छोटे बच्चे कुछ भी चीज उठाकर अपने मुंह में डाल लेते हैं। ऐसे करके वह चीजों के बारे जानने-पहचानने की कोशिश करते हैं क्योंकि उनके लिए उनका सेंसर उनकी जीभ और उंगलियां ही होती हैं। हालांकि यह बहुत ही नॉर्मल बात है लेकिन कई बार बच्चे इन चीजों को मुंह में लेकर निगल भी जाते हैं। अगर यह पेट में जाकर पचने या हजम हो जाने वाली वस्तु है तो कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन पत्थर, सिक्के, बैटरी/सैल, बटन, धारदार या नुकीली चीजें निगलना बच्चे के लिए खतरनाक हो सकता है।
खासतौर पर अक्सर बच्चे खिलौनों एवं इन उपकरणों से खेलते समय इनमें इस्तेमाल होने वाली चमकीली बैटरियों को खेल-खेल में या उत्सुकता के कारण निगल जाते हैं। यह बटन बैटरियां बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है।
बच्चे का बैटरी निगलना
कॉलेज सर्जन्स ऑफ इंडिया सीएसआई के अध्यक्ष एवं एशियन इंस्टीच्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के डायरेक्टर डा एन के पांडे बताते हैं कि हाल के दिनों में ऐसी घटनाएं बढ़ गई है। ऐसी बैटरियों को निगलने पर बच्चे के पेट में केमिकल जलन पैदा हो सकती है और यहां तक कि भोजन को मुंह से पेट तक पहुंचाने वाली एसोफैगल नली या विंड पाइप में छेद भी हो सकता है। कई बार ऐसी बैटरी से निकलने वाली बिजली एसोफेगस के उत्तकों में प्रवाहित होने लगती है। यह बिजली ईसोफेगस या विंड पाइप ट्रैकिया को जलाकर उसमें छेद कर सकती है। जी हां शिशु या बच्चो का बटन बैटरी को निगलना बहुत आम बात है जो कास्टिक एसोफैगल चोटों का कारण बनती हैं।
बैटरी निगलने से शहद देगा सुरक्षा
ऐसे मामलों में, शहद या कैराफेट (एक चेरी-स्वादयुक्त डुओडनल अल्सर प्रिस्क्रिप्शन), एसोफैगल क्षति को कम करने में हेल्प कर सकता है, इस बात का दावा कोलंबिया के राष्ट्रव्यापी चिल्ड्रेन हॉस्पिटल के क्रिस जाटाना और सहयोगियों ने एक नया अध्ययन में किया है।
कैडावर और जीवित जानवरों पर किए गए प्रयोगों में पाया कि शहद और कैराफेट दोनों ने फिजीकल बाधा प्रदान की और बैटरी इंजेक्शन से जुड़े टिश्यु पीएच वृद्धि को निष्क्रिय कर दिया। दोनों ही अन्य सामान्य घरेलू तरल पदार्थों की तुलना में चोट गंभीरता को कम करते हैं, जिसमें एप्पल जूस, ऑरेंज जूस, सोडा, सॉफ्ट ड्रिंक, और मेपल सिरप शामिल थे।
क्या कहती है रिसर्च
इस टीम द्वारा पहले प्रकाशित अध्ययनों ने अवधारणा के सबूत के रूप में नींबू के रस जैसे कमजोर अम्लीय तरल पदार्थों का परीक्षण किया था। हालांकि, कई बच्चे नींबू के रस पीने का आनंद नहीं लेते हैं। इसके विपरीत, शहद का मीठा स्वाद युवा बच्चों के लिए अधिक आकर्षक है। जैकब्स ने कहा, ''माता-पिता और देखभाल करने वालों के लिए हमारी सिफारिश यह है कि अस्पताल पहुंचने तक नियमित अंतराल पर अपने बच्चों को शहद देते रहें, जबकि अस्पताल की सेटिंग में चिकित्सक बैटरी हटाने से पहले sucralfate का उपयोग कर सकते हैं।''
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सह-प्रिंसिपल जांचकर्ता जाटाना ने कहा, "एसोफैगल बटन बैटरी जल्दी से महत्वपूर्ण चोट का कारण बन सकती है। इसलिए घर और अस्पताल की सेटिंग दोनों के लिए सुरक्षात्मक हस्तक्षेप की पहचान की गई जिससे चोट गंभीरता को कम किया जा सकें।"
जाटाना ने निष्कर्ष निकाला, "हमारे परिणाम अभ्यास दिशानिर्देशों को बदल देंगे कि मेडिकल प्रोफेशनल ने बटन बैटरी इंजेस्टन का प्रबंधन कैसे किया है।" ये अध्ययन लैरींगोस्कोप पत्रिका में दिखाई दिया।
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