ताजमहल, प्रेम के प्रतीक के तौर पर यह इमारत सदियों से उत्तरप्रदेश के आगरा शहर में खड़ी है। इतिहास के अनुसार इस इमारत को मुगश बादशाह शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज महल की याद में बनवाया था। सफेद संगमरमर के पत्थरों से बनी यह इमारते दुनिया के सात अजूबों में भी गिनी जाती हैं। इस इमारत से जुड़ी एक कहानी के अनुसार जब यह इमारत बन कर तैयार हुई थी तब बादशाह शाहजहां ने इसे बनाने वाले कारीगरों के हाथ यह सोच कर कटवा दिए थे कि भविष्य में कभी दूसरी बार इस तरह की खूबसूरत इमारत न बनाई जा सके। मगर देखा जाए तो शाहजहां अपने मंसूबों में सफल नहीं हो सका। आज ताजमहल जैसी कई दूसरी इमारतें दुनिया में मौजूद हैं, जो हू-ब-हू ताजमहल जैसी ही दिखती हैं। इन में से कुछ इमारतें तो भारत में ही मौजूद हैं और कुछ भारत से बाहर दूसरे देशों में हैं। यह इमारतें भले ही ताजमहल की खूबसूरती के सारे पैमानों पर खरी न उतरें मगर दिखावट में यह पूरी तरह ताज महल जुड़वा लगती हैं।
औरंगाबाद का ताजमहल
भारत के महाराष्ट्र राज्य में मौजूद शहर औरंगाबाद में एक मकबरा है, जिसे स्थानीय लोग बीवी का मकबरा कहते हैं। कहा जाता है कि इस मकबरे को शाहजहां के परपोते और औरंगजेब के बेटे के बेटे आजम शाह ने अपनी मां दिलसार बानो बेगम की याद में बनवाया था। इस मकबरे को पूरी तरह से ताजमहल की नकल कर के बनाया गया है। मगर आकार प्रकार में यह ताजमहल से बेहद छोटा है। यहां केवल ताज के गुम्बद में संगमरमर के पत्थर लगे हैं और बाकी हिस्सा खास तरह की मिट्टी से बना है। यह दूर से देखने पर चमकता भी है। इसे भारत का छोटा ताजमहल भी कहा जाता है।
बुलंदशहर का ताजमहल
केवल शाहजहां ही नहीं था जो अपनी बेगम से बेपनाह मोहब्बत करता था। शाहजहां जैसे लोग आज भी भारत में मौजूद हैं जो अपनी बीवी की याद में ताजमहल बनवा देते हैं। उन्हीं में से एक है उत्तरप्रदेश के बुलंदशहर में रहने वाले फैजुल हसन कादरी। फैजूल की वाइफ की वर्ष 2011 में थ्रोट कैंसर की वजह से मौत हो गई थी। अपनी वाइफ की याद में तब फैजुल ने अपने ही गांव में एक मकबरा तैयार करवाया, जो हू-ब-हू ताजमहल जैसा ही दिखता है। इसे बनवाने के लिए फैजुल ने अपने जीवन की सारी कमाई लगा दी। इसके बावजूद फैजुल इस मकबरें में संगमरमर के पत्थर नहीं लगवा पाए हैं।
बांगलादेश का ताजमहल
भारत से सटे हुए बांगलादेश में भी ताजमहल है। इस ताजमहल को बांग्लादेश के फिल्म डायरेक्टर असनुल्ला ने बनवाया था। दरअसल वह 1986 में भारत घूमने आए थे। उस दौरान ही उन्होंने तय कर लिया था कि ताजमहल जैसी ही एक सुंदर इमारत बांगलादेश में भी बनवाएंगे। वह ताजमहल से जुड़ी कहानी सुन कर भी काफी प्रभावित हो गए थे। इसलिए बिना देरी के अपने देश पहुंचते ही उन्होंने इस इमारत को बनवाने का काम शुरु करवा दिया। मगर यह इमारत उन्होंने किसी के प्यार में नहीं बल्कि अधिक से अधिक टूरिस्टों को अपने देश में आने के लिए आकर्षित करने के लिए बनवाई थी। यह इमारत वर्ष 2008 में बन कर तैयार हुई थी।Read More:ताजमहल की अद्भुत खूबसूरती नाइट टूर में दिखेगी, कम बजट में भी कर सकती हैं इसकी प्लानिंग
चीन का ताजमहल
भारत के पड़ोसी देश चीन में भी ताजमहल है। चौकने की जरूरत नहीं है। यह इमारत किसी खास व्यक्ति द्वारा अपनी प्रेमिका के लिए नहीं बनवाई गई है बल्कि चीन के शाहजहां पार्क में इसकी छोटी रैप्लिका बनाई गई है। ताजमहल के साथ ही इस पार्क में और भी कई एतिहासिक इमारतों की रैप्लिका मौजूद हैं।दुबई का ताजमहल
दुबई में भी ताजमहल है और यहां का ताजमहल किसी का मकबरा नहीं बल्कि एक वेडिंग डेस्टीनेशन है। जी हां, दुबई में ताज अरेबिया के नाम एक इमारत बनाई गई है जिसे देख कर कोई भी धोखा खा जाएगा क्योंकि यह दिखने में पूरी तरह से ताजमहल जैसी ही दिखती है।इस इमारत को खासतौर पर अरबों डॉलर खर्च कर वेडिंग डेस्टीनेशन के तौर पर बनाया गया है इस इमारत को क्राउन ऑफ अरेबिया भी कहा जाता है।
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