भारत इस साल अपना 76वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है। गणतंत्र दिवस के मौके पर देश के कोने-कोने में सेलिब्रेशन होता है। लेकिन, गणतंत्र दिवस का मुख्य आकर्षण कर्तव्य पथ (पहले राजपथ) पर निकलने वाली परेड होती है। इस परेड में देश की एकता, संस्कृति, सैन्य बल आदि की झलक देखने को मिलती है। लेकिन, क्या आप जानती हैं कि आखिर गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है। अगर नहीं, तो इस सवाल का जवाब हम इस आर्टिकल में लेकर आए हैं।
बता दें कि भारत की संविधान को 26 नवंबर 1949 में स्वीकार किया गया था। वहीं भारत का संविधान को 26 जनवरी 1950 को पूरे भारत में लागू कर दिया गया था। यही वजह है कि हर साल 26 जनवरी को ही भारत में गणतंत्र दिवस मनाया जाता है।
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एक खास बात और बता दें- 26 जनवरी का दिन इसलिए चुना गया क्योंकि 26 जनवरी 1929 को अंग्रेजों की गुलामी के खिलाफ कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज का नारा दिया था। इसके बाद से ही इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में चुना गया था। इस दिन को लोग काफी खास तरीके से मनाते हैं।
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पूरा संविधान तैयार करने में 2 वर्ष, 11 माह 18 दिन लगे थे। यह 26 नवंबर, 1949 को पूरा हुआ था। वहीं इसे पूरे भारत में 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था। हाथ से लिखे हुए संविधान पर 24 जनवरी 1950 में 284 सदस्यों ने हस्ताक्षर किए थे। इसमें करीब 15 महिलाएं भी शामिल थीं।
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