Bhagwan Shiv Ke Putra: भगवान शिव से जुड़े कई रहस्य हैं जो आज भी दुनिया से छिपे हुए हैं। उन्हीं में से एक है भगवान शिव के पुत्रों का रहस्य। भगवान शिव के दो पुत्रों के बारे में तो आप सभी जानते हैं जिनमें से एक हैं श्री गणेश और दूसरे हैं कुमार कार्तिकेय लेकिन आज हम आपको महादेव के अन्य पुत्रों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनमें से किसी को वरदान मिला तो किसी को मृत्यु दंड मिला। ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं महादेव के 8 पुत्रों के रहस्य के बारे में विस्तार।
अंधक महादेव के अंधकार से जन्मा पुत्र है। कथा के अनुसार, जब माता पार्वती ने खेल-खेल में माहदेव के नेत्रों को बंद कर दिया था तब पृथ्वी पर छाये अंधकार से महादेव के इस पुत्र का जन हुआ था जो अंधकार में जन्म लेने के कारण नेत्र हीन था और अंधक कहलाया। पुत्र होने के बावजूद माता पार्वती पर कुदृष्टि डालने के कारण माता पार्वती (माता पार्वती का स्तोत्र) ने मां काली का रूप धर इसका वध किया था।
महादेव के इस पुत्र का जन्म उनके पसीने से हुआ था। जब एक बार महादेव समाधि में बैठे थे तब उनके ललाट से पसीने की कुछ बूंदें धरा पर जा गिरी थीं इन्हीं बूंदों से जन्में थे भूमा। महादेव के इस पुत्र का पालन पोषण पृथ्वी माता ने किया था इसलिए यह भौम भी कहलाए।
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भगवान शिव के यह पुत्र उनके क्रोध की अग्नि से जन्मे थे। जालंधर की कथा तो जग विख्यात है। शिव पुत्र होने के बाद भी माता पार्वती का अपहरण करने और ब्रह्मांड में आसुरी शक्तियों के माध्यम से दुराचार फैलाने के कारण भगवान शिव ने जालंधर का वध किया था।
भगवान अयप्पा के पिता शिव हैं लेकिन उनकी माता पार्वती नहीं बल्कि माता मोहिनी हैं। पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान शिव ने जब समुद्र मंथन के दौरान श्री विष्णु को मोहिनी रूप में देखा तब उनके सौंदर्य को देख वह मोहित हो गए और मन में पुत्र की इच्छा जागी। इसी इच्छा से प्रकट हुए थे अयप्पा।
सुकेश असुर कुल में जन्मा एक बालक था जिसे उसके माता पिता ने जन्म के पश्चात छोड़ दिया था तब महादेव और माता पार्वती ने उस बालक का भरण पोषण किया था और उसे सुकेश नाम दिया। तभी से सुकेश माहदेव पुत्र कहलाए। सुकेश के कारण ही राक्षस जाती ने बिना अधर्म किये खूब प्रगति की थी।
भगवन शिव और माता पार्वती के एक और पुत्र थे जिनका नाम मंगल था। मंगल भगवान शिव के संगीत से जन्मे थे। माना जाता है कि मंगल ने संगीत के बल पर महादेव को नियंत्रित कर अपना आधिपत्य संसार में फैलाने की कोशिश की थी लेकिन महादेव ने अपने डमरू के संगीत से उसका वध कर दिया था।
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भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय के बारे में तो सभी जानते हैं। यह शिव आयर शक्ति के मिलन से जन्में पहले पुत्र हैं। कार्तिकेय का जन्म ताड़का सुर के अंत के लिए हुआ था। कार्तिकेय ने देव सेनापति क दायित्व निभाते हुए ताड़का सुर का वध किया था। शिव पुत्र कार्तिकेय की पूजा दक्षिण क्षेत्र में अधिक होती है।
भगवान शिव और माता पार्वती के द्वितीय पुत्र श्री गणेश (श्री गणेश की आरती गाने के लाभ) हैं जो प्रथम पूज्य कहलाते हैं। गजमुख होने के कारण इन्हें गजानन भी कहा जाता है एवं गणों के स्वामी होने के कारण यह गणेश या गणपति कहलाते हैं। हिन्दू धर्म में किसी भी शुभ कार्य से पहले श्री गणेश की पूजा का विशेष विधान माना गया है।
तो ये थे भगवान शिव के वो पुत्र जिनमें से किसी को मिला वरदान तो किसी को मिला मृत्यु दंड। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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