Goods and Services Tax (GST) जमा करना कानूनी तौर पर सभी व्यावसायिक या निवेश करने वालों के लिए जरूरी है। दरअसल, जीएसटी परिषद की 48 वीं में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद ने केंद्रीय माल और सेवा कर (सीजीएसटी) अधिनियम, 2017 की धारा 132 के तहत कुछ अपराधियों को अपराध की श्रेणी से हटाने की सिफारिश की। साथ ही और भी सिफारिशें जैस, व्यापार की सुविधा के लिए, इलजाम में टैक्स की राशि के लिए बढ़ी हुई समय सीमा, जीएसटी में कंपाउंड ग्रोथ की राशि को कम करना आदि अहम मुद्दे शामिल थें।

जीएसटी टैक्स पर क्या है कानूनी नियम?
जीएसटी जमा करने के लिए जब व्यावसायिक या निवेश करने वाला कारोबारी किसी तरह से टैक्स का पूरा पैसा जमा नहीं करता है या फिर अपने प्रोडक्ट की कीमत में फेरबदल करता है तो इस स्थिति में जीएसटी परिषद इसे GST की टैक्स चोरी मानती है।
आपको बता दें, सीजीएसटी अधिनियम 2017 की धारा 122 से 131 में दंड से संबंधित प्रावधान हैं, जबकि धारा 132 से 138 में प्रॉसिक्यूशन यानी इलजाम और कंपाउंडिंग यानी चक्रवृद्धि से संबंधित प्रावधान हैं। टैक्स चोरी की राशि, इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) की राशि फेर बदल के दावा किया गया या इस्तेमाल किया गया, या अनुचित तरीके से दावा किए गए रिफंड की राशि जेल की सजा की अवधि निर्धारित करती है।
Goods and Services Tax (GST) की चोरी करने पर कई कानूनी कार्रवाई की जा सकती है, और इसका प्रावधान देश के टैक्स कॉर्पोशन या आयकर विभागों के अधीन आता है।
GST टैक्स चोरी को ऐसे पहचान सकते हैं:
- सरकार को सूचना दिए बगैर बेहद जरूरी कपड़ों को गोदाम में रखना: अगर किसी व्यापारी या उद्योग के पास गोदाम में सामग्री रखी जाती है, और वह इसके बारे में GST की जरूरी जानकारी नहीं देता, तो उसे कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
- टैक्स छुपाना या दस्तावेज में गलत गोदाम दर्ज कराना: व्यापारी या उद्योग अकसर GST के फिक्स रेट के इंटरेस्ट कम रेट पर गोदाम दर्ज करवाने का प्रयास करते हैं या टैक्स छुपाने की कोशिश करते हैं।
- पेंडिंग GST भुगतान: GST के भुगतान को ज्यादा टाइम तक पेंडिंग करना भी कानूनी उल्लंघन माना जा सकता है।
- फेक फ्रैक्चर व्यापारिक रिकॉर्ड्स: यह ट्रेडिंग रिकॉर्ड बनाने और GST के जरूरी जानकारी छिपाने का इंजीनियरिंग कोशिश हो सकता है।
GST चोरी करने पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है, जिसमें कई धाराएं शामिल हो सकती हैं, जैसे कि जुर्माना, जेल की सजा, या आयकर चोरी की रकम की चुकाई। इसके अलावा, कानूनी प्रक्रिया की शुरुआत हो सकती है जो GST चोरी के आरोपियों के खिलाफ की जाती है।
क्या जीएसटी चोरी एक आपराधिक अपराध है?
सोशल मीडिया पर मौजूद टैक्स एक्सपर्ट निखिल गुप्ता का कहना है कि जीएसटी के तहत टैक्स चोरी के खिलाफ सरकार ने कई सख्त प्रावधान किए हैं। 5 करोड़ रुपये तक की टैक्स चोरी पर पेनल्टी लगेगा। यह पेनल्टी कुल टैक्स चोरी का 15-100 परसेंट तक हो सकता है। 5 करोड़ रुपये से ज्यादा की टैक्स चोरी पर 1-5 साल तक की जेल हो सकती है।
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क्या है जीएसटी काउंसिल की चेतावनी?
- जीएसटी परिषद यानी गुड्स एंड सर्विस टैक्स काउंसिल जीएसटी राशि के भुगतान के लिए किसी भी व्यक्ति को न तो टेलीफोन कॉल करती है और न ही कोई ईमेल या संदेश भेजती है।
- आम जनता को सूचित किया जाता है और चेतावनी दी जाती है कि वे व्यक्तिगत बैंक खातों में राशि जमा करने के लिए ऐसे फर्जी कॉल/ई-मेल का जवाब न दें।
- इन फ्रॉड एक्टिविटीज से सावधान रहें।
- जीएसटी परिषद ऐसी किसी भी धोखाधड़ी की घटना के लिए किसी भी तरह से जिम्मेदार नहीं है और इस संबंध में अगर कोई शिकायत हो तो वह पुलिस को दी जा सकती है।

अगर आपके साथ GST चोरी के आरोप में किसी कानूनी प्रक्रिया का सामना होता है, तो आपको एक कानूनी पेशेवर से सलाह लेनी चाहिए ताकि आपके अधिकार और कर्मचारियों की सुरक्षा की जा सके।
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Pic: Freepik
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