प्रॉपर्टी खरीदना एक बड़ा निवेश है, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि आप सभी आवश्यक शोध करें और सभी संभावित जोखिमों को समझें। कई लोग प्रॉपर्टी खरीदने से पहले कुछ महत्वपूर्ण बातों को भूल जाते हैं, जो उन्हें बाद में परेशानी में डाल सकता है। अपनी जरूरतों और बजट का आकलन करना चाहिए। यह सबसे महत्वपूर्ण बातों में से एक है जिसे आपको करने की जरूरत पड़ती है। अपनी जरूरतों और बजट का आकलन करने से आपको यह तय करने में मदद मिलता है कि आपके लिए कौन सी प्रॉपर्टी सही है।
लोन वाली प्रॉपर्टी लेने से पहले कानूनी पेचीदगियों को समझें
अक्सर ऐसा होता है कि प्रॉपर्टी लेने या बेचने में हम कानूनी मामलों पर गौर नहीं कर पाते, हमें प्रॉपर्टी खरीदने से पहले पूरी तरह कानूनी जांच-पड़ताल करना जरूरी होता है। अगर आप ऐसी प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं, जो बंधक (मॉर्गेज) हो, तो प्रॉपर्टी की फिजिकल और उसकी कानूनी स्थिति की जांच करना महत्वपूर्ण हो जाता है। प्रॉपर्टी खरीदते वक्त इन बातों का ध्यान जरूर रख सकते हैं-
1. फिजिकल इंस्पेक्शन
प्रॉपर्टी का फिजिकल इंस्पेक्शन करने से उसकी स्थिति, मेंटेनेंस और रिपेयर की जरूरत का पता चलता है। आप पक्का कर पाएंगे कि प्रॉपर्टी आपकी जरूरत के अनुरूप है या नहीं। फिजिकल इंस्पेक्शन के दौरान कमोबेस का भी अंदाजा लगा पाते हैं। इसके लिए आपको भविष्य तैयारी करने में आसानी होता है।
2. कानूनी पेचीदगियां
प्रॉपर्टी की कानूनी पेचीदगियों को समझें इसके लिए प्रॉपर्टी टाइटल, बकाया लोन, मॉर्गेज और अन्य दस्तावेजों की पड़ताल करने की जरूरत होती है।
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3. बकाया लोन की जानकारी
रीसेल प्रॉपर्टी खरीदने से पहले विक्रेता के बकाया लोन पता कर लेना चाहिए। हालांकि, यह एक कठिन प्रक्रिया हो सकती है, लेकिन यह जरूरी है क्योंकि आप सीधे विक्रेता के कर्ज का भुगतान नहीं करते हैं। इसके बजाय, इसे अप्रत्यक्ष रूप से योगदान करते हैं। उदाहरण के तौर पर अगर प्रॉपर्टी पर बकाया लोन 50 लाख है और आप इसे 95 लाख रुपये में खरीद रहे हैं तो विक्रेता आपके भुगतान का एक हिस्सा लोन के सेटलमेंट में इस्तेमाल करता है। इसके बाद प्रॉपर्टी पर बंधक रखने वाला बैंक संपत्ति पर फर्स्ट मॉर्गेज रिलीज कर देगा। विक्रेता के पूरा लोन चुकाने पर आपको प्रॉपर्टी का क्लियर टाइटल मिलेगा। इससे सुनिश्चित होगा कि प्रॉपर्टी किसी कानूनी भार से रहित है।
4. लोन ट्रांसफर के वक्त कई चीजों की भूमिका अहम
लोन ट्रांसफर की मंजूरी के वक्त कई कारक अहम भूमिका निभाते है। इसमें उम्र, आय, सिविल स्कोर, क्रेडिट हिस्ट्री, आय का स्थिर स्रोत, कार्य अनुभव, डॉक्युमेंटेशन, कोलेटरल / गारंटी आदि शामिल हैं।
अगर आप प्रॉपर्टी खरीदने के लिए लोन ले रहे हैं, तो आपके बैंक को प्रॉपर्टी पर क्लियर टाइटल और फर्स्ट मॉर्गेज की जरूरत होगी। इसकी भरपाई बैंक से रिलीज डीड मिलने के साथ होती है। यह आपके बैंक को यह भरोसा करने के लिए काफी होगी कि प्रॉपर्टी लोन के लिए कोलेटरल पर्याप्त है।
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इस मामले में वकील से सलाह लेना हमेशा एक बेहतर विकल्प हो सकता है, खासकर अगर आप पहली बार प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं। वकील आपको कानूनी प्रक्रिया को समझने और अपने अधिकारों की रक्षा करने में मदद कर सकता है।
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