किसी भी परीक्षा के लिए जितनी मेहनत बच्चे करते हैं उतनी ही पेरेंट्स भी करते हैं। यही कारण है कि कई बार बच्चों की परफॉर्मेंस लो होने की वजह से पेरेंट्स उन पर ज्यादा अंक लाने का प्रेशर क्रिएट करते हैं। पर क्या आपने कभी सोचा है कि बच्चों पर प्रेशर क्रिए करने से उनपर क्या प्रभाव पड़ता है?
इस बारे में हमने बात की एनएमसीएच अस्पताल सेक्सोलॉजिस्ट योगेश से। उन्होंने बताया कि कैसे पेरेंट्स को बच्चों को बार-बार ज्यादा अंक लाने के लिए टोकना प्रभावित करता है।
क्यों ना बनाएं बच्चों पर प्रेशर
कई बार पेरेंट्स बच्चों से ज्यादा अंक लाने की अपेक्षा करते हैं लेकिन जरूरी नहीं है कि बच्चे वैसा कर पाएं। ऐसे में बच्चों को बार-बार टोकना उन्हें दूसरे से कम होने का एहसास दिलाता है।
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आत्मविश्वास में आती है कमी
बच्चों को बार-बार इस बात का एहसास दिलाना कि वो दूसरे बच्चों से कम है उनके आत्मविश्वास को कम कर सकता है। ऐसा करने से बच्चे उत्तर मालूम होने के बावजूद भी डरते हैं जिस वजह से और गलतियां होती हैं।
मानसिक तनाव बढ़ता है
बच्चों का दूसरे बच्चों के मुकाबला करने और बार-बार एक ही बात के लिए टोकने से मानसिक तनाव बढ़ता है। ऐसा करने से बच्चे जरूरत से ज्यादा सोचते हैं जो काफी नुकसानदायक हैं।
सुधार के लिए मोटिवेट करने की करें कोशिश
बच्चों की पढ़ाई-लिखाई में सुधार लाने के लिए जरूरी है कि आप उन्हें मोटिवेट करें। इससे बच्चों को तनाव भी नहीं होगा और वो कुछ बेहतर भी कर पाएंगे। मोटिवेट करते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि आप उन्हें बार-बार ना टोकें।
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तो ये था कई कारण जो बताते हैं कि प्रेशर क्रिएट क्यों नहीं करना चाहिए। अगर आप इसके अलावा परेरेंटिंग से जुड़े कोई और जानकारी लेना चाहते हैं तो इस आर्टिकल के कमेंट सेक्शन में सवाल जरूर करें।
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Photo Credit: Freepik
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