अंतरिक्ष स्टेशन एक विशाल अंतरिक्ष यान होता है, जो पृथ्वी की कक्षा में लगातार घूमता रहता है। यहां पर अंतरिक्ष यात्री रहते हैं और अपना काम करते हैं। जहां, दूसरे अंतरिक्ष यान काम पूरा करने के बाद धरती पर लौट आते हैं, लेकिन अंतरिक्ष स्टेशन दीर्घकालिक मिशनों के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। जहां पर एस्ट्रोनॉट्स लंबे समय तक स्पेस में रह सकते हैं और वैज्ञानिक रिसर्च कर सकते हैं।
आज दुनिया का सबसे पॉपुलर अंतरिक्ष स्टेशन अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) है, जहां नवंबर 2000 से लगातार अंतरिक्ष यात्री रह रहे हैं। आज हम इस आर्टिकल में जानेंगे कि स्पेस स्टेशन क्या होता है, यह कैसे काम करता है और एस्ट्रोनॉट्स इसमें कितने दिनों तक रह सकते हैं।
स्पेस स्टेशन क्या होता है?
स्पेस स्टेशन एक विशेष रूप से तैयार किया गया मानव निर्मित ढांचा है, जिसे स्पेस में रहने और काम करने के लिए तैयार किया गया है। यह एक नॉर्मल अंतरिक्ष यान से बहुत अलग है, क्योंकि इसे लंबे समय तक संचालन के लिए डिजायन किया गया है। एस्ट्रोनॉट्स यहां कई महीनों या सालों तक आराम से रह सकते हैं।
स्पेस स्टेशन के अंदर प्रमुख काम शामिल हैं। जैसे- माइक्रोग्रेविटी में साइंटिफिक रिसर्च करना, न्यू स्पेस टेक्नोलॉजी की टेस्टिंग करना, धरती और अंतरिक्ष का अवलोकन करना है और मंगल समेत दूसरे अंतरिक्ष मिशनों की तैयारी करना।
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अंतरिक्ष स्टेशन का स्ट्रक्चर
एक स्पेस स्टेशन में कई तरह के मॉड्यूल होते हैं, जो विभिन्न उद्देश्यों को पूरा करते हैं।
- रहने के लिए क्वार्टर- यह जगह एस्ट्रोनॉट्स को सोने, खाने और हाइजीन फैसिलिटीज़ प्रदान करता है।
- प्रयोगशालाएं- स्पेस स्टेशन के अंदर स्थित प्रयोगशाला जीव विज्ञान, भौतिकी, चिकित्सा और अन्य क्षेत्रों में प्रयोगों के लिए वैज्ञानिक उपकरणों से सुसज्जित है।
- सोलर पैनल- स्पेस स्टेशन को बिजली देने के लिए बिजली पैदा करते हैं।
- डॉकिंग पोर्ट- स्पेसक्राफ्ट को डॉक करने और चालक दल के सदस्यों को ले जाने की अनुमति देते हैं।
- रोबोटिक आर्म्स- ये स्टेशन की बाहरी मरम्मत और स्टेशन के बाहर उपकरणों को ले जाने में मदद करते हैं।
एस्ट्रोनॉट्स अंतरिक्ष स्टेशन पर कितने समय तक रह सकते हैं?
एस्ट्रोनॉट्स के स्पेस स्टेशन पर रहने की अवधि मिशन के लक्ष्यों, फिजिकल हेल्थ, साइकोलॉजिकल हेल्थ पर निर्भर करती है। इसलिए, स्पेस में रहने की अलग-अलग अवधि होती है।
छोटे मिशन (कुछ सप्ताह से 3 महीने तक)
नए अंतरिक्ष यात्री या विशिष्ट उपकरणों का परीक्षण करने वाले लोग कुछ हफ्ते तक रह सकते हैं।
सामान्य मिशन (लगभग 6 महीने)
अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर रहने वाले अधिकतर अंतरिक्ष यात्री 6 महीने तक रुकते हैं। इस दौरान वे वैज्ञानिक प्रयोग करते हैं और अपनी हेल्थ को बनाए रखते हैं।
लंबे मिशन (1 साल तक)
कुछ मिशन में स्पेस में रहने के प्रभावों का अध्ययन करने के लिए एस्ट्रोनॉट्स सालभर तक रहते हैं। आपको बता दें कि अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री स्कॉट केली और रूसी कॉस्मोनॉट मिखाइल कोर्निएन्को ऐसे ही एक मिशन का हिस्सा रह चुके हैं।
रिकॉर्ड-तोड़ मिशन
अब तक सबसे लंबी अंतरिक्ष यात्रा वैलेरी पॉलाकोव ने की थी, जिन्होंने 1990 के दशक में मीर अंतरिक्ष स्टेशन पर 437 दिन बिताए थे।
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अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने की चुनौतियां
स्पेस में रहना रोमांचक होता है, लेकिन यह कई शारीरिक और मानसिक चुनौतियों के साथ आता है। एस्ट्रोनॉट को अपने मिशन के पहले और बाद में मेडिकल और मेंटल हेल्थ एग्जामिन से गुजरना पड़ता है।
गुरुत्वाकर्षण की कमी का प्रभाव
धरती की तुलना में स्पेस में बहुत कम ग्रेविटी होती है। इससे मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं और हड्डियों का घनत्व घटने लगता है। इन समस्याओं से बचने के लिए एस्ट्रोनॉट्स को हर दिन कम से कम 2 घंटे एक्सरसाइज करनी पड़ती है।
Radiation का खतरा
स्पेस स्टेशन धरती की सुरक्षा परतों से बाहर होता है, जिससे वहां पर सोलर रेडिएशन और कॉस्मिक-रे का खतरा बढ़ जाता है। ज्यादा रेडिएशन से कैंसर या दूसरी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। इसको कम करने के लिए अंतरिक्ष यात्री विशेष सुरक्षा शील्ड का इस्तेमाल करते हैं।
नींद की समस्या
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) एक दिन में 16 बार सूर्योदय और सूर्यास्त देखता है, जिससे अंतरिक्ष यात्रियों की स्लीपिंग साइकिल गड़बड़ा जाती है। अच्छी नींद के लिए स्पेशल लाइट सिस्टम और स्ट्रिक्ट डेली रूटीन का पालन किया जाता है।
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Image Credit - wikipedia, jagran
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