डायबिटीज की वजह से फेल हो सकती है किडनी, सही खान-पान से होगा बचाव

लंबे समय तक ब्लड शुगर बढ़े रहने से किडनी से जुड़ी बीमारियां होने लगती हैं। लेकिन, खान-पान में बदलाव और कुछ बातों का ध्‍यान रखकर डायबिटीज की वजह से  होने वाली किडनी की बीमारियां को मैनेज और रोका जा सकता है।  
tips to prevent kidney disease if you have diabetes

भारत के साथ ही, दुनियाभर में डायबिटीज मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। एक अनुमान के मुताबिक, डायबिटीज के 20 से 40 फीसदी मरीज क्रोनिक किडनी डिजीज (सीकेडी) यानी किडनी से जुड़ी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। आमतौर पर टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों में सीकेडी के लक्षण देखने को मिलते हैं। हालांकि, लाइफस्टाइल में बदलाव करके हम बहुत हद तक सीकेडी से बच सकते हैं।

डायबिटीज की वजह से शरीर के पतले ब्लड वेसल्स डैमेज हो सकते हैं। खास तौर से यह किडनी के ब्लड वेसल्स को प्रभावित करता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि किडनी में पतले ब्लड वेसल्स होते हैं। इन वेसल्स के डैमेज होने की स्थिति में ये ठीक से अपना काम नहीं कर पाते हैं। ऐसा होने पर शरीर में जरूरत से ज्यादा नमक और पानी जमा होने लगते हैं। इसकी वजह से घुटनों में सूजन हो सकता है। यह किडनी खराब होने के शुरुआती लक्षण है। स्थिति ज्यादा बिगड़ने पर ये टॉक्सिक एलिमेंट पूरे शरीर और खून में जमा होने लगते हैं।

डीकेडी क्या है?

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लंबे समय तक ब्लड शुगर बढ़े रहने पर किडनी को नुकसान पहुंच सकता है। इसे मेडिकल की भाषा में डायबिटीक किडनी डिजीज (डीकेडी) या डायबेटिक नेफ्रोपैथी कहते हैं। किडनी में पतले ब्लड वेसल्स होते हैं। इसे हम ‘ग्लोमेरुली’ कहते हैं। इसका काम खून को फिल्टर करना है। शरीर में जरूरत से ज्यादा ग्लूकोज इन वेसल्स (ग्लोमेरुली) और किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में ये ठीक से फिल्टर नहीं कर पाते हैं। इसकी वजह से खून और शरीर में टॉक्सिक पदार्थ जमा होने लगते हैं।

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अच्छी बात है कि समय रहते सचेत हो जाने पर डायबिटीज की वजह से किडनी से जुड़ी बीमारियों को मैनेज किया जा सकता है। यहां तक कि इसे रोका भी जा सकता है। इसके लिए डायबिटीज के मरीजों को अपना ब्लड शुगर लेवल और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखने की जरूरत होती है। इसके अलावा, दवाइयों और खानपान में बदलाव से इसका इलाज संभव है। ऐसे ही कुछ उपायों के बारे में डॉक्टर अभ्युदय सिंह राणा बता रहे हैं। वह मेदांता, गुरुग्राम में एसोसिएट कंसल्टेंट, डीएनबी(नेफ्रोलॉजी), डीएनबी(मेडिसीन), एमबीबीएस(एमडी फिजिशियन) हैं।

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डॉक्टर की सलाह से दवा लें

शुरुआती दौर में डॉक्टर कुछ दवाइयां लेने का सुझाव दे सकते हैं। इनमें आपकी स्थिति देखते हुए ये दवाइयां हो सकती हैं।

ब्लड शुगर को रखें कंट्रोल

डीकेडी यानी डायबिटीज की वजह से किडनी में होने वाली बीमारियों को मैनेज करने के लिए डॉक्टर आपको दवाइयां दे सकते हैं। ऐसे मरीजों को आमतौर पर इंसुलिन दिया जाता है।

किडनी की सुरक्षा

डॉक्टर जरूरत पड़ने पर किडनी के टिश्यू की सुरक्षा के लिए कुछ दवाइयां दे सकते हैं। इससे किडनी के फेल होने की समस्या दूर हो सकती है। इसके इस्तेमाल से हार्ट अटैक का खतरा भी कम हो सकता है।

हाई कोलेस्ट्रोल को मैनेज करना

कोलेस्ट्रोल को मैनेज करने के लिए एक खास दवा का इस्तेमाल होता है। इसके सेवन से यूरिन में प्रोटीन की मात्रा को कम किया जाता है। गौरतलब है कि यूरिन में प्रोटीन की मात्रा बढ़ने से किडनी डैमेज हो सकती है।

खान-पान में करें ये बदलाव

खान-पान में बदलाव से डीकेडी को मैनेज किया जा सकता है। खासकर, शुरुआती स्टेज में यह काफी हद तक कारगर है। खान-पान में इन बातों को शामिल करें।

जरूरत से ज्यादा पानी का सेवन न करें

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पानी शरीर के लिए जरूरी है, लेकिन जरूरत से ज्यादा पानी पीने से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है और शरीर के कुछ हिस्सों में सूजन आ सकती है।

न करें ज्यादा प्रोटीन का सेवन

जरूरत से ज्यादा प्रोटीन लेने से खून में टॉक्सिन बढ़ता है, जिससे किडनी को ज्‍यादा काम करना पड़ता है।

फॉस्फोरस से भरपूर फूड न खाएं

डेयरी और प्रोटीन-रिच फूड में फॉस्फोरस की मात्रा अधिक होती है। शरीर में फॉस्फोरस की मात्रा ज्यादा होने से किडनी को ज्यादा काम करना पड़ता है। साथ ही, इससे हड्डियों को भी नुकसान पहुंचता है।

ज्यादा पोटैशियम लेने से बचें

जिन लोगों को किडनी से जुड़ी बीमारियां होती हैं उन्हें खाने में पोटैशियम की मात्रा का ध्यान रखना चाहिए। शरीर में पोटैशियम की मात्रा अधिक होने पर नर्व फंक्शन में गड़बड़ी हो सकती है। सूखे मेवे (किशमिश और खुबानी) सेम, दाल, आलू, पालक, ब्रोकोली, एवोकाडो, केला वगैरह में पोटैशियम की मात्रा ज्यादा होती है।

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संतुलित मात्रा में नमक खाएं

avoid salt

सोडियम का अत्यधिक सेवन करने से ब्लड प्रेशर लेवल बढ़ सकता है। इससे किडनी डैमेज होने का खतरा बड़ सकता है।

शुरुआत में ही बीमारी का सही इलाज, दवाइयों के सेवन और खान-पान में बदलाव से डायबिटीज को मैनेज करने के साथ ही किडनी से जुड़ी बीमारियों के खतरे को भी कम किया जा सकता है। डायबिटीज के मरीजों को ब्लड शुगर के साथ ही ब्लड प्रेशर की नियमित जांच करने की आदत बना लेनी चाहिए।

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Image Credit: Shutterstock & Freepik

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