Railway Accident Death Claim Amount: भारतीय ट्रेन करोड़ों लोगों के लिए लाइफ लाइन का काम करती है। हर दिन करोड़ों लोग अलग-अलग ट्रेनों से सफर करते हैं। ट्रेन से सफर करना अन्य यातायात की तुलना में सुरक्षित माना जाता है।
लेकिन पिछले कुछ दिनों से ऐसा लगता है जैसे भारतीय ट्रेनों पर किसी की नजर लग गई है। पिछले कुछ महीनों से यह अमूमन सोशल मीडिया या खबरों में देखा जा रहा है कि कोई ट्रेन पटरी से उतर गई, तो कोई दो ट्रेन आसपास में टकरा गई हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले एक महीने में करीब 18 ट्रेन हादसे हुए हैं। कई ट्रेन हादसों में आम लोगों ने अपनी जान भी गवाई हैं। ऐसे में ट्रेन से सफर करना भी कई लोगों के बीच डर का माहौल बना हुआ है।
यह अक्सर देखा जाता है कि जब ट्रेन हादसा होता है, तो टिकट धारक व्यक्ति को रेलवे की तरफ से मुआवजा मिलता है, लेकिन अगर कोई व्यक्ति बिना टिकट के ट्रेन से यात्रा करता है और ट्रेन एक्सीडेंट में उस व्यक्ति की मौत हो जाती है, तो क्या इस परिस्थिति में उस व्यक्ति को मुआवजा मिल सकता है? आइए इस नियम के बारे में जानते हैं
ट्रेन एक्सीडेंट में मुआवजा कैसे मिलता है?
सबसे पहले यह जान लेते हैं कि ट्रेन एक्सीडेंट में मुआवजा कैसे मिलता है। दरअसल, अगर कोई व्यक्ति टिकट के साथ ट्रेन में सफर करता है और ट्रेन हादसे में व्यक्ति की मौत हो जाती है, तो उस व्यक्ति को रेलवे और केंद्र सरकार की तरफ से मुआवजा मिलता है। इसके लिए
उदाहरण के लिए बता दें कि बालासोर रेल हादसे के शिकार यात्रियों को रेलवे और केंद्रीय सरकार की तरफ से मुआवजा मिला था।
अगर बात करें कि बालासोर रेल हादसे में बिना टिकट यात्रा कर रहे यात्रियों को मुआवजा मिला था या नहीं, तो फिर आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार बिना यात्रा कर रहे यात्रियों को भी मुआवजा देना तय किया गया था। हालांकि, यह एक विशेष केस था।
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ट्रेन एक्सीडेंट के दौरान बिना टिकट यात्री को क्या मुआवजा मिलता है?
अगर आप यह सोच रहे हैं कि बिना टिकट यात्री को भी ट्रेन एक्सीडेंट के दौरान यात्री को मुआवजा मिलता है, तो आप गलत हो सकते हैं। उदाहरण के लिए आपको बता दें कि कुछ साल पहले चलती ट्रेन से एक व्यक्ति के गिरने से मौत हो गई, तब उसके परिवार वालों ने रेलवे से मुआवजे की मांग की।
यह मामला मुंबई हाईकोर्ट में पहुंचा और जब हाईकोर्ट ने पूछा कि क्या यात्री के पास टिकट था, तो जवाब आया नहीं। इसके बाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि बिना टिकट यात्रा कर रहे यात्री को मुआवजा मांगने का हक नहीं। ऐसे में अगर कोई बिना टिकट ट्रेन से यात्रा कर रहा है और ट्रेन हादसे में उसकी मौत हो जाती है, तो परिवार वाले मुआवजे की मांग नहीं कर सकते हैं।
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ट्रेन एक्सीडेंट कितना मुआवजा मिलता है?
रेलवे अधिनियम, 1989 की धारा 124 के तहत यह कहा जाता है कि अगर रेल हादसे में किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है, तो उसके परिजनों को सरकार की तरफ से 7-10 लाख रुपये की मदद मिलती है। उसके अलावा अगर विकलांग हो जाता है, तो उसे 5-7 लाख रुपये की मदद मिलती है।
नोट: रेलवे अधिनियम 1989 की धारा 124 के तहत ट्रेन दुर्घटनाओं में शामिल यात्रियों को मुआवजा मिलता है। ऐसे में इस अधिनियम के तहत आप रेलवे से मुआवजे की मांग कर सकते हैं।
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