Badrinath Temple Mystery: बद्रीनाथ मंदिर में आखिर क्यों नहीं बजाया जाता है शंख

शंख की ध्वनि को अत्यंत पवित्र माना गया है। यही कारण है कि मंदिरों में शंख बजाने की परंपरा स्थापित है लेकिन बद्रीनाथ मंदिर में शंख बजाना पर मनाही है। ऐसे में आइये जानते हैं इसके पीछे का कारण।   

badrinath mandir ke bare mein

Badrinath Mandir Ki Parampara: हिन्दू धर्म में शंख को अत्यंत पवित्र माना गया है। यही कारण है कि मंदिर से लेकर घर तक शंख बजाने की परंपरा का आज भी पालन किया जाता है। वहीं, मंदिरों की बात करें तो देव स्थानों पर शंख बजाना बहुत शुभ और शंख की ध्वनि सुनना अत्यंत लाभदायक माना गया है।

ऐसे में आज हम आपको ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां शंख बजाना निषेध माना गया है। यह मंदिर है बद्रीनाथ मंदिर जहां शंख बजाने की परंपरा नहीं निभाई जाती है। तो चलिए जानते हैं इसके पीछे का कारण और रहस्य।

  • बद्रीधाम उत्‍तराखंड के चमोली जिले में अलकनंदा नदी के तट पर स्थित है। भगवान बद्री विशाल को पंच बद्री के पहले बद्री के रूप में पूजा जाता है।
  • ऐसे प्रमाण मौजूद है कि यह मंदिर 7वीं से 9वीं सदी के बीच बना था। इस मंदिर में भगवान बद्रीनारायण की आलौकिक और दिव्य प्रतिमा स्थापित है।
  • भगवान बद्री विशाल में लोगों की बड़ी आस्था है। इस मंदिर में शंख (शंख रखने के वास्तु नियम) बजाने की मनाही है जिसके पीछे धार्मिक, प्राकृतिक और वैज्ञानिक कारण उपलब्ध हैं।
  • धार्मिक कारण मां लक्ष्मी से जुड़ा हुआ है। पौराणिक कथा के अनुसार, माता लक्ष्मी बद्रीनाथ धाम में तुलसी रूप में ध्यान मुद्रा में स्थापित हैं।
badrinath mandir mein shankh
  • जब मां लक्ष्मी ध्यान मग्न थीं तब भगवान विष्णु (भगवान विष्णु के छल) ने शंखचूर्ण नामक राक्षस का वध किया था लेकिन उन्होंने विजय शंख नहीं बजाया था।
  • इसके पीछे का कारण था कि शंख बजाने से मां लक्ष्मी का ध्यान भंग न हो। इसलिए बद्रीनाथ मंदिर में शंख नहीं बजाया जाता है।
badrinath mandir mein shankh bajana
  • वहीं, बद्रीनाथ में शंख न बजाने के पीछे का वैज्ञानिक और प्राकृतिक कारण भी मौजूद है वो वहां के वातावरण से संबंधित है।
  • दरअसल, बद्रीनाथ धाम में बर्फबारी के समय पूरा बद्री क्षेत्र बर्फ की सफेद चादर से ढक जाता है।
  • वैज्ञानिक आधार के अनुसार, अगर बद्री क्षेत्र में शंख बजाया जाए तो उसकी आवाज बर्फ से टकराकर प्रतिध्वनि पैदा कर सकती है।
  • इससे बर्फ में दरार पड़ सकती है और हिमस्खलन का खतरा भी पैदा हो उत्पन्न हो सकता है। इसलिए यहां शंख नहीं बजाया जाता है।

तो इस कारण से बद्रीनाथ मंदिर में नहीं बजाया जाता है शंख। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

Image Credit: pinterest, wikipedia, herzindagi

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP