आज हमारे देश में महिलाएं हर दिन एक नया कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं। महिलाओं ने आज हर क्षेत्र में अपनी सफलता का परचम लहरा दिया है। आसमान से लेकर धरती तक हर जगह महिलाएं अपनी काबिलियत का लोहा मनवा रही हैं। कुछ ऐसी ही कहानी यूपी की पहली महिला पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह की है। जिन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग छोड़ लेडी सिंघम बनाने का फैसला लिया और देश में अपनी सफलता के झंडे गाड़कर हर महिला के लिए प्रेरणास्त्रोत बनकर उभरी। ऐसे में हर साल की तरह इस साल भी 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International womens day) मनाया जाता है। इस खास मौके पर हम आपको 2000 बैच की आईपीएस अधिकारी लक्ष्मी सिंह की सफलता की कहानी और उपलब्धियों के बारे में बताने जा रहे हैं।
कैसा है आईपीएस लक्ष्मी सिंह का करियर?
आपको बता दें कि लक्ष्मी सिंह ने अपनी स्कूलिंग के बाद मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया है। इसके बाद उन्होंने यूपीएसएसी परीक्षा दी थी और अपनी मेहनत और लगन से उन्होंने 33वीं रैंक हासिल हुई थी। साल 2004 में उनकी पहली पोस्टिंग एसएसपी के रूप में हुई थी।
आपको बता दें कि अपनी ट्रेनिंग के समय हैदराबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल नेशनल अकेडमी से उन्हें सर्वश्रेष्ठ प्रोबेशनर का पुरस्कार भी मिला था। साल 2014 में वह डेप्युटी आईजी नियुक्त हुई थी और फिर साल 2018 में आईजी के रूप में उन्हें नियुक्त किया गया था। आपको बता दें कि आईपीएस लक्ष्मी सिंह साल 2018 में गौतमबुद्ध नगर में एसटीएफ के आईजी भी रह चुकी हैं।
इसके बाद वह मेरठ के पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में आईजी भी रही थी। इसके बाद उन्हें साल 2020 में लखनऊ ट्रांसफर किया गया था। हाल ही में उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार ने नोएडा का पुलिस चीफ नियुक्त किया है और अब वह यूपी की पहली महिला पुलिस कमिश्नर बन चुकी हैं।
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मिले हैं ये सभी पुरस्कार
आईपीएस लक्ष्मी सिंह को पीएम की ओर से सिल्वर बटन मिला है। इसके अलावा उन्हें केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से पुरस्कार स्वरूप 9 एमएम की एक पिस्टल भी दी गई। यही नहीं जब लक्ष्मी डीआईजी थी तब उन्होंने कई इनामी अपराधियों का एनकाउंटर भी किया था जिसके बाद उन्हें कंप्यूटराइजेशन के काम के लिए पीएम मोदी ने सम्मानित किया।
उन्हें लक्ष्मी सिंह को 2016 में पुलिस मेडल से नवाजा गया था और जब वह हैदराबाद में ट्रेनिंग कर रही थी तब उन्हें बेस्ट प्रोबेशनर का भी खिताब मिला था। आपको बता दें कि लक्ष्मी को डीजीपी का सिल्वर और गोल्ड मेडल भी प्रदान किया गया है। लक्ष्मी सिंह ने साल 2021 में लखीमपुर खीरी हिंसा के समय भी बहुत अहम भूमिका निभाई थी।
तो यह थी जानकारी यूपी की पहली महिला पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह के बारे में। उम्मीद है कि आपको हमारा ये आर्टिकल पसंद आया होगा। इसी तरह के अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए हमें आर्टिकल के नीचे आ रहे कमेंट सेक्शन में कमेंट करके जरूर बताएं और जुड़े रहें हमारी वेबसाइट हरजिंदगी के साथ।
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