जब हम वर्कआउट करते हैं तो उस दौरान कम से कम समय में बेस्ट रिजल्ट चाहते हैं और ऐसे में हाई-इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग करना काफी अच्छा माना जाता है। इसमें आप हाई इंटेसिटी में वर्कआउट करते हैं, इसलिए आप अपेक्षाकृत अधिक कैलोरी बर्न करते हैं। साथ ही साथ, इससे आपकी स्ट्रेन्थ भी बिल्डअप होती है।
अमूमन लोग हाई-इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग करने को प्राथमिकता देते हैं, जिसे उन्हें मनचाहा रिजल्ट मिल सके। लेकिन इसके लिए सबसे जरूरी है कि इसे सही तरह से किया जाए।
जिस तरह अन्य किसी भी एक्सरसाइज या फिटनेस रूटीन में गलतियां होने की संभावना रहती है, ठीक वैसे ही हाई-इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग में भी अक्सर अनजाने में कुछ गलतियां हो जाती हैं और फिर आपको चोट लगने की संभावना भी बढ़ जाती है। साथ ही साथ, आपको वह रिजल्ट भी नहीं मिलता है, जिसकी आपको चाहत होती है। तो चलिए आज इस लेख में ब्लॉसम योगा के फाउंडर, फिटनेस एक्सपर्ट और योगविशेषज्ञ जितेन्द्र कौशिक आपको HIIT से जुड़ी कुछ ऐसी ही गलतियों के बारे में बता रहे हैं, जिनसे आपको वास्तव में बचना चाहिए-
वार्म-अप न करना
कई बार लोग वार्मअप किए बिना सीधे हाई-इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग करना शुरू कर देते हैं। लेकिन अगर आप सीधे ही बर्पीज़ या स्प्रिंट में कूद जाते हैं तो इससे चोट लगने की संभावना बढ़ जाती है। साथ ही साथ, आपको एक्सरसाइज करना अधिक मुश्किल लग सकता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि आपकी मसल्स से लेकर ज्वॉइंट्स इसके लिए तैयार नहीं होते हैं। इसलिए हमेशा हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग करने से पहले अपने शरीर को इसके लिए तैयार करें और करीबन 5-10 मिनट डायनेमिक स्ट्रेच या जॉगिंग या जंपिंग जैक जैसे हल्के कार्डियो को जरूर करें।
खराब फॉर्म के साथ एक्सरसाइज करना
किसी भी एक्सरसाइज की तरह हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग करते हुए भी फॉर्म का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है। लेकिन कई बार हम स्क्वॉट्से से लेकर पुश-अप्स के दौरान बॉडी फॉर्म के साथ समझौता कर लेते हैं। खराब फॉर्म की वजह से आपकी एक्सरसाइज उतनी इफेक्टिव नहीं रहती है, साथ ही साथ इससे मांसपेशियों में खिंचाव, मोच या जोड़ों के दर्द जैसी चोटों का जोखिम भी बढ़ जाता है।
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हर दिन एक ही रूटीन फॉलो करना
हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग करते हुए बेहतर रिजल्ट पाने के लिए जरूरी होता है कि आप अपने वर्कआउट में बदलाव करते रहे। हालांकि, अधिकतर लोग हर बार एक ही तरह का वर्कआउट करते हैं। इसे आपका शरीर जल्दी से एडेप्ट कर लेता है, और एक ही चीज़ को बार-बार करने से स्थिरता भी आती है। इससे ना तो आपको अच्छा रिजल्ट मिलता है और साथ ही साथ, यह उबाऊ भी हो जाता है। इसलिए, अपनी हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग में भी टाइमिंग या एक्सरसाइज में बदलाव करने की कोशिश करें। साथ ही साथ, आप रेसिस्टेंस बैंड या केटलबेल आदि को शामिल करके एक्सरसाइज में वैरिएशन लाने की कोशिश करें।
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