महाराष्ट्र अपने खूबसूरत कलचर, नेचुरल ब्यूटी और खानपान के साथ ही किलों के लिए भी मशहूर है। देश में सबसे ज्यादा किले इसी राज्य में हैं और इंट्रेस्टिंग बात यह है कि ज्यादातर किलें पहाड़ों पर हैं, जिन्हें देखने के लिए ट्रैकिंग करना ही एक मात्र तरीका है। अगर आप एडवेंचर लवर हैं और ट्रैकिंग करना आपको पसंद है या आप ट्रैकिंग का अनुभव करना चाहती हैं तो आज हम आपको महाराष्ट्र के कुछ ऐसे किलों के बारे में बताएंगे जहां जाकर आप ट्रैकिंग का मजा ले सकती हैं।
लोहगढ़ फोर्ट
पुणे से लगभगर 55 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह किला ट्रैकिंग के लिहाज से बहुत ही अच्छा विकल्प है। इसे आयरन किला भी कहा जाता है। यह पूरा किला पहड़ी पर बना है। इस किले को स्मारकीय पहाड़ी किला कहा जाता है। इस किले को छत्रपति शिवाजी द्वारा युद्ध के लिए इस्तेमाल किया गया था। यह किला पूरी तरह से टूट कर बिखर चुका है। मगर इस किले की चढ़ाई आज भी बेहद रोमांचित है। इस किले पर जैसे-जैसे चढ़ते जाते हैं रास्ता उतना ही खराब होता जाता है। साथ में पहाड़ों से रिसता पानी रास्तों को फिसलन भरा बना देता है। यहां टॉप पर पहुचने पर आपको नेचुरल वॉटर के कुंड मिलेंगे साथ ही शिव मंदिर और किसी पीर बाबा की मजार भी देखने को मिलेगी। यहां से बहुत ही सुंदर नजारे दिखते हैं जो आपको यहां बार-बार आने को मजबूर कर देंगे।
शिवनेरी किला
शिवाजी के जन्म के समय उनके पिता शाहजी ने अपनी पत्नी जीजाबाई की सुरक्षा के लिए इस किले को बनवाया था। जन्म के बाद तकरीबन 10 साल तक शिवाजी का पालन-पोषण इसी किले में हुआ। यहां की चढ़ाई भी आसान नहीं है। इस किले में पहुंच कर आपको एक मंदिर मिलेगा जहां पर जीजा बाई और शिवाजी के बचपन की मूर्तियां देखने को मिलेंगी। यह किला बड़ी-बड़ी चट्टानों से घिरा है। किले के बीचों-बीच एक बड़ा सा तालाब है जिसे 'बादामी तालाब' कहते हैं। इस किले से जमीन को 360 डिग्री तक आराम से देखा जा सकता है। सैनिक यहां से दुश्मनों के आक्रमण का जायजा लेते थे।
सिंहगढ़ किला
पुणे से 17 किलोमीटर दूर 4300 फ़ुट ऊँची पहाड़ी पर बसा सिंहगढ़ किला महाराष्ट्र के प्रख्यात किलों में से एक है। इस किले तक पहुंचने के लिए कुछ दूर तक तक तो गाडि़यां जाती हैं मगर उसके पास चढ़ाई करनी होती है। इस किले पर कई लोगों ने राज किया है मगर ज्यादातर समय यह किला मराठा शासकों के कब्जे में ही रहा और जब इस किले से मराठा शासकों का कब्जा गया तब ही उनका पतन भी शुरू हो गया। किले में कई प्वॉइंट्स हैं जिन्हें देखा जा सकता है। यहां का कल्याण दरवाजा, देवटाके, राजाराम स्मारक आदि कुछ प्वॉइंट्स हैं, जो आप देख सकती हैं।
राजमाची फोर्ट
लोनावला और खंडाला के बीच राजमाची की पहाडि़यों में दो किले हैं जिन्हें अब राजमाची फोर्ट के नाम से जाना जाता है। इन किलों पर कभी मौर्य वंश का राज हुआ करता था और उनके जाने के बाद कई शासकों ने इस पर कब्जा किया। यह किले अब बहुत अच्छी दशा में तो नहीं हैं मगर आस-पास फैली प्राकृतिक खूबसूरती लोगों को इस जगह पर आने और किलों तक पहुंचने के लिए ट्रेकिंग करने पर मजबूर करती है। कुछ लोग यहां फैमिली के साथ आकर पिकनिक भी मनाते हैं।
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