पीरियड्स के दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं इसे लेकर भारतीय समाज में कई सारी बातें होती हैं। बचपन से ही लड़कियों को कई तरह की सीख दी जाती है। दादी-नानी के जमाने से एक फिक्स पैटर्न फॉलो किया जाता है। उदाहरण के तौर पर पीरियड्स के दौरान मंदिर नहीं जाना चाहिए, पीरियड्स के दौरान बाल नहीं कटवाने चाहिए या फिर पीरियड्स के दौरान सिर भी नहीं धोना चाहिए। लगभग हर सवाल का कोई ना कोई साइंटिफिक जवाब भी होता ही है।
अब इंसान को कब नहाना है और कब नहीं ये बहुत ही निजी फैसला हो सकता है, लेकिन फिर भी इसे लेकर बड़े-बूढ़े कई सारी बातें कहते हैं। लड़कियों को पीरियड्स के शुरुआती दिनों में सिर धोकर नहाने को मना किया जाता है। पर ऐसा क्यों होता है ये भी सोचने वाली बात है।
इससे पहले भी हम ऐसे ही सवालों पर चर्चा कर चुके हैं कि आखिर क्यों पीरियड्स के दौरान ऐसी चीजें करने को मना किया जाता है। इसी कड़ी में आज बात करते हैं कि आखिर क्यों पीरियड्स के दौरान बाल धोने से मना किया जाता है?
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क्या है पीरियड के दौरान बाल धोने से जुड़ा मिथक?
हां जी, तो अब कुर्सी की पेटी बांध लें क्योंकि अब हम कुछ ऐतिहासिक मिथकों की गलियों में यात्रा करने वाले हैं। बालों से जुड़ा सबसे बड़ा मिथक ये है कि पीरियड्स के समय बाल धोने से महिलाएं इन्फर्टाइल हो सकती हैं। जी हां, इसे लेकर गांव, गली-कूचे ही नहीं बल्कि शहरों में भी इस तरह की बातें होती हैं।
अब अगर हम इसका कारण जानने की कोशिश करें तो हो सकता है कि पुराने जमाने में क्योंकि नहाने के लिए नदी और तालाबों में जाना पड़ता था जहां कई धार्मिक कार्य भी होते थे तो इसलिए महिलाओं को मना किया जाता हो। अब पीरियड्स के समय पूजा करने की मनाही तो हमेशा से ही है।
क्या इसके पीछे है कोई साइंटिफिक कारण?
अगर साइंस की बात करें तो ये आम धारणा है कि पीरियड्स के समय बहुत ठंडे पानी से नहाने से शरीर के ब्लड फ्लो पर असर पड़ता है, ब्लोटिंग जैसी समस्याओं पर भी इसका असर पड़ता है। (पीरियड्स के दौरान ब्लोटिंग की समस्या)
अब नदी का पानी तो गर्म किया नहीं जा सकता था तो हो सकता है कि पुराने जमाने में ऐसा नियम इसलिए ही बना दिया गया हो। नदी का पानी कई लोगों द्वारा पीने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता था और अगर पीरियड्स के दौरान इसमें नहाया जाता तो ये अनहाइजीनिक हो जाता। हम इस कारण को मान सकते हैं कि पीरियड्स के दौरान बाल धोने से क्यों मना किया जाता था।
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क्या वाकई महिला के यूट्रस पर होता है बाल धोने का कोई असर?
इस मिथक से परे असलियत तो यही है कि महिला के यूट्रस पर नहाने या बाल धोने से कोई फर्क नहीं पड़ता है। हां, पीरियड्स के समय ज्यादा ठंडे पानी से नहाने से बचना चाहिए और गुनगुना पानी आपके शारीरिक दर्द को थोड़ी राहत दे सकता है, लेकिन इसके अलावा और कुछ भी नहीं है जिससे परेशान होने की जरूरत है। आप भले ही पहले दिन बाल धोएं, तीसरे दिन बाल धोएं या फिर दूसरे दिन ही धो लें इससे असल मायने में कोई भी असर नहीं होता है।
इसे अवॉइड इसलिए किया जाता है ताकि शरीर का तापमान बहुत ज्यादा बदले ना। सिर धोने से शरीर बहुत तेजी से ठंडा होता है और पीरियड्स के दौरान शरीर का थोड़ा गर्म रहना ही सही माना जाता है। पर इससे महिला की फर्टिलिटी पर असर पड़े ऐसा कुछ भी नहीं है।
क्या आप भी इस फैक्ट को जानती थीं? पीरियड्स से जुड़े ऐसे कौन से नियम के बारे में आप जानना चाहती हैं ये हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपनी स्टोरीज के जरिए आपकी इस जिज्ञासा का हल निकालने की कोशिश करेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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