Traffic Rules in India: सड़क पर भूल कर भी इन गाड़ियों को न रोकें वरना जुर्माना भरने के साथ-साथ हो सकता है जेल

मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019 की धारा 194E के अनुसार, इमरजेंसी वाहनों को रास्ता न देने पर आपको जुर्माने के साथ-साथ जेल भी हो सकती है। 

 
What the duty of emergency vehicle

Traffic Rules in India: भारत में यातायात नियमों के अनुसार, किसी भी इमरजेंसी वाहन को रास्ता रोकना एक गंभीर अपराध है। ऐसा करने पर आपको जुर्माने के साथ-साथ जेल भी हो सकती है।

मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019 की धारा 194E के अनुसार, जो भी वाहन चालक फायर सर्विस, एंबुलेंस या राज्य सरकार द्वारा निर्दिष्ट इमरजेंसी गाड़ी का रास्ता बाधित करता है, तो उसे छह महीने तक की जेल या 10 हजार रुपये का जुर्माना या दोनों की सजा मिलेगी।

किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए निर्धारित और अधिकृत वाहन इमरजेंसी वाहन की श्रेणी में आते हैं। इन्हें रास्ता देना हमारे नागरिक कर्तव्यों में से एक है।

what is the punishment and penalty for stopping emergency vehicle

इमरजेंसी वाहनों को रास्ता न देने पर आपको जुर्माने के साथ-साथ जेल भी हो सकती है। मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019 की धारा 194E के अनुसार, जो भी वाहन चालक फायर सर्विस, एंबुलेंस या राज्य सरकार द्वारा निर्दिष्ट इमरजेंसी गाड़ी का रास्ता बाधित करता है तो उसे छह महीने तक की जेल या 10 हजार रुपये का जुर्माना या दोनों की सजा मिलेगी।

इमरजेंसी वाहनों में शामिल हैं:

  • फायर ब्रिगेड
  • एंबुलेंस
  • पुलिस
  • आर्मी
  • नेवी
  • एयरफोर्स
  • रेस्क्यू टीम
  • आपदा प्रबंधन टीम

अगर आप किसी इमरजेंसी वाहन का रास्ता रोकते हैं, तो आपको तुरंत अपने वाहन को किनारे कर देना चाहिए और इमरजेंसी वाहन को रास्ता देना चाहिए। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं, तो आपको जुर्माने के साथ-साथ जेल भी हो सकती है।

the punishment and penalty for stopping emergency vehicle

इमरजेंसी वाहनों को रास्ता देने के लिए, आपको इन बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  • इमरजेंसी वाहन को रास्ता देने के लिए अपने वाहन को किनारे कर दें।
  • इमरजेंसी वाहन के लिए साइड कर दें, ताकि वह आसानी से निकल सके।
  • इमरजेंसी वाहन को रास्ता देते समय अपने वाहन के इंजन को चालू रख सकते हैं,
  • यानी गाड़ी को पूरी तरह से बंद करने की जरूरत नहीं होती।
  • इमरजेंसी वाहन को रास्ता देते समय अपने वाहन के हॉर्न का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

इमरजेंसी वाहनों को रास्ता देना हमारे नागरिक कर्तव्यों में से एक है। अगर हम इमरजेंसी वाहनों को रास्ता नहीं देते हैं, तो इससे किसी भी व्यक्ति की जान को खतरा हो सकती है।

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यातायात उल्लंघन अधिनियम, 2019 के तहत:

  • धारा 177: आपातकालीन वाहन को रास्ता न देने पर पर पहली बार में 500 दण्ड एवं दूसरी बार में 1000 रुपए दण्ड का प्रावधान किया गया।
  • धारा 184 :- लापरवाही से वाहन चलाने पर जुर्माना के तौर पर पांच हजार रुपए देना होगा।
  • धारा 185: सार्वजनिक सड़क पर खतरनाक तरीके से वाहन चलाने पर जुर्माने दस हजार होता है।
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वहीं, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport & Highways) के नोटिफिकेशन के मुताबिक उक्त अधिनियम की धारा 50, धारा 51, धारा 52, धारा 53, धारा 54, धारा 55, धारा 56, धारा 57 एवं धारा 93 अप्रैल 2022 से प्रभावी तौर पर लागू हैं। इन नियमों के मुताबिक अगर आपकी गाड़ी में कोई 14 साल से कम उम्र का बच्चा बैठा है, तो उसके लिए सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य होता है।

साथ ही इन प्रावधानों के लागू होने से सड़क हादसे में बीमा क्लेम करने की प्रक्रिया सरल होती है और ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर निर्धारित सजा को और कठोर कर दिया गया है।

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Image credit: Freepik

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