हर महिला चाहती है कि उसे उसका मनपसंद जीवनसाथी मिले, जो उसे समझे, उसकी फीलिंग्स की कद्र करे और उसे भरपूर प्यार करे। लेकिन प्यार के मामले में हर महिला की जिंदगी एक जैसी नहीं होती। कुछ महिलाओं की लव-स्टोरी बहुत जल्द शुरू हो जाती हैं तो कुछ लंबे वक्त तक सिंगल ही रहती हैं। एक स्टडी में ये बात सामने आ चुकी है कि जिन्हें देर से प्यार होता है, वे कुछ ज़्यादा ही समझदार लोग होते हैं। हालांकि इसमें ऐसे लोग भी शामिल हैं, जो प्यार के इजहार में हिचकिचाते हैं। मगर इस स्टडी में खासतौर से इंटेलिजेंट लोगों पर फोकस किया गया, जिन्हें अपना रियल लव ढूंढने में मशक्कत करनी पड़ती है। ब्रिटिश जर्नल ऑफ साइकोलॉजी के अनुसार में प्रकाशित इस स्टडी के अनुसार बहुत ज्यादा बुद्धिमान लोगों को अपना प्यार खोजने में ज्यादा मुश्किल आती है। स्टडी में इसके पीछे की वजहों का भी खुलासा किया गया। आइए जानते हैं ये वजहें-
दरअसल ऐसी पर्सनेलिटीज का अपने पार्टनर के मामले में एक्सपेक्टेशन लेवल काफी हाई होता है। वे अपने होने वाले साथी से काफी ज्यादा उम्मीदें रखते हैं। ऐसे में उनके सामने जो भी संभावित पार्टनर दिखता है, उसमें उन्हें कुछ ना कुछ खामियां नजर आती हैं। इस कारण वे सोचते हैं कि अभी तक उन्हें कोई दिलचस्प शख्स मिला ही नहीं, जिसके साथ वे अपनी ज़िंदगी बिताने और सेटल होने के बारे में सोच सकें।
स्टडी में यह बात कही गई कि बुद्धिमान लोग हर छोटी-बड़ी चीज का विश्लेषण कुछ ज़्यादा ही करते हैं। उन्हें चीजों के बारे में सोचने-समझने और अपनी तरफ से परख करने के बाद ही चैन मिलता है। ऐसी शख्सीयत वाले लोग जब अपने संभावित पार्टनर से मिलते हैं तो उनके साथ भी यही रवैया अपनाते हैं। जाहिर सी बात है अगर आप किसी व्यक्ति के बारे में ज़्यादा सोचते हैं तो उसमें कुछ ना कुछ कमियां जरूर नजर आ जाती हैं। इस आदत की वजह से कई बार संभावित पार्टनर भी खुद उन्हें रिजेक्ट कर देता है।
प्यार का अहसास ऐसा होता है, जिसमें इंसान किसी से इंस्टेंटली जुड़ जाता है। प्यार में लॉजिक नहीं होता। अगर संभावित पार्टनर की शख्सीयत आकर्षक होती है तो वह खुद-ब-खुद महिलाओं को पसंद आने लगता है। इसमें किसी तरह का कैल्कुलेशन नहीं चलता। लेकिन बुद्धिमान लोग अपने भीतर आ रही ऐसी फीलिंग्स को स्वीकार नहीं करते। वो हर चीज के पीछे की वजहों को तलाशना पसंद करते हैं। प्यार के मामलों में वे लॉजिक से काम नहीं ले पाते, इसीलिए प्यार के चक्कर में पड़ने में उन्हें इतना वक्त लग जाता है। दरअसल ऐसी महिलाएं दूसरे व्यक्ति को समझने और उसके लिए फीलिंग्स विकसित होने में औसत से ज्यादा समय लेते हैं। साथ ही अपनी फीलिंग्स को नकारने के वजह से वे संभावित पार्टनर के सामने अपने दिल की बात नहीं कहते। यही नहीं, ऐसी महिलाएं जब तक किसी के साथ पूरी तरीके से कंफर्टेबल नहीं होतीं, तब तक उनके करीब जाने में भी कतराती हैं।
हर चीज के बारे में गहरा विश्लेषण करने की वजह से ऐसी महिलाएं पूरी तरह से सावधान रहती हैं। खासतौर पर वे अपनी पिछली गलतियों को दोहराना नहीं चाहतीं। लेकिन ये जरूरत से ज्यादा अलर्ट रहना भी महिलाओं के लिए सही नहीं होता। ऐसे में वे स्वाभाविक तरीके से व्यवहार नहीं कर पातीं। वे अकेले रहना ज़्यादा पसंद करती हैं। औसत से ज्यादा बुद्धिमान ऐसी महिलाएं जब तक अपना मनचाहा पार्टनर ना खोज लें, तब तक वे सिंगल रहना मुनासिब समझती हैं। ऐसे में संभावित पार्टनर्स को वह बोरिंग लगने लगती हैं। कई मौकों पर दूसरे लोग उन्हें बहुत नीरस ही समझ लेते हैं और इस वजह से पार्टनर ढूंढने के लिए उनके पास मौके और भी कम हो जाते हैं।
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