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महिला मजदूरों को पुरुषों के मुकाबले कम क्यों मिलती है मजदूरी?

महिला मजदूरों को आज भी पुरुषों के मुकाबले कम वेतन मिलता है। आइए जानते हैं इसके पीछे की वजह। 
Editorial
Updated:- 2023-01-25, 13:25 IST

किस भी सामान काम के लिए महिलाओं और पुरुषों को अलग-अलग वेतन मिलना गलत है। वेतन और मजदूरी का निर्धारण काम देखकर होना चाहिए ना ही लिंग को देखकर। सालों से भारत की महिलाएं कम वेतन के खिलाफ आवाज उठा रही हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या हम अब महिलाओं को कम वेतन देने की सोच से आगे बढ़ चुके हैं।

हाल ही में आई एक रिपोर्ट में इस सवाल का जवाब साफ-साफ मिल गया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत में रियल स्टेट में काम कर रही 30 से 40% महिलाओं को कम वेतन मिलता है। चलिए जानते हैं इस विषय के बारे में विस्तार से।

क्या कहती है रिपोर्ट

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प्राइमस पार्टनर्स और वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की तरफ से सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि घरेलू निर्माण एवं रियल एस्टेट क्षेत्र में काम कर रहे कुल 5.7 करोड़ लोगों में महिलाओं की संख्या सिर्फ 70 लाख है।

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कम मिलती है मजदूरी

रियल एस्टेट में महिला और पुरुष दोनों काम करते हैं। प्राइमस पार्टनर्स और वर्ल्ड ट्रेड सेंटर फर्म की रिपोर्ट का कहना है कि कुल कामगारों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व आनुपातिक रूप से कम होने के कारण पारिश्रमिक या मजदूरी कम दी जाती है। रिपोर्ट कहती है कि पुरुष कामगारों की तुलना में महिला कामगारों को 30- 40 प्रतिशत तक कम मजदूरी मिलती है।

रिपोर्ट के मुताबिक कंस्ट्रक्शन सेक्टर में महिला कामगारों का औसत मजदूरी 26.15 रुपये प्रति घंटे है जबकि पुरुषों को प्रति घंटे 39.95 रुपये का मिलते हैं। मैनेजमेंट स्तर पर महिलाओं की कंस्ट्रक्शन सेक्टर की कंपनियों में भागीदारी सिर्फ 2 प्रतिशत है।

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मजदूर के रूप में महिलाओं की भागीदारी

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निर्माण एवं रियल एस्टेट क्षेत्र की कंपनियों के शीर्ष प्रबंधन स्तर पर महिलाओं की भागीदारी महज एक-दो प्रतिशत तक सीमित है. रिपोर्ट में कहा कि इस क्षेत्र में महिलाएं कम वेतन वाले और बेहद खतरनाक कार्यों में ही तैनात हैं। ईंट-भट्ठा, पत्थर की खदान, स्लैब ढलाई, ढुलाई और सहयोगी कार्यों में उनकी मौजूदगी ज्यादा है।

उम्मीद है आपको अब महिला मजदूरों कम मजदूरी मिलने से जुड़ी सारी जानकारी मिल गई होगी। अगर आप इसके अलावा ऐसे ही किसी और विषय से जुड़ी जानकारी लेना चाहते हैं तो इस लेख के कमेंट सेक्शन में सवाल करें।

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Photo Credit: Twitter

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