राहुकाल के बारे में शायद आपने मां या दादी से सुना होगा। राहुकाल एक ऐसा समय होता है जब शुभ काम वर्जित होते हैं। पर कई लोगों को यह नहीं पता होता कि यह समय दिन में एक बार जरूर आता है और हफ्ते के हर दिन यह बदलता रहता है। किसी भी नए काम को शुरू करने से पहले राहुकाल को देखकर उसे टालना होता है।
राहु ग्रह को हमेशा नेगेटिविटी का प्रतीक माना जाता है और मान्यता है कि इसकी छाया पड़ने से आपका बुरा समय शुरू हो जाता है। राहु और केतु को हमेशा दुषप्रभावों वाले ग्रह माना जाता है।
क्या होता है राहु की कथा?
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार राहु ग्रह सर्वभानु नामक राक्षस का सिर है जो सूर्य और पृथ्वी के बीच चक्कर लगाता रहता है। ब्रह्मांड की नेगेटिव एनर्जी को दिखाने वाला राहु ग्रह असल में भगवान विष्णु के प्रकोप के कारण इस तरह से पृथ्वी के चक्कर काट रहा है।
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पौराणिक कहानियों के अनुसार भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र ने ही सर्वभानु का सिर काटा था। यह राक्षस समुद्र मंथन के समय बाहर आया था। राहु खुद को एक ग्रह की छाया के तौर पर दिखाता है इसलिए ही राहु की छाया को गलत समझा जाता है।
कथा के अनुसार समुद्र मंथन के समय सूर्यदेव ने सर्वभानु को छल से अमृत पीते देख लिया था। सूर्य के कहने पर ही विष्णु भगवान ने राक्षस का सिर काटा था। यही कारण है कि राहु की वजह से सूर्यग्रहण लगता है।
क्या है राहु काल?
दिन का 90 मिनट का समय राहुकाल कहलाता है जो सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक कभी भी हो सकता है। यह दिन का वो समय होता है जब राहु अपनी दृष्टि पृथ्वी पर डालता है। यही कारण है कि इस वक्त किसी भी शुभ काम को मना किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि अगर राहु ने देखा है, तो उस वक्त किया गया काम बहुत बिगड़ेगा।
कथाओं के अनुसार राहुकाल के वक्त हमारा दिमाग सही फैसले लेने के लिए स्थिर नहीं रहता है। अगर किसी इंसान को शादी, ब्याह, लेन-देन, घर खरीदी, बच्चे का नामकरण या किसी भी तरह का नया कार्य शुरू करना है, तो इस समय को टालना चाहिए।
राहुकाल का दिन और समय
मान्यताओं के अनुसार राहुकाल शुरू होने के 15 मिनट पहले और 15 मिनट बाद तक आपको ऐसे कार्यों से बचना चाहिए।
- रविवार 4:30 PM - 6:00 PM
- सोमवार 7:30 AM - 9:00 AM
- मंगलवार 3:00 PM - 4:30 PM
- बुधवार 12:00 PM - 1:30 PM
- गुरुवार 1:30 PM - 3:00 PM
- शुक्रवार 10:30 AM - 12:00 PM
- शनिवार 9:00 AM - 10:30 AM
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अगर राहुकाल में ही कोई शुभ काम करवाना पड़े तो?
वैसे तो शास्त्रों में इसे टालने को ही कहा गया है, लेकिन अगर फिर भी कोई जरूरत है, तो इसके मामले में किसी एस्ट्रोलॉजर की राय ले लेनी चाहिए। कई बार काम जल्दी शुरू होता है, लेकिन उसके खत्म होते तक राहुकाल लग जाता है। ऐसे मामलों में दोष कम लगता है। हालांकि, अगर किसी बहुत ही ज्यादा मांगलिक कार्य की शुरुआत करनी है, तो आपको राहुकाल को जरूर देख लेना चाहिए। मान्यताओं के अनुसार अगर आपकी राहु की ग्रहदशा चल रही है तब तो जरूर इस बात का ख्याल रखना चाहिए।
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