आईआरसीटीसी में ट्रेन टिकट बुक करते समय ज्यादातर यात्री लोअर बर्थ लेना पसंद करते हैं। खासकर लंबी दूरी की यात्रा में लोअर बर्थ यात्रियों को आरामदायक सफर का अनुभव देता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आईआरसीटीसी में साइड लोअर बर्थ किसे मिलती है? आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
साइड लोअर बर्थ के लिए कौन पात्र है?
भारतीय रेलवे में, स्लीपर क्लास में साइड लोअर बर्थ ज्यादातर बुजुर्गों को दी जाती है। इसके अलावा, इन लोगों को भी लोअर बर्थ मिल सकती है। जैसे, 60 साल से ज़्यादा उम्र के पुरुष और 58 साल से ज़्यादा उम्र की महिलाएं, 45 साल से ज़्यादा उम्र की महिलाएं, गर्भवती महिलाएं और शारीरिक रूप से दिव्यांग लोग।
दिव्यांगों के लिए साइड लोअर सीट
रेलवे बोर्ड के मुताबिक, स्लीपर क्लास में दिव्यांगों के लिए चार सीटें रिजर्व होती हैं। इनमें से दो सीटें नीचे की और दो सीटें मिडिल की होती हैं। वहीं, थर्ड एसी में दो सीटें और AC3 इकोनॉमी में भी दो सीटें दिव्यांगों के लिए रिजर्व होती हैं। गरीब रथ ट्रेन में दिव्यांगों के लिए दो नीचे की और दो ऊपर की सीटें रिजर्व होती हैं। इन सीटों के लिए दिव्यांगों को पूरा किराया देना होता है।
वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं के लिए साइड लोअर बर्थ
60 साल या उससे ज़्यादा उम्र के पुरुष यात्रियों और 45 साल या उससे ज़्यादा उम्र की महिला यात्रियों के लिए भी लोअर बर्थ रिजर्व होती है। हर कोच में सीनियर सिटीजन और महिलाओं के लिए सीटें रिजर्व की जाती हैं।
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गर्भवती महिलाओं के लिए साइड लोअर बर्थ
अगर कोई गर्भवती महिला है, तो उसे भी लोअर बर्थ दी जाती है। अगर किसी वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांग, या गर्भवती महिला को ऊपर की सीट पर टिकट बुक किया जाता है, तो ऑनबोर्ड टिकट चेकिंग के दौरान टीटी को उन्हें नीचे की सीट देने का प्रावधान है।
अगर कोई सीनियर सिटीजन, दिव्यांग, या गर्भवती महिला को टिकट बुकिंग के समय ऊपर की सीट मिल जाए, तो ऑनबोर्ड टिकट चेकिंग के दौरान टीटी को नीचे सीट देने का प्रावधान है। इसके अलावा, अगर आप सीनियर सिटीजन नहीं हैं, लेकिन नीचे की बर्थ पाना चाहते हैं, तो IRCTC की वेबसाइट पर टिकट बुकिंग करते समय लोअर बर्थ का ऑप्शन चुन सकते हैं। इसके बाद, रेलवे अपने नियमों के मुताबिक आपको लोअर सीट अलॉट करेगा।
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साइड लोअर बर्थ के लिए क्या है रूल्स
भारतीय रेलवे के मुताबिक, साइड लोअर बर्थ पर सफर करने वाले यात्रियों को दिन के समय साइड अपर यात्री को नीचे बैठने की जगह देनी होती है। अगर लोअर बर्थ पर RAC वाले दो यात्री पहले से ही सफर कर रहे हैं, तब भी उन्हें बर्थ वाले को सीट देनी होती है। रेलवेके नियम के मुताबिक, रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक का समय सोने के लिए तय किया गया है।
इस दौरान नीचे वाली बर्थ पर बैठे सभी यात्री अपनी बर्थ पर सोएंगे। यानी नीचे वाली बर्थ पर इस दौरान उक्त पैसेंजर की अनुमति के बिना कोई नहीं बैठेगा। सुबह 6 बजे से रात 10 बजे का समय एक हिसाब से बैठने के लिए तय किया गया है। इस दौरान अपर व मिडिल बर्थ वाला लोअर बर्थ पर बैठेगा। इससे आपको कोई मना नहीं कर सकता।
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Image Credit- freepik/shutterstock
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