दिवाली का पर्व पूरे पांच दिनों तक चलता है जिसमें हर एक दिन का विशेष महत्व होता है। यह उत्सव धनतेरस के दिन से शुरू होकर भाई दूज के दिन समाप्त होता होता है। इसके पहले दिन यानी धनतेरस के दिन भगवान धन्वन्तरि की पूजा, दूसरे दिन नरक चतुर्दशी के दिन यम देव की पूजा, तीसरे दिन मुख्य दिवाली और चौथे दिन गोवर्धन पूजा मनाई जाती है।
वैसे तो इसकी हर एक तिथि ख़ास है, लेकिन गोवर्धन पूजा के दिन को मुख्य रूप से भगवान कृष्ण की पूजा और गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाने के लिए ख़ास माना जाता है। इस दिन लोग गाय के गोबर से बने पर्वत की पूजा तो करते ही हैं और भगवान् कृष्ण को अन्नकूट का प्रसाद भी चढ़ाया जाता है।
मान्यता है कि इस दिन जो भी भक्त श्रद्धा भाव से पूजन करता है उसे सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। वहीं ऐसी मान्यता है कि पूजा के दौरान कुछ गलतियों को करने से बचना चाहिए, जिससे घर की समृद्धि बनी रहे। आइए ज्योतिषाचार्य डॉ आरती दहिया जी से जानें कि गोवर्धन पूजा के दिन आपको किन गलतियों से बचना चाहिए।
कभी भी गोवर्धन पूजा घर के बंद कमरे में नहीं करनी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि बंद जगह पर की गई पूजा ईश्वर को स्वीकार्य नहीं होती है। यही नहीं ज्योतिष के अनुसार भी इस दिन बंद कमरे में गोवर्धन पूजा करना अशुभ माना जाता है। यदि कोई ऐसा करता है, तो उसके घर की सुख समृद्धि कम होने लगती है। हमेशा गोवर्धन पूजा खुली जगह जैसे घर के आंगन, बालकनी या छत में ही करें।
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गोवर्धन पूजा के दिन मुख्य रूप से गायों की पूजा का विधान है। इस दिन गौ पूजा से घर की सुख समृद्धि में बढ़ोत्तरी होती है। यह पर्व भगवान कृष्ण से संबंधित है जो खुद को गोपाल कहते थे जिसका तात्पर्य गायों को पालने वाला होता है।
इसलिए गोवर्धन पूजा के दिन कभी भी गाय या किसी अन्य जानवर का अपमान न करें। इस दिन यदि आप गौ माता को गुड़ और रोटी खिलाती हैं या अन्य सामग्री का भोग लगाती हैं तो आपके जीवन में सदैव खुशहाली बनी रहती है।
ऐसी मान्यता है कि यह पूजा सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत ख़ास होती है, इसलिए इस दिन आपको भूलकर भी काले कपड़े नहीं पहनने चाहिए, यही नहीं इस दिन गंदे कपड़े पहनकर पूजा न करें। ऐसा करने से पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है। इस दिन यदि आप हल्के पीले या नारंगी रंग के कपड़े पहनेंगी तो ये आपके जीवन में सौभाग्य लाएगा।
कभी भी गोवर्धन पूजा अकेले एक महिला को नहीं करनी चाहिए। यदि आपके घर में ज्यादा लोग नहीं मौजूद हैं तो आपको अन्य रिश्तेदारों के साथ ये पूजा करनी चाहिए। मान्यता है कि इस पूजा में सम्मिलित होते हैं उतना ही आपके आने वाले जीवन के लिए अच्छा माना जाता है और घर में सदैव खुशहाली बनी रहती है। हमेशा परिवार के सदस्यों को एक साथ गोवर्धन पूजा करनी चाहिए। ज्योतिष में अकेले पूजा करना अशुभ माना जाता है।
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पूजा के दौरान आपको कभी भी गोवर्धन पूजा को अधूरा नहीं छोड़ना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि गोवर्धन परिक्रमा हमेशा नंगे पैर ही करनी चाहिए। ज्योतिष में गोवर्धन परिक्रमा को कभी भी बीच में छोड़कर अन्य काम नहीं करने चाहिए। इस दिन भूलकर भी मांस मदिरा या अन्य तामसिक वस्तुओं का सेवन न करें।(गोवर्धन पूजा में अन्नकूट का महत्व)
गोवर्धन पूजा के दिन यदि आप बिना किसी गलती के नियमों का पालन करते हुए विधि विधान के साथ पूजन करती हैं तो आपके घर में सदैव खुशहाली बनी रहेगी।
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Image Credit: wikipedia.com, jagran.com
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