जोड़ों में दर्द की रहती है शिकायत तो वर्कआउट करते हुए इन बातों को बिल्कुल भी ना करें मिस

अगर आपको अक्सर जोड़ों में दर्द की शिकायत रहती है तो आपको वर्कआउट करते हुए कुछ छोटी-छोटी बातों का खासतौर पर ख्याल रखना चाहिए। जिससे आपको परेशानी ना हो।
Safe workouts for knee pain

फिट रहने के लिए वर्कआउट करना जरूरी है, यह तो हम सभी जानते हैं। लेकिन जिन लोगों को जोड़ों में दर्द की शिकायत रहती है, यह उनके लिए किसी चैलेंज से कम नहीं है। जोड़ों में दर्द के साथ एक्सरसाइज करने में अक्सर काफी परेशानी हो सकती है। यही वजह है कि अक्सर ऐसे लोग वर्कआउट करने से बचते हैं। लेकिन जब आप एक्सरसाइज को अवॉयड करते हैं तो इससे भी आपकी लाइफ एक्टिव नहीं होती और फिर आपकी परेशानी बढ़ने लगती है।

हो सकता है कि आप भी जोड़ों में दर्द की वजह से वर्कआउट करने से बच रहे हों, जबकि आपको वास्तव में ऐसा करने की जरूरत नहीं है। अगर आप सही तरह से वर्कआउट करते हैं और इस दौरान कुछ छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखते हैं तो इससे आपको दर्द के साथ भी एक्सरसाइज करने में परेशानी नहीं होती। सही तरीके से वार्म अप करने से लेकर सिंपल स्ट्रेच तक, कई तरीके आपके बेहद काम आ सकते हैं। तो चलिए आज इस लेख में ब्लॉसम योगा के फाउंडर, फिटनेस एक्सपर्ट और योगविशेषज्ञ जितेन्द्र कौशिक आपको ऐसी ही कुछ बातों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें आपको वर्कआउट के दौरान मिस नहीं करना चाहिए-

वार्मअप को ना करें मिस

joint-friendly exercises

यूं तो हर किसी को वर्कआउट से पहले वार्मअप जरूर करना चाहिए। लेकिन अगर आपको जोड़ों में दर्द की शिकायत रहती है तो वार्मअप करना और भी ज्यादा जरूरी हो जाता है। वार्मअप करने से आपका ब्लड फ्लो जोड़ों और मांसपेशियों तक होता है, जिससे वे अधिक फ्लेक्सिबल बनते हैं और अकड़न कम होती है। वार्मअप करने के लिए आपको हल्की स्ट्रेचिंग या 5 मिनट की हल्की सैर करें। आप चाहे तो योगासन का सहारा भी ले सकते हैं।

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करें लो-इम्पैक्ट वर्कआउट

जिन लोगों को जोड़ों में दर्द की शिकायत रहती है, उन्हें हाई इंटेसिटी वर्कआउट करने की जगह लो इम्पैक्ट वर्कआउट करना चाहिए। लो इम्पैक्ट वर्कआउट आपके जोड़ों पर बहुत अधिक तनाव नहीं डालती है। ऐसे लोगों के लिए स्विमिंग, साइकिलिंग, वॉकिंग करना काफी अच्छा माना जाता है।

जरूर करें स्ट्रेचिंग

Strength training

अगर आपको जोड़ों में दर्द रहता है, उन्हें वर्कआउट से पहले और बाद में स्ट्रेचिंग जरूर करनी चाहिए। स्ट्रेचिंग से जोड़ों की अकड़न को दूर करने में मदद मिलती है और साथ ही साथ, फ्लेक्सिबलिटी बेहतर होती है। इस दौरान आपको लाइट रखना चाहिए, ताकि आपको दर्द ना हो। जोड़ों में दर्द होने पर हैमस्ट्रिंग स्ट्रेच, शोल्डर रोल और काफ़ स्ट्रेच आज़मा सकते हैं।

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करें वाटर वर्कआउट

जिन लोगों को जोड़ों में दर्द रहता है उन्हें वाटर वर्कआउट जरूर करने पर फोकस करना चाहिए। पानी जोड़ों पर दबाव को कम करता है, जिससे गठिया के रोगी के लिए इसे सही मानना जाता है। आप फिट रहने के लिए स्विमिंग से लेकर वाटर एरोबिक्स आदि को आजमा सकते हैं।

करें रेंज-ऑफ़-मोशन एक्सरसाइज़

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ज्वॉइंट पेन होने पर रेंज-ऑफ़-मोशन एक्सरसाइज़ करना काफी अच्छा माना जाता है। ये लाइट मूवमेंट हैं, जो ज्वॉइंट की फ्लेक्सिबिलिटी को बनाए रखने और बेहतर बनाने में मदद करते हैं। आप अपने वर्कआउट रूटीन में रिस्ट रोल, लेग स्विंग या शोल्डर श्रग आदि को शामिल कर सकते हैं।

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Image Credit- freepik

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