हवा जीवन का आधार है इसके बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती हैं। लेकिन पर्यावरण का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा दूषित हो गया है और पिछले कुछ सालों में एयर पोल्यूशन की बहुत बड़ी समस्या खड़ी हो गयी है। जी हां एयर पोल्यूशन दिन-प्रतिदिन भयानक रूप लेता जा रहा है। जिससे हम लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया है। लेकिन क्या आप जानती हैं कि एयर पोल्यूशन आपकी स्किन को भी नुकसान पहुंचा सकता है। आइए जानें बढ़ते एयर पोल्यूशन से आपको कौन-कौन अन्य समस्याएं हो सकती है।
एक्सपर्ट की राय
चिकित्सकों का कहना है कि वर्तमान वायु की गुणवत्ता लोगों के लिए खतरा बनती जा रही है। यह सीधे हमारी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकती है और चकत्ते और जलन की वजह हो सकती है। इसकी वजह से आंखों और नाक में पानी आ सकता है। बीएलके सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के रेस्पिरेटरी मेडिसिन, एलर्जी एंड स्लीप डिस्ऑर्डर के सीनियर कंसलटेंट व एचओडी डॉक्टर संदीप नायर ने कहा, "वायु में मौजूद 2.5 माइक्रोन (पीएम 2.5) से छोटे कण सीधे सांस लेने के रास्ते हमारे शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। सांस लेने में दिक्कत, खांसी बुखार और यहां तक कि घुटन महसूस होने की समस्या भी हो सकती है। हमारा नर्वस सिस्टम भी प्रभावित हो जाता है और हमें सिरदर्द और चक्कर आ सकता है। अध्ययनों में बताया गया है कि हमारे दिल को भी प्रदूषण सीधे तौर पर नुकसान पहुंचाता है।"
एयर पोल्यूशन से होने वाली समस्याएं
डॉक्टर संदीप नायर ने कहा, "पिछले कुछ दिनों में मरीजों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। यहां तक कि रोग की गंभीरता भी बढ़ गई है। हमारी ओपीडी में हमने लगभग 20 प्रतिशत से 30 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। ये रोगी खांसी, सांस लेने में दिक्कत, छींकने, बुखार और सांस की समस्या से पीड़ित हैं। सबसे आम बीमारी जो देखने को मिली हैं, वे हैं गंभीर ब्रोंकाइटिस, अपर रिस्परेटरी ट्रैक्ट का इंफेक्शन और अस्थमा।"
एयर पोल्यूशन से बचने के टिप्स
डॉक्टर संदीप नायर ने कहा, "हालांकि प्रदूषण के घातक प्रभाव से कोई भी बचा नहीं है लेकिन आयु वर्ग के अनुसार ज्यादा पीड़ित हैं, यानि छोटे बच्चे और बुजुर्ग आयु समूह अधिक पीड़ित है। पर्यावरण की मौजूद स्थितियों से निपटने के लिए हमें उचित सावधानी बरतनी चाहिए।"
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- उन्होंने कहा, "सांस में हानिकारक कणों को लेने से बचने के लिए खुद को विशेष रूप से अपने चेहरे को कवर करने का प्रयास करना चाहिए।
- हेल्दी डाइट खाएं, आवश्यक मात्रा में तरल पदार्थ लें।
- इंफेक्शन की स्थितियों को कम करने के लिए सभी कमजोर मरीजों को फ्लू और निमोनिया के टीके लगवाने चाहिए।
- धुंध में सुबह के एक्सरसाइज/चलने से बचें क्योंकि एक्सरसाइज के दौरान हम मौजूद प्रदूषित और हानिकारक हवा को सांस से अधिक मात्रा में खींचते हैं।"
डॉक्टर नायर ने कहा, "सांस के रोगों से पीड़ित मरीजों को अपनी दवा (इनहेलर्स इत्यादि) रेगुलर तब भी लेनी चाहिए भले ही उनमें लक्षण न दिखें। उनके चिकित्सक से परामर्श किए बिना कोई दवा रोकना नहीं है। उन्हें बाहर सफर करते समय मास्क पहनना चाहिए। एन95 और एन99 मास्क छोटे हानिकारक करणों को सांस के साथ अंदर जाने से रोक सकते हैं।"
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