नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (एनएससी ) एक सेविंग स्कीम है। इसे राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र भी कहते है। आपको बता दें कि इसमें रिस्क नहीं है और इसमें गारंटिड रिटर्न मिलता है। साथ ही इसमें इनकम टैक्स की भी बचत की जाती है। इस स्किम से आपको ये ट्रिपल फायदा है।
इस योजना में पांच साल का लॉक इन पीरियड है। इसका मतलब है कि आप अपने निवेश किए गए पैसे को पांच साल से पहले नहीं निकाल सकते। योजना में निवेश करने के लिए तीन विकल्प हैं जो हम आपको बताएंगे। इसके साथ आपको यह बता दें कि आप किसी भी डाकघर शाखा में योजना खोल सकते हैं।
1) सिंगल टाइप
आप एनएससी की सिंगल टाइप स्कीम के जरिए अपने लिए या किसी किशोर के लिए निवेश कर सकते हैं।
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2) जॉइंट ए टाइप
इस तरह के सर्टिफिकेट को दो लोग एक साथ खरीद सकते हैं साथ ही दो लोग एक साथ योजना में निवेश कर सकते हैं। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि दोनों लोगों को बचत योजना से राशि निकालने के लिए उपस्थित होना चाहिए।
3)ज्वाइंट बी टाइप
हालांकि सर्टिफिकेट स्कीम में दो लोग एक साथ निवेश कर सकते हैं, लेकिन मैच्योरिटी के समय केवल एक को ही राशि दी जाएगी।
आपको बता दें कि इस बचत योजनाओं में से एक एनएससी की मैच्योरिटी का समय पांच साल है। यहां ब्याज की दरें हर तिमाही पर तय की जाती हैं। लेकिन जब आप एनएससी में निवेश करते हैं उस समय लागू ब्याज दरें पूरे 5 साल के दौरान समान रहती हैं। यानी यह स्कीम आपके लिए गारंटिड रिटर्न दिलाती है।
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कुछ अहम बातें जरूर रखें ध्यान
- आप कम से कम 1,000 रुपये निवेश कर सकते हैं।
- एनएससी में निवेश करने वाले को हर साल ब्याज का भुगतान नहीं किया जाता है।
- एनएससी में निवेश पर आयकर छूट का भी फायदा मिलता है।
- एनएससी पर मिलने वाला ब्याज हर साल खाते में जमा होता जाता है।
- एनएससी को कर्ज लेने के लिए भी निवेश करने वाला गिरवी भी रखा जा सकता है।
तो यह थी नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (एनएससी ) के बारे में जानकारी।
image credit- freepik
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