन कपड़ा, या टैम्पॉन और सैनिटरी पैड साथ में इस्तेमाल कर लेती हैं। हालांकि यह फ्लो की समस्या से बचने के लिए जुगाड़ू तरीका है, लेकिन यह सेहत के लिए रिस्की हो सकता है। दोनों चीजों को एक साथ इस्तेमाल करने से रैशेज का खतरा भी बढ़ जाता है।
तो ये थी पैड बदलने से जुड़ी जरूरी जानकारियां, जिनके बारे में हर महिला को जरूर जानना चाहिए। आपको हमारा यह आर्टिकल अगर पसंद आया हो तो इसे लाइक और शेयर करें, साथ ही ऐसी जानकारियों के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी के साथ।
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