स्वरा भास्कर बॉलीवुड की उन अभिनेत्रियों में से एक हैं जो बिना डरे, खुलकर अपनी राय पेश करती हैं और उनका कहना है कि अपनी राय देने आज़ादी सभी को होनी चाहिये और यह उन्होंने बचपन से सीखा है। स्वरा ने हमसे बातचीत के दौरान बताया कि उनके पेरेंट्स ने हमेशा उनकी बात सुनी हैं, वो गलत हैं तो उन्हें समझाया है मगर उनकी राय को कभी इग्नोर नहीं किया।
अपने पिता की लाड़ली स्वरा ने बताया जब वो अकेले मुंबई शिफ्ट हुई थीं तो उनके पेरेंट्स एक आम पेरेंट्स की तरह थोड़े सहमे हुए ज़रूर थे मगर, उन्हें विश्वास था कि स्वरा कुछ ग़लत नहीं करेंगी। देश में लड़कियों की आज़ादी, उनके पेरेंट्स को सीख देते हुए स्वरा ने हमसे बहुत कुछ कहा, आइये जानते हैं-
फीयरलेस क्वालिटी मुझे मेरे पेरेंट्स से ही मिली है
स्वरा ने कहा कि मैं आज मीडिया के सामने, सोशल मीडिया पर वो सबकुछ कह देती हूँ जो महसूस करती हूँ। किसी भी टॉपिक पर मैं अपनी राय बिना डरे देती हूँ और मुझे लगता है कि यह फीयरलेस क्वालिटी मुझे मेरे पेरेंट्स से ही मिली हैं। मैंने कभी उनसे कुछ नहीं छुपाया, जब स्कूल में पहला बॉयफ्रेंड बना तो भी मैंने घर आकर बताया। उस समय बॉयफ्रेंड का मतलब साथ टिफिन शेयर करना, एक साथ बैठना, एक दूसरे को सबके सामने हाय हेल्लो कहने से ज्यादा नहीं हुआ करता था। मगर, फिर भी मेरी माँ खूब रोई और मुझे बहुत डांटा कि मैं ये सब क्या कर रही हूँ।
हर बार डांट पड़ती थी और मैं फिर भी सब कुछ उनके साथ शेयर करती थी। मैंने ये सब फ़िल्मों में देखकर ही सीखा कि लोग आपस में बात नहीं करते और फिर प्रॉब्लम होती है, इसलिए मैं पहले ही सब कुछ बता देती थी।
पापा की वो सीख मुझे आज भी याद है
स्वरा ने आगे कहा कि जब मैं एक्टिंग के लिए मुंबई शिफ्ट हुई तो पापा ने मुझे समझाते हुए कहा था कि अब तुम बड़ी हो गई हो, वहां तुम्हारे साथ कोई नहीं होगा, तरह तरह के लोग मिलेंगे जो तुम्हे कुछ ग़लत करने के लिए भी उकसाएंगे मगर, बस एक बात का ध्यान रखना कि हर सुबह आईने में तुम्हे अपना चेहरा देखना है, अपने आप से नज़र ना मिला सको, ऐसा कोई काम नहीं करना। ये सीख मुझे आज भी याद रहती है और हमेशा रहेगी।
स्वरा ने दुनिया के सभी पेरेंट्स जिनकी बेटियां हैं उन्हें यह सीख देते हुए कहा कि लड़कियों को सबसे बड़ा डर होता है कि उसके माता-पिता ने उनका साथ छोड़ दिया तो वो कहाँ जाएंगी, इस प्रेशर में वो अपने ससुराल में, ऑफिस स्पेस में, समाज में वो सब कुछ सहती हैं जो उसे नहीं सहना चाहिए। मेरा कहना है कि आपको अपनी बेटी से कहना चाहिए कि जो करना है करो, हम तुम्हारे साथ हैं और फिर देखिये आपकी बेटी आसमान तक उड़ेगी और बहुत खुश रहेगी।
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