मौसमी एलर्जी और अस्थमा से बच्चों को कैसे बचाएं? जानें एक्सपर्ट टिप्स

बदलते मौसम में अक्सर बच्चे अस्थमा और मौसमी एलर्जी के कारण परेशान हो जाते हैं। ऐसे में बच्चों में अस्थमा और मौसमी एलर्जी के मुख्य कारणों को पहचानकर उनकी रोकथाम की जा सकती है। हम आपको इस आर्टिकल में एक्सपर्ट के बताए कुछ उपाय बता रहे हैं।
  • Aiman Khan
  • Editorial
  • Updated - 2025-04-03, 13:19 IST
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जैसे जैसे मौसम बदलता है, कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इनमें से एक है बच्चों में अस्थमा और एलर्जी की समस्या होना। अस्थमा एक पुरानी बीमारी है, जिसमें वायुमार्ग में सूजन और सिकुड़न हो जाती है, जिससे सांस लेने में दिक्कत होती है। वहीं, मौसमी एलर्जी धूल, पराग कण, फफूंद और अन्य एलर्जी कारकों के कारण होती है, जिससे छींक आना, नाक बहना, आंखों में खुजली होने जैसी समस्याएं हो सकती है। कई मामलों में ,मौसमी एलर्जी अस्थमा को और भी ज्यादा ट्रिगर कर सकती है। सही जानकारी और कुछ आसान उपायों को अपनाकर इन समस्याओं सो बच्चो को बचाया जा सकता है।Dr. Devendra Kumar Singh, Senior Consultant, Department of Respiratory Medicine, Sharda Care Healthcity इस बारे में जानकारी साझा कर रहे हैं।

अस्थमा और एलर्जी के कारण

asthma in children

  • पराग कण, पेड़ों, घास और फूलों से निकलने वाले पराग कण एलर्जी का बड़ा कारण होते हैं। मौसम बदलने पर यह हवा में ज्यादा मात्रा में फैलते हैं और सांस लेने पर एलर्जी हो सकती है
  • कुत्ते,बिल्लियां, कीड़े की लार, बाल और त्वचा की परतें एलर्जी का कारण बन सकते हैं। फफूंद के बीजाणु सांस के जरिए शरीर में पहुंचकर एलर्जी और अस्थमा को ट्रिगर कर सकते हैं।

मौसमी एलर्जी और अस्थमा से बच्चों को कैसे बचाएं?

  • एलर्जी कारकों से बचाव के लिए घर को साफ-सुथरा रखें, घर में धूल-गंदगी जमा न होने दें।
  • बेडशीट, तकिए के कवर और पर्दों को नियमित रूप से धोएं।
  • घर में ज्यादा नमी न बनने दें और एयर प्यूरिफायर का इस्तेाल करें।
how to manage asthma in children

डॉक्टर से सलाह लेकर बच्चों को अस्थमा कंट्रोल करने वाली दवाएं दें। इनहेलर और नेब्युलाइजर का सही इस्तेमाल करें, एलर्जी कम करने के लिए एंटीहिस्टामाइन का प्रयोग करें।

नमक के पानी से नाक की सफाई करने से एलर्जी के लक्षणों में राहत मिलती है। यह नाक के अंदर जमे हुए एलर्जी कारकों को निकालने में मदद करता है।

अपने बच्चे के डॉक्टर के साथ मिलकर एक अस्थमा एक्शन प्लान तैयार करें। इसमें यह तय करें कि लक्षण बढ़ने पर कौन सी दवा कब और कितनी मात्रा में देनी है।

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Image Credit:Freepik

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