दिल्ली के स्मॉग से हो रही है परेशानी, अपनाएं ये आयुर्वेदिक उपाय

अगर बढ़ता प्रदूषण आपको भी परेशान कर रहा है तो आर्टिकल में एक्‍सपर्ट के बताए टिप्‍स को जरूर आजमाएं। 

Tips for Air Pollution at home

बढ़ता प्रदूषण कई लोगों को प्रभावित कर रहा है और कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन रहा है। जी हां वायु प्रदूषण एक धीमे जहर की तरह है जो आपकी सेहत को सबसे खतरनाक तरीके से खा जाता है। 6 से 7 घंटे तक ग्राउंड जोन के संपर्क में रहने पर किसी व्यक्ति को अस्थमा और सांस की अन्य बीमारियों का खतरा अधिक होता है।

यह न केवल आपको जोखिम में डालता है बल्कि फेफड़ों के कार्य को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाता है जिससे आपको सांस संबंधी सूजन का सामना करना पड़ता है। आपको खुद को और अपने परिवार को बढ़ते प्रदूषण से बचाने की जरूरत है।

प्रदूषण के हाई लेवल के दौरान खुद को विषाक्त पदार्थों से बचाने के लिए मास्क पहनना चाहिए। मास्क पहनने के अलावा प्रदूषण के प्रतिकूल प्रभाव को नियंत्रित करने के लिए आप कई स्‍टेप्‍स उठा सकते हैं। आयुर्वेद ने लगभग हर समस्या का सबसे प्राकृतिक तरीके से समाधान दिया है। प्रदूषण के प्रतिकूल प्रभाव को नियंत्रित करने के लिए कुछ हेल्‍दी आयुर्वेदिक उपाय भी हैं।

हमने ऐसे उपायों के बारे में जानने के लिए आयुर्वेदिक एक्‍सपर्ट डॉक्‍टर अबरार मुल्‍तानी से बात की जो इस खतरे से बचने में आपकी मदद कर सकते हैं। उनका कहना है, 'कुछ आयुर्वेदिक तरीके हैं जिनसे आप अपने फेफड़ों को नुकसान पहुंचाने वाले इस खतरनाक प्रदूषण के साइड इफेक्‍ट्स को कम कर सकते हैं।'

नीम के पत्ते

neem for air pollution

यह आयुर्वेदिक हर्ब प्रदूषकों को सोख लेता है और प्रभावों को दूर करने में भी मदद कर सकता है। त्वचा, बालों को नीम के पत्तों को पानी में उबालकर धोना चाहिए। यह त्वचा और म्यूकोसल झिल्ली से चिपके प्रदूषकों को साफ करेगा। हो सके तो सप्ताह में कम से कम दो बार तीन से चार पत्ते खाने की भी कोशिश करें। यह ब्‍लड और लसीका ऊतक को शुद्ध करने में मदद करता है।

एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुणों से युक्त नीम शरीर को ठंडक देते हुए इम्‍यून सिस्‍टम का निर्माण करता है। यह डिटॉक्सिफिकेशन करता है और ब्‍लड से अशुद्धियों दूर करता है।

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तुलसी का सेवन

तुलसी, जैसा कि हम सभी जानते हैं, तुलसी कई स्वास्थ्य लाभों से भरपूर होती है, जिसमें खांसी का इलाज करना और एसिडिटी और सूजन के जोखिम को कम करने के लिए इम्‍यूनिटी में सुधार करना शामिल है।

आधा टेबल स्पून तुलसी के पत्तों का रस शहद में मिलाकर 5 बूंद अदरक का रस सुबह खाली पेट सेवन किया जा सकता है।

घी का इस्‍तेमाल

ghee for air pollution

प्रदूषण से बचने के लिए हर रोज सुबह और सोते समय गाय के घी की 2 बूंद नाक के नथुने में डाल सकते हैं। साथ ही रोजाना दो से तीन चम्मच देसी घी का सेवन करना जरूरी है। यह लेड और मरकरी जैसी धातुओं के विषाक्त प्रभावों को कम करने के लिए बहुत उपयोगी है और उन्हें हड्डियों, किडनी और लिवर में जमा नहीं होने देता है।

यह डाइजेशन के लिए अच्छा होता है और इसमें डिटॉक्सिफाइंग गुण होते हैं। घी में ओमेगा 3 फैटी एसिड की उपस्थिति आपकी इम्‍यून सिस्‍टम का समर्थन करती है। साथ ही यह एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट का एक समृद्ध स्रोत है जो इसे एक जरूरी बनाता है। यह शरीर में एल्कलाइन वातावरण को बढ़ावा देता है और एल्कलाइन वातावरण शरीर में बीमारियों और बीमारियों को प्रकट करना मुश्किल बना देता है।

पिप्पली

पिप्पली फेफड़ों को शुद्ध करने के लिए सुपर जड़ी बूटियों में से एक है जिससे सांस लेना आसान होता है। यह अपने कायाकल्प गुणों के कारण फेफड़ों के इंफेक्‍शन के खिलाफ बहुत प्रभावी है। इसका सेवन करने का एक आसान तरीका है 1/4 चम्मच अदरक, 1/4 चम्मच हल्दी और 1/8 चम्मच पिप्पली पाउडर को 1 चम्मच शहद में मिलाकर गर्म पानी के साथ लें। हालांकि, इसे अधिकतम सात दिनों तक लिया जाना चाहिए और शिशुओं में इसका उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।

गुड़

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गुड़ आपको प्रदूषण के प्रभावों को दूर करने में मदद करेगा क्योंकि यह हानिकारक विषाक्त पदार्थों और प्रदूषकों को बाहर निकाल देगा। साथ ही गुड़ में आयरन होता है जो हमारे फेफड़ों की ब्‍लड के माध्यम से ऑक्सीजन ले जाने की क्षमता को बढ़ाता है। भोजन के बाद एक चम्मच गुड़ या सुबह जल्दी उठकर एक गिलास गर्म पानी के साथ लेने से उद्देश्य हल हो जाएगा।

अन्‍य उपाय

  • विटामिन-सी से भरपूर फूड्स, विशेष रूप से नींबू और संतरे, शरीर के इम्‍यून सिस्‍टम को बढ़ाने में मदद करते हैं।
  • ऐसे फूड्स जिनमें ओमेगा फैटी एसिड होता है, मैग्नीशियम भी शरीर को प्रदूषकों से लड़ने में मदद करते हैं।
  • जिन लोगों को सांस लेने में समस्या होती है, वे भी शहद खा सकते हैं क्योंकि यह बलगम को साफ करने में मदद करता है।
  • मौसमी फलों और सब्जियों से युक्त संतुलित और स्वस्थ आहार भी सूजन को कम करने में मदद करेगा।

वायु प्रदूषण से कैसे निपटें?

बहुत प्रदूषित जगह में रहने से कोई नहीं बच सकता। लेकिन वायु प्रदूषण के कारण खुद को बीमार होने से बचाने के लिए आप कुछ टिप्स अपना सकते हैं।

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फेस मास्क का इस्‍तेमाल करें

बाहर निकलते समय फेस मास्क पहनें। जब आप बाहर हों तो अपने मुंह और नाक को ढंकना सुनिश्चित करें।

रोज स्‍टीम लें

यूकेलिप्टस के तेल की तीन से चार बूंदें लें और स्‍टीम लेने के लिए इसका इस्तेमाल करें। अपने वायु-मार्गों को आराम देने के लिए इसे हर दिन सुबह या शाम को करें। यह आपके शरीर को हानिकारक पार्टिकुलेट पदार्थों को हटाने में मदद करेगा।

इसे जरूर पढ़ें:ज्यादा प्रदूषण की वजह से होती है सांस लेने में परेशानी तो क्या करें?

आप भी इन आयुर्वेदिक टिप्‍स की मदद से वायु प्रदूषण के असर को कम कर सकती हैं। इस आर्टिकल को शेयर और लाइक जरूर करें, साथ ही कमेंट भी करें। स्‍वास्‍थ्‍य सलाह से जुड़े ऐसे ही और आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

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Image Credit: Shutterstock & Freepik

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