आयुर्वेद में स्वस्थ जीवन के कुछ नियम बताए गए हैं। इनमें खाने-पीने, नहाने, सोने और भी कई चीजों से जुड़े नियम शामिल हैं। मौसम के हिसाब से डाइट में बदलाव, नहाने का सही समय, सोने का सही समय और शरीर की प्रकृति के हिसाब से खाने की कुछ चीजों को छोड़ना, ये सारी बातें आयुर्वेद में जरूरी मानी गई हैं। शरीर का अंदर और बाहर से स्वच्छ रहना जरूरी है।
आयुर्वेद के अनुसार, नहाते वक्त और इससे पहले कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। नहाने का गलत समय आपको बीमार कर सकता है। शरीर की बाहर से सफाई सिर्फ सुंदरता के लिए नहीं, बल्कि स्वच्छता के लिए भी जरूरी है। इस बारे में डॉक्टर नीतिका कोहली जानकारी दे रही हैं। डॉक्टर नीतिका, आयुर्वेद में एमडी हैं। उन्हें इस फील्ड में 17 सालों का अनुभव हैं।
आयुर्वेद के अनुसार नहाने का सही समय और तरीका
आयुर्वेद के अनुसार, दिन में दो बार नहाना चाहिए। सूरज उगने से पहले पेट का साफ होना, दांत साफ होना और शरीर का स्वच्छ होना जरूरी है। दूसरी बार, शाम के वक्त हल्के गुनगुने पानी से नहाना चाहिए। इससे मसल्स और नर्व्स को आराम मिलता है। एक्सपर्ट के मुताबिक, आयुर्वेद कहता है कि आपको हाथी की तरह नहाना चाहिए यानी शरीर को साफ करने के लिए पर्याप्त पानी की इस्तेमाल करना चाहिए। इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि आप पानी की बर्बादी करें लेकिन पानी सही से जरूर इस्तेमाल करें ताकि शरीर पूरी तरह साफ हो सके।
स्नान से पहले करें मसाज
आयुर्वेद में नहाने से पहले मसाज करने की सलाह दी जाती है। अभ्यंग यानी तेल से मसाज, नहाने से पहले जरूरी है। मसाज के लिए तिल का तेल सबसे अच्छा माना जाता है। हालांकि, आप बादाम या नारियल तेल का उपयोग भी कर सकती हैं। इससे ब्लड सर्कुलेशन भी अच्छा होता है और शरीर को अंदर से डिटॉक्स करने में भी मदद मिलती है।
हर्बल पाउडर से स्क्रब
नहाने से पहले और मसाज के बाद हर्बल पाउडर से शरीर को साफ करें। हर्बल पाउडर में बेसन, मूंग दाल, हल्दी, गुलाब की पंखुड़ियां, चंदन की लकड़ी, नीम की पत्तियां और खस का इस्तेाल करें।
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नहाने के लिए ऐसा होना चाहिए पानी
आयुर्वेद की मानें तो नहाने के लिए हल्के गुनगुने पानी का इस्तेमाल करना चाहिए। हालांकि, सिर और बालों में गुनगुने पानी को सीधा नहीं डालना चाहिए। सिर धोने के लिए रूम टेम्परेचर पर पानी लेना चाहिए। खाना खाने के तुरंत बाद नहाने से बचें। इससे डाइजेशन खराब हो सकता है।
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