आखिर किसने तय किया है लड़कियों के लिए गुलाबी और लड़कों के लिए नीला रंग?

इस लेख में हम आपको बताएंगे कि क्यों लड़कियों के लिए गुलाबी और लड़कों के लिए नीला रंग तय किया गया है।

why pink is for girls and blue is for boys in hindi

अगर आप अपनी बेटी के लिए पिंक कलर की ड्रेस और बेटे के लिए ब्लू कलर की ड्रेस को हमेशा से सिलेक्ट करती हैं तो आपको बता दें कि इन दोनों कलर के पीछे भी इतिहास छिपा हुआ है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि क्यों गुलाबी रंग को लड़कियों की पहचान से जोड़ा जाता है और लड़कों को ब्लू कलर से जोड़ा जाता है।

कैसे बना पिंक कलर लड़कियों की पहचान?

why blue is for boys and pink is for girls

आपको बता दें कि प्रथम विश्वयुद्ध के बाद से सेक्रेटरी, वेटर और नर्स जैसे प्रोफेशन में महिलाएं अधिक थी। उस समय इन प्रोफेशन को बहुत अधिक अच्छा नहीं माना जाता था। लोगों के हिसाब से ना ही तो यह व्हाइट कॉलर जॉब मानी जाती थी और यह जॉब नीचे स्तर पर काम करने वाले लोगों की तरह ब्लू कॉलर जॉब भी नहीं थी।

इस कारण से इन सभी प्रोफेशन को पिंक कॉलर जॉब कहा गया। इन प्रोफेशन में महिला प्रधान मानी गई थी। आपको बता दें कि साल 1950 के दशक पिंक कलर सिर्फ लड़कियों का रंग तय किया गया था। अमेरिकी राष्ट्रपति आइजनहावर की पत्नी ने भी पिंक रंग को लड़कियों के लिए ही बढ़ावा दिया था।

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क्यों लड़कों के लिए तय किया गया नीला रंग?

साल 1794 में किताब 'ए जर्नी थ्रू माय रूम' के अनुसार पुरुषों के कमरे में पिंक रंग ज्यादा होना चाहिए क्योंकि पिंक रंग लाल रंग से जुड़ता है और उत्साह और जोश को बढ़ाता है। आपको बता दें कि पिंक कॉलर जॉब के बाद से ही महिलाओं के लिए पिंक कलर को तय किया गया था। उसके बाद से ही अस्पतालों से लेकर कई जगहों तक कलर के हिसाब से कई चीजों को निर्धारित किया गया था।

इसके बाद दूसरे विश्वयुद्ध के बाद से लड़कों के लिए नीले कपड़े प्रयोग होने लगे थे। लोगों ने उस समय एक स्टीरियोटाइप को भी तय किया जिसके बारे में उपन्यास 'द ग्रेट गैट्सबी' में भी बताया गया है। आपको बता दें कि इस उपन्यास में पिंक कलर लड़कों पर शोभा नहीं देता है इसके बारे में लिखा गया है।

साथ ही यह भी बताया गया है कि लड़कों के लिए नीले रंग के कपड़ों का ही प्रयोग होना चाहिए। अस्पतालों में भी सफेद कपड़े की जगह लड़का और लड़की के लिए अलग-अलग रंग के कपड़े प्रयोग किया जाने लगा था। उस समय लोग शाही शादियों में भी इस कलर कोड के अनुसार ही जाते थे।

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इन सभी कारणों की वजह से लड़कियों के लिए गुलाबी और लड़कों के लिए नीला रंग तय किया गया था। उम्मीद है कि आपको हमारा ये आर्टिकल पसंद आया होगा। इसी तरह के अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए हमें कमेंट कर जरूर बताएं और जुड़े रहें हमारी वेबसाइट हरजिंदगी के साथ।

image credit- freepik

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