ऐसा माना जाता था कि एक औरत का अपना घर नहीं होता। वह बचपन में पिता के साथ रहती है और शादी के बाद पति के घर में, लेकिन आज काफी कुछ बदल चुका है। वक्त बदलने के साथ इस विचार को भी बदलने की प्रथा शुरू हो चुकी है। जी हां, पता चला है कि इस साल 72.66 लाख घर महिलाओं के नाम पर हैं।
दरअसल, महिलाओं का यह सपना प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के तहत पूरा हुआ है। लोकसभा को मंगलवार को बताया गया कि इस साल 13 दिसंबर तक 2.68 करोड़ घर पूरे हो चुके हैं, जिनमें से 72.66 लाख घर पूरी तरह महिलाओं के नाम पर हैं और 1.22 करोड़ घर पत्नी और पति के नाम पर संयुक्त रूप से हैं।
पीएमएवाई-जी को जो बात अलग बनाती है वह यह है कि इसमें सभी को शामिल करने पर विशेष ध्यान दिया गया है, खासकर महिलाओं को। इससे पता चलता है कि PMAY-G ग्रामीण भारत में लोगों के सामाजिक और आर्थिक जीवन को किस तरह सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।
आप भी अगर अपना घर पाने की इच्छा रखती हैं, तो चलिए इस लेख में हम आपको इस स्कीम के बारे में विस्तार से बताएं। यह क्या है, इसके लाभ क्या हैं और आप किस तरह से अपना घर इससे पा सकती हैं, जानें।
प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण क्या है?
PMAY-G में 2024 तक 'सभी के लिए आवास' (Housing for All) की कल्पना की गई थी। इस योजना का लक्ष्य बेघर परिवारों और ग्रामीण क्षेत्रों में कच्चे घरों में रहने वाले लोगों को पक्का मकान देना है। इसके साथ ही, ये स्कीम सुनिश्चित करती है कि उनके पास बिजली, खाना पकाने के ईंधन और स्वच्छता जैसी बुनियादी सुविधाएं हों।
PMAY-G की मुख्य विशेषताएं हैं:
- एलिजिबल परिवारों को मैदानी इलाकों में घर के लिए ₹1.20 लाख और पूर्वोत्तर सहित पहाड़ी या दुर्गम इलाकों में ₹1.30 लाख मिलते हैं। साथ ही, इस योजना के तहत आप सस्टेनेबल और लोकली-सोर्स मटेरियल पा सकते हैं।
- लाभार्थी शौचालयों के लिए स्वच्छ भारत मिशन और एलपीजी कनेक्शन के लिए उज्ज्वला योजना जैसे अन्य प्रोग्राम को भी एक्सेस कर सकते हैं।
- लाभार्थियों के लिए चयन प्रक्रिया सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (एसईसीसी) 2011 के डेटा का उपयोग करती है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि यह निष्पक्ष और पारदर्शी है।
पीएमएवाई-जी के लाभ
1. महिलाओं को सशक्त बनाना
पीएमएवाई-जी हाउस-ओनरशिप को बढ़ावा देकर या व्यक्तिगत रूप से घर पाने के लाभ देकर महिलाओं का समर्थन करता है। इससे महिलाओं को एक मजबूत सामाजिक-आर्थिक स्थिति हासिल करने में मदद मिलती है।
68 करोड़ घरों में से, 73% महिलाओं के स्वामित्व में या सह-स्वामित्व में हैं, जो संपत्ति के स्वामित्व में लैंगिक असमानता को कम करने में मदद करता है। महिलाओं के नाम पर घर हो तो उन्हें निर्णय लेने की शक्ति, सुरक्षा और समाज में उच्च दर्जा मिलता है।
2. ग्रामीण गरीबी में कमी
यह योजना ग्रामीण परिवारों के लिए रहने की स्थिति में सुधार करती है, उनके जीवन की गुणवत्ता और उत्पादकता को बढ़ाती है। सुरक्षित आवास उन्हें प्राकृतिक आपदाओं से भी बचाता है।
3. रोजगार सृजन
पीएमएवाई-जी ग्रामीण श्रमिकों, राजमिस्त्री और निर्माण मजदूरों के लिए रोजगार पैदा करता है। कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित करने से श्रमिकों को मजबूत, पर्यावरण के अनुकूल घर बनाने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।
4. जीवन स्तर में सुधार
बिजली के लिए सौभाग्य योजना और स्वच्छ पेयजल के लिए हर घर जल जैसे प्रोग्राम के कारण, PMAY-G आवश्यक सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करता है, जिससे जीवन स्तर में सुधार होता है।
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पीएमएवाई-जी का शक्तिशाली प्रभाव
पीएमएवाई-जी के तहत महिलाओं को घर खरीदने के लिए प्रेरित करना ग्रामीण भारत में पुराने सामाजिक मानदंडों को बदलने की दिशा में एक बड़ा कदम है। जब महिलाओं के पास अपना घर होता है, तो इससे उन्हें सामाजिक सुरक्षा का एहसास होता है। घर होने का मतलब है कि उन्हें परिवार के पुरुष सदस्यों पर कम निर्भर रहना पड़ता है और उन्हें घरेलू मुद्दों के खिलाफ एक सुरक्षित वातावरण मिलता है।
महिलाएं अपने घरों को लोन के लिए कोलैटरल के रूप में उपयोग कर सकती हैं, जिससे उन्हें अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने में मदद मिल सकती है।
प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण विकास में मदद कर रही है और लैंगिक समानता को बढ़ावा दे रही है। 73% महिलाओं को घर खरीदने में सक्षम बनाकर, इसने लाखों ग्रामीण परिवारों को सम्मान, शक्ति और सुरक्षा दी है।
मंगलवार को लोकसभा को बताया गया था कि प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के तहत अब तक पूरे हो चुके घरों में से करीब 1.95 करोड़ या 73 प्रतिशत घर महिलाओं के पास हैं। ग्रामीण विकास राज्य मंत्री चंद्रशेखर पेम्मासानी के अनुसार, पीएमएवाई-जी दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि घरों का पंजीकरण महिलाओं के नाम पर होना चाहिए, चाहे वह अकेली हो या उनके पति के साथ।
यदि कोई घर शुरू में किसी पुरुष सदस्य के नाम पर पंजीकृत था, तो आधिकारिक दस्तावेजों में महिलाओं को द्वितीयक मालिक के रूप में जोड़ा जा सकता है।
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