हे भगवान! फिर से महीने का वहीं टाइम आ गया!
क्या मेरी तरह पीएमएस के लक्षणों के चलते आपको भी हर महीने नरक जैसा महसूस होता हैं?
क्या आप अक्सर सोचती हैं कि काश कोई ऐसा घरेलू उपचार होता, जिससे आप इसके लक्षणों को कम करने में हेल्प मिल पाती।
अगर आप भी मेरी तरह इस समस्या के लक्षणों को कम करने के उपायों की खोज कर रही हैं और आपके दिमाग में भी यहीं चल रहा है कि इस समस्या से बचने के क्या किया जा सकता है? क्या ऐसा कोई घरेलू उपचार है जिसकी हेल्प से इस समस्या से बचा जा सकें। तो पीएमएस और उपचार के बारे में अधिक जानने के लिए इस आर्टिकल को जरूर पढ़ें। जो आपको इस लक्षणों को कम करने में हेल्प कर सकता है। उपायों को जानने से पहले हम जान लेते हैं कि आखिर पीएमएस और इसके लक्षण क्या है?
पीएमएस क्या है?
अधिकांश महिलाओं को पीरियड्स शुरू होने से पहले कुछ लक्षण महसूस होते हैं, जैसे: पीरियड्स के समय पेट दर्द, ब्रेस्ट में सूजन, ब्रेस्ट में दर्द, पीठ में दर्द इत्यादि जिन्हें प्रीमेंसट्रूअल सिंड्रोम (पीएमएस) कहा जाता है। वैसे तो ये सामान्य लक्षण हैं लेकिन इस दौरान ये आपकी दिनचर्या को बहुत प्रभावित करते हैं। कुछ महिलाओं को यह लक्षण शुरुआत में लेकिन कुछ को 20 की उम्र के बाद महसूस होते हैं। ये लक्षण 30-40 की उम्र में मेनोपॉज से पहले बिगड़ भी सकते हैं।
पीएमएस क्यों होता है?
पीएमएस, पीरियड्स के दौरान होने वाले हार्मोन परिवर्तनों के कारण होता है। आज तक डॉक्टर भी यह नहीं जानते कि ये लक्षण कुछ महिलाओं में ज्यादा और कुछ में ना के बराबर क्यों होते हैं। अगर आपके खाने में विटामिन बी 6, कैल्शियम और मैग्नीशियम पर्याप्त मात्रा में नहीं है तो पीएमएस और अधिक होने की सम्भावना बढ़ जाती है। अधिक स्ट्रेस, एक्सरसाइज में कमी, तथा कैफीन की अधिक मात्रा इन लक्षणों को और अधिक खराब बना सकती है।
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पीएमएस के कुछ अन्य कारण
- पीरियड्स से ठीक पहले, प्रोजेस्टेरोन के लेवल का गिरना।
- विटामिन बी की कमी। यह बॉडी में एस्ट्रोजेन के अतिरिक्त लेवल की ओर जाता है और प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन के बीच अनुपात में असामान्यता का कारण बनता है।
- किडनी की खराब स्थिति। यह बॉडी में तरल पदार्थ का हाइपोग्लाइसीमिया या रिटेंशन की ओर जाता है। इससे कैल्शियम और एड्रेनालाईन के लेवल में वृद्धि होती है, जो सेरोटोनिन के संश्लेषण में हस्तक्षेप करती है।
- प्रोस्टाग्लैंडिन की असामान्य एक्टिविटी।
- बायोजेनिक अमीन न्यूरॉन्स को प्रभावित करने वाले हार्मोन में बदलना।
सिंड्रोम के लिए घरेलू उपचार
हेल्दी डाइट
अपनी डाइट में हेल्दी चीजों जैसे फल और सब्जियों, फिश, होल ग्रेन्स, नट्स और कच्चे बीज को शामिल करें। ये आपकी बॉडी को सभी पोषक तत्व प्रदान करता है जो बॉडी को विभिन्न मेटाबॉलिक प्रोसेस को प्रभावी ढंग से करने के लिए जरूरी है। पकोड़ा, चिप्स और पूरी जैसे ऑयली फूड्स से बचें। यह आपके सिस्टम में प्रॉब्लम्स का कारण बन सकता है और आप आलसी महसूस करेंगी। अच्छा खाना पीएमएस के लक्षणों से राहत मिलेगी।
डाइट में ओटमील शामिल करें
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ओटमील, धीमे और धीरे-धीरे चीनी के मेटाबॉल्जिम में हेल्प करता है। यह प्रक्रिया पीएमएस के दौरान होने वाली चीनी की लालसा को कम करता है। कुछ अन्य फूड भी है जो ओटमील की तरह काम करते हैं जैसे बासमती चावल, राई ब्रेड और कुछ फल शामिल है। ये पीएमएस को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
सेरोटोनिन से भरपूर फूड्स
एवोकाडो में प्राकृतिक सेरोटोनि होता है। यह मूड को बढ़ाने और डिप्रेशन, चिंता, उदासी से छुटकारा पाने के लिए एक अद्भुत है। एवोकाडो के अलावा खजूर, पपीता, बैंगन, पाइनएप्पल आदि में भी बॉडी में सेरोटोनिन के आवश्यकत स्रोत बनाते हैं। इसका सेवन करें और पीएमएस को रोकें।
केले
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केला पोटेशियम से भरपूर होता हैं। ये सूजन, ब्लोटिंग, वॉटर रिटेंशन और पीएमएस के अन्य लक्षणों के राहत प्रदान करता है। पोटेशियम में भरपूर कुछ अन्य फूड्स में अंजीर, आलू, प्याज, ब्रोकली, टमाटर और कई अन्य भी शामिल हैं।
सोडियम फूड का सेवन कम करें
नमक के ज्यादा सेवन से ब्लोटिंग की समस्या होती है। बहुत सारी फूड्स मं बहुत अधिक मात्रा में टेबल नमक होता है। जिससे सूजन, ब्रेस्ट में पेन, बॉडी में वॉटर रिटेंशन और पीएमएस के अन्य लक्षणों का कारण बनती है। इसलिए सलाद ड्रेसिंग, हॉट डॉग, चिप्स आदि को खाने से बचें।
काली मिर्च
एलोवेरा जैल में 1 बड़े चम्मच में एक चुटकी काली मिर्च मिलाएं। इसे दिन में तीन बार खाएं। यह आपको पीएमएस के लक्षणों जैसे पेट की ऐंठन, सिरदर्द, पीठ दर्द आदि से राहत दिलाने में हेल्प करता है। कुछ मात्रा में एलोवेरा जैल के साथ थोडा़ सा जीरा लेने से भी काफी हद तक पीएमएस के इलाज के लिए अद्भुत काम करती है।
कार्ब्स लेना
कार्बोहाइड्रेट पीएमएस के इलाज के लिए अद्भुत काम करते हैं। ताजा फल, होल ग्रेन, सब्जियां, रोटी, आदि फूड्स को कम करने में सहायता, जो पीएमएस का एक प्रमुख लक्षण है। ये मनोदशा को बढ़ाने और चिंता, स्ट्रेस, तनाव और डिप्रेशन को रोकने में मदद करते हैं।
तिल के बीज
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ओमेगा-6 फैटी एसिड पीएमएस के दौरान कम लेना चाहिए। लेकिन तिल के बीज, कद्दू और सनफ्लावर बीज पीरियड्स से हफ्ता पहले के दौरान बेहद फायदेमंद होती है। ये बीज ओमेगा-6 फैटी एसिड के भरपूर स्रोत है, जो पीरियड्स के विभिन्न लक्षणों को प्रभावी ढंग से कंट्रोल करने में हेल्प करते हैं।
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हर्बल चाय
हर्बल टी लेने से पीएमएस के लक्षणों के इलाज में आश्चर्यजनक रूप में काम करता है। सोने से पहले कैमोमाइल चाय या दालचीनी की चाय लें। चाय को थोड़ा मीठा करने के लिए थोड़ा सा शहद मिलाएं। यह आपको पूरी तरह से रिलैक्स करने और शांतिपूर्ण नींद में हेल्प करता है। और ऐसा करने से पीएमएस के संकेतों और लक्षणों से प्रभावी रूप से राहत मिलती है।
इन उपायों को अपनाकर आप पीएमएस के लक्षणों को दूर कर सकती हैं।
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