छाछ से भी हो सकती है गैस और ब्लोटिंग, पीने से पहले करें ये काम

आप डाइजेश के लिए छाछ पीते हैं, लेकिन उसे पीकर अक्सर पेट फूलने की समस्या होती है? गैस और ब्लोटिंग से बचने के लिए एक्सपर्ट द्वारा सुझाए गए उपाय आपके काम जरूर आएंगे।

how to drink buttermilk to avoid gas

हमारी खाने-पीने की परंपरा में छाछ का एक अहम स्थान है। यह एक लोकप्रिय और स्वादिष्ट पेय है, जिसे गर्मियों में खूब चाव से पिया जाता है। इसे दूध से बनाया जाता है और इसमें प्रोबायोटिक्स और अन्य अच्छे गुण होते हैं, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखते हैं।

इतना ही नहीं, छाछ गैस और ब्लोटिंग जैसी समस्याओं से राहत प्रदान करने में मदद करती है। हालांकि, कुछ लोगों को छाछ पीने के बाद भी गैस बनने और पेट फूलने की समस्या हो सकती है। आज के समय में छाछ में लाभकारी बैक्टीरिया मिलाकर उसे कल्चर्ड बनाया जाता है। यह पारंपरिक छाछ बनाने के तरीके से अलग होता है और इसलिए शाद कई लोगों को इससे पेट की समस्याएं हो सकती हैं।

आयुर्वेद प्रैक्टिशनर डॉ. अपर्णा पद्मनाभन अपने एक पोस्ट के जरिए बताती हैं, "छाछ पाचन के लिए अच्छी होती है, लेकिन कई लोगों को यह पचती नहीं है। आयुर्वेद में पांच तरह की छाछ का जिक्र किया गया है। किन लोगों को छाछ पीनी चाहिए और किन्हें नहीं, यह भी बताया गया है।" आइए एक्सपर्ट से जानें कि छाछ पीने से कुछ लोगों को ब्लोटिंग क्यों होती है? साथ ही, जानते हैं उन 5 तरह की छाछ के बारे में।

छाछ से क्यों होती है गैस और ब्लोटिंग की समस्या?

bloating after drinking buttermilk

मिल्क प्रोडक्ट्स में अच्छी मात्रा में सोडियम होता है, इसलिए हमेशा पहले न्यूट्रिशन लेबल की जांच कर लेनी चाहिए। बहुत अधिक सोडियम का सेवन करने से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है। वहीं, छाछ में लैक्टोज होता है, जो एक नेचुरल शुगर है और कई लोग इसके प्रति सेंसिटिव होते हैं। अगर आपको हाई सोडियम खाने की मनाही है या आप लैक्टोज इनटॉलरेंट हैं, तब आपको छाछ का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए।

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आयुर्वेद के मुताबिक 5 तरह की होती है छाछ

डॉ. अपर्णा बताती हैं कि आयुर्वेद में 5 तरह की छाछ- घोला, मठिता, तकरा, उदाशवित, छाछिका हैं।

घोला छाछ: इस तरह की छाछ को बिना पानी डाले मथा जाता है। इससे क्रीम भी नहीं निकाली जाती है, इसलिए इसे घोला कहते हैं। यह डाइजेशन के लिए हैवी होती है, लेकिन पोषण देती है। यह छाछ कफ को बढ़ाती है और वात और पित्त को शांत करती है। कई लोगों को इससे गले में खराश की शिकायत होती है। अगर आपको साइनस है या अपर रेस्पिरेटरी इंफेक्शन है, तो इसका सेवन न करें। ओवरवेट और डायबिटीज के मरीजों को भी इसे नहीं पीना चाहिए।

मठिता छाछ: दही में पानी डालकर इसे मथा जाता है, लेकिन इससे क्रीम निकाल दी जाती है। क्रीम निकल जाने के कारण इसे पचाना आसान हो जाता है और कफ और पित्त को शांत करती है। इसका ताजा सेवन आपके डाइजेशन को बेहतर बना सकता है। हालांकि, अगर आपका मेटाबॉलिज्म स्लो है, तो इसका सेवन करने से बचना चाहिए।

तकरा छाछ: इसे मथने के बाद, इसमें 4 गुना पानी डाला जाता है। इसका स्वाद थोड़ा तीखा और खट्टा होता है और यह पाचन के लिए अच्छी होती है। इसकी तासीर गर्म होती है और यह पाचन अग्नि को बढ़ाती है। इसे पीने से वात शांत होता है, लेकिन अगर आपको एसिडिटी, पेट जलने की समस्या है, तो इसे न पिएं। स्किन डिजीज और एलर्जी से पीड़ित लोगों को भी इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

उदाशवित छाछ: दही में आधा पानी मिलाकर उसे अच्छी तरह मथा जाता है। यह कफ को बेहतर बनाने के साथ स्ट्रेंथ देती है और शरीर को डिटॉक्सिफाई करती है। अगर आपका डाइजेशन अच्छा है, तो यह आपके लिए अच्छी साबित हो सकती है। लो एनर्जी, थकान, ड्राइनेस या वजन बढ़ाना चाहें, तो इसका सेवन करना चाहिए। अगर आपको एलर्जी है, रेस्पिरेटरी समस्या है या एसिडिटी होती है, तब इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

छाछिका छाछ: इसे मथकर क्रीम निकाली जाती है और इसमें खूब पानी डाला जाता है, जिसके बाद इसे फिर मथा जाता है। इसकी तासीर ठंडी होती है और इसे पचाना भी आसान होता है। अगर आपको थकान है या प्यास बहुत लगती है, तो इसका सेवन अच्छा है। यह कफ को बढ़ाता है और इसमें नमक डालकर पीने से डाइजेशन अच्छा होता है। यदि आपको किसी तरह की एलर्जी, स्किन इंफेक्शन या रेस्पिरेटरी इंफेक्शन है, तो इसका सेवन न करें।

गैस और ब्लोटिंग से बचने के लिए छाछ कैसे पिएं:

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छाछ को धीरे-धीरे पिएं: छाछ को धीरे-धीरे पीने का प्रयास करें। बिना सही समय के और जल्दी में पीने से खाना पचने में परेशानी हो सकती है और गैस बन सकती है।

छाछ को ठंडा करके पिएं: गर्मी के मौसम में, ठंडी छाछ पीना आरामदायक होता है और यह पेट को शांति प्रदान करता है। गर्म छाछ पीने से पेट में गैस बन सकती है।

छाछ को छानकर पिएं: छाछ मथने के बाद उसमें क्रीम रह सकती है, जिसे पीने से आपके पेट में गैस बन सकती है। इसलिए छाछ को छानकर पीने से इस तरह की समस्या से बचा जा सकता है।

छाछ में हींग या जीरा डालें: छाछ में हींग या जीरा मिलाने से पाचन तंत्र को मजबूती (पाचन तंत्र के लिए आयुर्वेदिक टिप्स) मिलती है और गैस बनने की समस्या कम होती है।

अधिक पानी पिएं: अधिक पानी पीने से आपके शरीर में खराब तत्व बाहर निकल जाते हैं और यह पाचन तंत्र को सुधारता है। इससे गैस और ब्लोटिंग की समस्या कम हो सकती है।

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छाछ पीने से पहले ध्यान रखें ये बातें-

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  • हमेशा कोशिश करें कि छाछ फ्रेश हो। ओवर-फर्मेंटेड या बहुत खट्टी छाछ आपको नुकसान पहुंचा सकती है।
  • अगर आपको किसी भी तरह का रेस्पिरेटरी इंफेक्शन, एसिडिटी, फीवर या ब्लोटिंग की समस्या रहती है, तो छाछ का सेवन न करें।
  • तकरा को जीरा, धनिया, करी पत्ता, हल्दी के साथ बॉयल करें और उसका सेवन करें। इससे आपका पेट खराब नहीं होगा।

इन तरीकों को आजमाकर आप छाछ का सेवन कर सकते हैं और गैस और ब्लोटिंग से बच सकते हैं। अगर फिर भी छाछ पीने से आपकी समस्या बढ़ती है, तो अपने चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए।

हमें उम्मीद है कि एक्सपर्ट द्वारा सुझाए गए ये टिप्स आपके काम आएंगे। अगर आपको यह लेख पसंद आया, तो इसे लाइक और शेयर करें और ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।

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Image Credit: Freepik

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