एड्रेस के साथ आखिर क्यों जुड़ा होता है PIN Code? वजह जान भौचक्के रह जाएंगी आप

PIN Code सिर्फ एक नंबर नहीं है, बल्कि आपके एड्रेस की पहचान है। यह एक ऐसा सिस्टम है, जो आपकी चिट्ठी या पार्सल को सही जगह पर पहुंचाने में अहम भूमिका निभाता है। इसी के साथ, आइए इस आर्टिकल में पिन कोड का सिस्टम और इसे बनाने के पीछे की वजह बताते हैं।
image

क्या आपने कभी सोचा है कि हर एड्रेस के बाद, PIN Code लिखना आखिर क्यों जरूरी होता है? जब भी आप किसी को चिट्ठी या पार्सल भेजते हैं या फिर ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं, तो हम सभी अपने एड्रेस के आखिर में PIN कोड जरूर लिखते हैं, लेकिन बहुत कम लोगों को इसकी असली वजह पता होती है। दरअसल, पिन कोड सिर्फ एक नंबर नहीं है, बल्कि डाक वितरण की पूरी प्रक्रिया को आसान और सटीक बनाने का एक अहम हिस्सा है। भारत में पिन कोड सिस्टम की शुरुआत कब हुई, यह इतना महत्वपूर्ण क्यों है और इसके क्या फायदे हैं आदि इसकी वजह जानने के बाद, यकीनन आप हैरान रह जाएंगे। तो चलिए इस लेख में पिन कोड से जुड़ी अहम बातें जानते हैं।

PIN Code का मतलब क्या होता है?

PIN code importance

PIN का पूरा नाम Postal Index Number है। यह भारत में डाक प्रणाली को आसान और व्यवस्थित बनाने के लिए भारतीय डाक विभाग द्वारा 1972 में शुरू किया गया था। यह एक 6 अंकों वाला यूनिक कोड होता है, जो देश के हर क्षेत्र को एक विशेष पहचान देता है, जिससे डाक या पार्सल को सही पते पर समय से पहुंचाया जा सके। इसका उद्देश्य देशभर में डाक व्यवस्था को तेजी से फैलाना और सही डिलीवरी करना था।

एड्रेस के बाद आखिर क्यों जुड़ा होता है PIN Code?

gramin dak sevak jobs

जानकारी के लिए बता दें कि 1970 के दशक में जब डाक सेवाएं तेजी से बढ़ रही थीं, तब कई शहरों और कस्बों के नाम एक जैसे होने लगे थे। इससे चिट्ठियां गलत पते पर पहुंच जाती थीं। इस समस्या को हल करने के लिए, PIN Code सिस्टम लागू किया गया था। इससे डाकिये को अब सही लोकेशन तक चिट्ठी या पार्सल पहुंचाने में मिली। यही वजह है कि हर एड्रेस के बाद, पिन कोड लिखना जरूरी होता है।

इसे भी पढ़ें-जानिए पोस्ट ऑफिस में कैसे बनते हैं ग्रामीण डाक सेवक?

PIN Code कैसे काम करता है?

भारत के हर पिन कोड में कुल 6 अंक होते हैं और हर अंक का अपना अलग मतलब होता है।

पहला अंक: यह देश के बड़े डाक क्षेत्रों (जोन) को दर्शाता है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि भारत को कुल 9 डाक जोन में बांटा गया है, जिनमें 8 सामान्य और 1 सेना के लिए आरक्षित है।उदाहरण के लिए-

  1. दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर
  2. उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड
  3. राजस्थान, गुजरात
  4. महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गोवा
  5. आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक
  6. तमिलनाडु, केरल
  7. ओडिशा, असम, पश्चिम बंगाल
  8. बिहार, झारखंड
  9. आर्मी पोस्टल सर्विस (APO)

दूसरा अंक: यह उस क्षेत्र के भीतर उप-क्षेत्र (sub-region) को दर्शाता है।

तीसरा अंक: यह विशेष जिले या जिले के समूह को बताता है।

अंतिम तीन अंक: ये उस क्षेत्र में स्थित किसी एक विशेष डाकघर की पहचान करते हैं।


pin code history significance facts

इसे भी पढ़ें-Post Office Scheme: बिना किसी रिस्क के इस स्कीम में इन्वेस्ट करने पर आपका पैसा हो जाएगा डबल

PIN Codeन रहे तो क्या होगा?

बिना PIN Code के भेजे गए पोस्ट में देरी हो सकती है या वह गलत पते पर पहुंच सकता है। इसलिए किसी भी चिट्ठी, कुरियर या ऑफिशियल डॉक्यूमेंट में सही PIN Code जरूर डालना बेहद जरूरी है। इस तरह, PIN Code एक छोटा सा नंबर जरूर है, लेकिन इसके पीछे एक पूरा सिस्टम काम करता है जो हमारी डाक सेवा को सुचारु और तेज बनाता है।

इसे भी पढ़ें-Post Office Scheme: पोस्ट ऑफिस में रोजाना 250 रुपये बचाएं और जोड़ें 24 लाख से ज्यादा

इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय भी आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। साथ ही,अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें। इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हर जिन्दगी के साथ

Image credit- Freepik


HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP