जोड़ों के दर्द की समस्या यकीनन काफी दुखदायी होती है। इससे निपटने के लिए हम सभी अक्सर दवाइयों से लेकर क्रीम्स आदि का सहारा लेते हैं। लेकिन इसके साथ-साथ वर्कआउट पर भी फोकस करना होगा। अगर आप अपने वर्कआउट रूटीन में लो इंपैक्ट कार्डियो को शामिल करते हैं तो इससे आपको काफी फायदा मिलता है। लो इंपैक्ट कार्डियो वर्कआउट आपके जोड़ों पर अतिरिक्त दबाव नहीं डालते हैं और इसकी मूवमेंट को बनाए रखने में मदद करते हैं। साथ ही साथ, इससे आपको वजन कम करने में मदद मिलती है और मसल्स भी मजबूत बनती हैं।
लो इंपैक्ट कार्डियो वर्कआउट में आप कई अलग-अलग एक्सरसाइज को शामिल कर सकती हैं, जो आपकी ओवर ऑल फिटनेस के लिए फायदेमंद हैं। इससे आपका मूड भी बूस्ट होता है। तो चलिए आज इस लेख में ब्लॉसम योगा के फाउंडर, फिटनेस एक्सपर्ट और योगविशेषज्ञ जितेन्द्र कौशिक आपको कुछ ऐसी ही लो-इंपैक्ट कार्डियो वर्कआउट के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें जोड़ों के दर्द से परेशान लोग आसानी से कर सकते हैं-
करें साइकिलिंग
अगर आपको जोड़ों में दर्द की शिकायत है तो आप साइकिलिंग का ऑप्शन भी चुन सकती हैं। यह एक ज्वॉइंट फ्रेंडली लो इंपैक्ट कार्डियो एक्सरसाइज है, जिससे आपके हार्ट और पैरों दोनों पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। साइकिलिंग करते हुए आप लगातार अपने घुटनों को मूव करते रहते हैं और इससे अकड़न कम हो सकती है। आप चाहें तो आउटडोर साइकिलिंग के अलावा स्टेशनरी बाइकिंग को भी चुन कसती है। ध्यान दें कि आप सीट को इस तरह से एडजस्ट करें कि आपके पैर ज़्यादा न मुड़ें। धीमी गति से आप 10-20 मिनट से शुरुआत करें।
करें चेयर एक्सरसाइज
अगर जोड़ों में दर्द की वजह से आपके लिए खड़े रहना थोड़ा मुश्किल है, तो ऐसे में आप चेयर पर बैठकर भी एक्सरसाइज कर सकती हैं। इससे आपके जोड़ों पर बिल्कुल भी दबाव नहीं पड़ता है, लेकिन आप कई तरह की अलग- अलग एक्सरसाइज कर सकती हैं। मसलन, आर्म सर्कल से लेकर लेग लिफ्ट तक, आप कई तरह की एक्सरसाइज को ट्राई कर सकती हैं। अगर आप स्ट्रेन्थ बिल्डअप करना चाहती हैं या फिर अपने वर्कआउट रूटीन में वैरायटी लाना चाहती हैं तो ऐसे में लाइट वेट या रेसिस्टेंस बैंड का भी इस्तेमाल करें।
एलिप्टिकल ट्रेनिंग का लें सहारा
आजकल लगभग हर जिम में एलिप्टिकल मशीन को जरूर रखा जाता है और यह जोड़ों के दर्द से परेशान लोगों के लिए एक अच्छी एक्सरसाइज है। एलिप्टिकल मशीन चलने की नकल करती है, लेकिन बिना किसी प्रभाव के। इसकी सबसे अच्छी बात यह है कि आप अपनी सुविधा के अनुसार इसमें रेसिस्टेंस को एडजस्ट कर सकती हैं। चूंकि आपको जोड़ों में दर्द की शिकायत है और आप अभी शुरुआत कर रही हैं तो ऐसे में रेसिस्टेंस को लाइट ही रखें।
एक्सपर्ट की राय
करें वॉकिंग
वॉकिंग एक बेहद ही सिंपल और लो-इंपैक्ट कार्डियो एक्सरसाइज है और इससे आपके ज्वॉइंट्स पर बिल्कुल भी अतिरिक्त दबाव नहीं पड़ता है। इससे ना केवल ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, बल्कि ज्वॉइंट्स की फ्लेक्सिबिलिटी भी इंप्रूव होती है। आप इसे घर पर कर सकते हैं, पार्क में चल सकते हैं या फिर ट्रेडमिल का इस्तेमाल भी किया जाता है। ध्यान दे कि आप एकदम से खुद पर दबाव ना दें। हमेशा धीरे-धीरे शुरू करें। पहले इसे लगभग 10-15 मिनट तक करें और फिर धीरे-धीरे बढ़ाएं।
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Image Credit- freepik
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