जादुई है यह छोटा-सा पौधा, खांसी-जुकाम से लेकर लिवर-किडनी की परेशानी में देता है राहत

भूम्यामलकी एक ऐसा जादुई पौधा है, जो खांसी-जुकाम से लेकर लिवर-किडनी की परेशानी में राहत दिला सकता है। आइए, यहां जानते हैं कि आयुर्वेद में भूम्यामलकी के क्या-क्या फायदे बताए गए हैं। 

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आयुर्वेद में ऐसी लाखों-करोड़ों जड़ी-बूटियां हैं, जो हमें गंभीर से गंभीर बीमारी से दूर रखने में मदद करती है। हेल्दी लाइफस्टाइल और खान-पान को लेकर जागरूक हो रहे लोगों का बीते कुछ सालों में आयुर्वेद की तरफ रूझान भी बहुत बड़ा है। ऐसे में लोगों ने अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों और काढ़े का सेवन भी शुरू कर दिया है। लेकिन क्या आप उस छोटे-से पत्तों वाले पौधे के बारे में जानती हैं, जो खांसी-जुकाम से लेकर लिवर-किडनी की परेशानी में राहत मिल सकती है।

छोटे पत्तों वाले इस पौधे का नाम भूम्यामलकी है, जिसे भुई आंवला भी कहा जाता है। आयुर्वेद के मुताबिक, भुईं आंवला एक ऐसा पौधा है जो कई बीमारियों को ठीक करने में मददगारी साबित हो सकता है। भुई आंवला के पौधे की पत्तियां स्वाद में कुछ कड़वी और मीठी होती हैं। भूम्यामलकी के बारे में डॉ. चैताली राठौड़ ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है। डॉ. चैताली राठौड़ ने BAMS किया है।

भूम्यामलकी किन-किन बीमारियों में फायदेमंद?

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एक्सपर्ट के मुताबिक, भूम्यामलकी का पौधा किसी रामबाण से कम नहीं है, इसमें ऐसे तत्व होते हैं, जो कई तरह की बीमारियों से दूर रखने में मदद करते हैं।

  • भूम्यामलकी या भुईं आंवला का पौधा बालों के झड़ने को कम करने में मदद कर सकता है।
  • यह खून की कमी और एनीमिया में मदद भी फायदेमंद हो सकता है।
  • मेंसुरेशन साइकिल की गड़बड़ी को भी यह ठीक करने में मदद कर सकता है।
  • डायबिटीज के मरीजों के लिए भी भूम्यामलकी या भुईं आंवला का पौधा फायदेमंद हो सकता है। डायबिटीज को कंट्रोल करने के साथ-साथ इस जड़ी-बूटी के कई फायदे हैं।
  • बुखार और इंफ्लामेशन में भी यह आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी फायदा पहुंचा सकती है।
  • लिवर की परेशानी से भी निपटने में भूम्यामलकी का पौधा मदद कर सकता है।
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  • हेपटाटिस की परेशानी में भी भूम्यामलकी का पौधा किसी रामबाण की तरह काम आ सकता है।
  • पीलिया में भी यह आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी मदद कर सकती है।
  • हाइपरटेंशन में भी भूम्यामलकी के पौधे के कई फायदे हो सकते हैं।

कैसे करें सेवन?

  • एक्सपर्ट के मुताबिक, भूम्यामलकी का यह पौधा बहुत ही आसानी से मिल जाता है। इसके पत्तों को तोड़कर और पीसकर जूस बनाया जा सकता है। भूम्यामलकी के पौधे के जूस को पानी के साथ मिलाकर पीने की सलाह दी गई है।
  • अगर आप आयरन लेवल बढ़ाना चाहती हैं तो भूम्यामलकी के पत्तों का चूर्ण छाछ के साथ भी पी सकती हैं।
  • किसी जख्म या इंफेक्शन पर भूम्यामलकी के पत्तों का पेस्ट लगाने से भी फायदा मिल सकता है।
  • लिवर की परेशानी, बुखार या पीलिया में भी इस जादुई पौधे के पत्तों का फ्रेश जूस पीना फायदेमंद हो सकता है।
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  • एक्सपर्ट के मुताबिक, यह एक जड़ी-बूटी है जिसके अनेकों फायदे हैं लेकिन इसे हर किसी को दवाई की तरह नहीं दिया जा सकता है। भूम्यामलकी आपकी मदद कर सकता है लेकिन यह पूरी तरह से कोई इलाज नहीं है।

भूम्यामलकी के अन्य फायदे

सांस की बीमारी

पतंजलि के मुताबिक, सांस से जुड़ी बीमारी में भी भूम्यामलकी का पौधा फायदेमंद साबित हो सकता है। इसके लिए भूम्यामलकी की जड़ को पीस लें और फिर इसे शहद में मिलाकर लेने से सांस की परेशानी से राहत मिल सकती है।

आंखों की बीमारी

पतंजलि के मुताबिक, भूम्यामलकी या भुई आंवला को सेंधा नमक के साथ तांबे के बर्तन में थोड़ा-सा पानी डालकर पीस लें। यह एक लेप की तरह तैयार हो जाएगा, आंख के बाहर की परेशानी में इसे लगाना से फायदा हो सकता है।

मुंह के छाले

भूम्यमालकी के 50 ग्राम पत्तों को लेकर पीस लें और फिर इसमें 200 मिली पानी डालकर काढ़ा तैयार कर लें। मुंह में छाले होने पर इस काढ़े से कुल्ला करने से राहत मिल सकती है।

अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।

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Image Credit: Freepik

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