यह बात तो लगभग पूरी दुनिया जानती है कि भारत कई भाषाओं, धर्मों और राज्यों वाला देश है। इसके साथ ही भारत में हर जग प्राकृतिक खूबसूरती बिखरी है, इस बात से भी सभी परिचित हैं। इसीलिए भारत में छुपी खूबसूरती को देखने लोग दूर-दूर से आते हैं। इतना ही नहीं भारत में मौजूद प्राकृतिक खूबसूरती में कई रहस्य भी छुपे हैं। इन्हीं रहस्य की चादर ओढ़े कई गुफाएं भारत में मौजूद हैं। जिनका इतिहास तो रोचक है ही साथ ही उनकी बनावट भी बेहद आकर्षक है। आज हम ऐसी ही कुछ गुफाओं की बात करेंगे।
उदयगिरी की गुफाएं
ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर के पास या कह लीजिए की भुवनेश्वर में ही उदयगिरी की गुफाएं मौजूद हैं। यह गुफाएं बेहद प्राचीन हैं और कहानियों में गुफाओं के मिले वर्णन से मिलती जुलती हैं। इन गुफाओं को 33 पहाडि़यों को काटकर बनाया गया है। इन गुफाओं के पास ही मंदिर भी मौजूद हैं, जिन्हें देख कर लगता है कि यह गुफाएं धार्मिक कारणों से ही बनाई गईं है। कुछ लोगों का यह भी मानना है कि यह पांडवों ने वनवास के वक्त बनाई थीं और वे यहां रहे भी थे। वैसे उदयगिरी पहुंचना बहुत ही आसान है। यहां आने के लिए आपको भुवनेश्वर आना होगा। भुवनेश्वर से गुफाएं कुछ ही दूरी पर हैं। यहां तक आप बस या टैक्सी से आ सकती हैं।
वराह गुफाएं
भारत के एकदम साउथ में मौजूद तमिलनाडु के खूबसूरत शहरों में शुमार महाबलीपुरम में वराह गुफाएं हैं। यह गुफाएं बेहद खूबसूरत हैं। इन गुफाओं को और भी ज्यादा खूबसूरत बनाता यहां मौजूद भगवान विषणु का मंदिर। इन गुफाओं को देखने के लिए साल भर हजारों पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है। इन गुफाओं को चट्टानों को काटकर बनाया गया है। हैरानी की बात यह है कि इन कटी हुई चट्टानों में खूबसूरत नक्काशी की गई है जो इन गुफाओं के सौंदर्य को और भी बढ़ाती है। अगर आप इन गुफाओं को देखना चाहती हैं तो आपको महाबलिपुरम के निकट चैन्नई पहुंचना होगा। आप चाहे तो चेन्गलपुट्टू रेलवे स्टेशन तक भी रेल मार्ग से आ सकती हैं। यहां से आपको 29 केमी की दूरी पर ही यह खूबसूरत शहर देखने को मिल जाएगा।
भीमबेटका गुफाएं
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से मात्र 40 किलोमीटर दूर रातापानी अभयरण्य में मौजूद गुफाओं को भीमबेटिका कहते हैं। यहां भीम बैठते थे, विश्राम करते थे इसलिए इन गुफाओं को भीमबैठका कहा जाता है। यहां से आगे सतपुडा की पहाड़ियां शुरू हो जाती हैं। भीमबेटका भारत के मध्यप्रदेश प्रांत के रायसेन जिले में स्थित एक पुरापाषाणिक आवासीय पुरास्थल है। यह आदिमानव द्वारा बनाए गए शैलचित्रों और शैलाश्रयों के लिए प्रसिद्ध है। इन चित्रों को पुरापाषाण काल से मध्यपाषाण काल के समय का माना जाता है। इन चित्रों को देख कर आपको विश्वास ही नहीं होगा कि इतने बरस बीत जाने के बाद भी यह जस की तस हैं। यहां के चित्रों में आदिमानव ने अपने जीवन को चित्रों में पिरोया है। अगर आप जानना चाहती हैं कि हमारे पूरवज कैसे रहते थे तो आप इन चित्रों को देख कर जान सकती हैं।
बाराबर गुफाएं
अगर आपको इतिहास में थोड़ी भी दिलचसपी है तो आपको एक बार बिहार के गया जिले में मौजूद बाराबर गुफाओं को एक बार जरूर विजिट करना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि यह गुफाएं बेहद प्राचीन है और इन्हें मौर्यकाल में बनाया गया था। इस गुफा के अंदर बोलने पर आवाज गूंजने लगती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इसे ग्रेनाइट की चट्टानों को काटकर बनाया गया है। यहां तक पहुंचने के लिए आप रेल मार्ग या फिर वाराणसी से बस या टैक्सी से भी आ सकती हैं। इन गुफाओं में आपको मौर्यकाल से जुड़ी कई चीजों को देखने का मौका मिलेगा। यहां आप बरसात या फिर सर्दियों के मौसम आ सकती हैं। इस दौरान इन गुफाओं को घूमने का मजा दो गुना हो जाता है।
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