अंतरिक्ष स्टेशन में किस तरह खाया जाता है खाना? यहां जानें तैयार करने की व्यवस्था

अमेरिकी अंतरिक्ष साइंटिस्ट सुनीता विलियम्स ने 9 महीने बाद धरती पर वापसी की है। हैरानी की बात यह है कि इन दौरान इन्होंने खाने-पीने का कैसे ध्यान रखा होगा। किस तरह का खाना बनाया होगा, आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं।
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How Is Astronaut Food Made: हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में खाना बनाना और खाना बहुत आसान लगता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अंतरिक्ष में रहने वाले वैज्ञानिक और अंतरिक्ष यात्री कैसे खाते हैं? वहां न ही चूल्हा जलाने की सुविधा होती है और न ही खुली प्लेट में खाना परोसने का कोई सीन...लेकिन फिर भी, वैज्ञानिकों ने ऐसी अनोखी और कई तकनीक विकसित की हैं, जिससे अंतरिक्ष यात्री लंबी यात्राओं के दौरान भी हेल्दी आहार ले सकें।

जी हां, हाल ही में 9 महीने बाद अमेरिकी अंतरिक्ष साइंटिस्ट सुनीता विलियम्स ने धरती पर वापसी की है। इस दौरान सुनीता विलियम्स काफी फिट दिखी, लेकिन सवाल यह है कि 9 महीने उन्होंने क्या खाया? बता दें अंतरिक्ष में खाने के लिए खास पैकेट्स, फ्रीज-ड्राइड मील्स और स्पेशल कंटेनरों का इस्तेमाल किया जाता है। मगर क्या वहां ताजे फल और सब्जियां खा सकते हैं? क्या खाना गर्म करने की सुविधा होती है? इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए आइए अंतरिक्ष के अनोखे खान-पान कसमझते हैं।

अंतरिक्ष के लिए खासतौर पर तैयार किया जाता है खाना

what do astronauts eat in space for breakfast

एक बात हम साफ कर दें अंतरिक्ष में कोई खास खाना बनाने की व्यवस्था नहीं होती। यहां खाना वैसे नहीं बनाया जा सकता जैसे हम धरती पर पकाते हैं। वहां गैस का चूल्हा, तवा या कुकर जैसा सामान नहीं होता और न ही काम करता है। ऐसा इसलिए क्योंकि वहां खुली लो जलाना आसान नहीं होता।

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इसलिए अंतरिक्ष पर जाने वाले हर यात्रियों को पहले से तैयार और प्रोसेस्ड खाना दिया जाता है, जिसे खास तकनीक से संरक्षित किया जाता है जैसे- फ्रीज ड्राइड फूड, थर्मो स्टेबलाइज्ड फूड और रेडी टू ईट खाना आदि।

अंतरिक्ष में कैसे किया जाता है खाना गर्म?

जब तक खाना गर्म न हो, तब तक खाने का मन नहीं करता। लेकिन क्या होता है जब कोई अंतरिक्ष में जाता है, उसे खाना गर्म नहीं मिलता? क्योंकि अंतरिक्ष में गैस या इंडक्शन कुकिंग तो कर नहीं सकते। इसलिए खाने को गर्म करने के लिए इलेक्ट्रिक फूड वार्मर का इस्तेमाल किया जाता है।

इससे खाने को सही तापमान पर गर्म किया जाता है, ताकि उसका स्वाद और पोषण बना रहे। हालांकि, अंतरिक्ष स्टेशन पर माइक्रोवेव का इस्तेमाल नहीं किया जाता, क्योंकि वहां बिजली का सीमित इस्तेमाल किया जाता है।

अंतरिक्ष में खाना तैयार करने की व्यवस्था

How do astronauts eat in space

फ्रीज ड्राइड को खाने से पहले उसमें पानी मिलाना पड़ता है और इसे स्पेशल ट्यूब के जरिए निकाला जाता है। इस दौरान काफी ध्यान रखा जाता है क्योंकि अंतरिक्ष में पानी के बुलबुले तैर सकते हैं। इसलिए इसे खास उपकरणों से कंट्रोल किया जाता है।

साथ ही, खाने से पहले उसमें गर्म या ठंडा पानी मिलाया जाता है और फिर उसे बंद पैकेट में कुछ मिनटों तक रखा जाता है ताकि वह मुलायम हो जाए।

खाने के लिए खास कटलरी और कंटेनर

अंतरिक्ष में खाना प्लेट में नहीं परोसा जाता, क्योंकि गुरुत्वाकर्षण की कमी होती है। अगर इसमें खाना रखेंगे तो वह उड़ सकता है। इसलिए खासतौर पर स्पेशल कंटेनर और ट्यूब में खाना पैक किया जाता है, ताकि खाते वक्त खाना बिल्कुल भी न उड़े। अंतरिक्ष के लिए स्पेशल स्पून और फोर्क, पानी के पैकेट्स और टैको या टॉर्टिला आदि तैयार किए जाते हैं।

अंतरिक्ष यात्री क्या-क्या खाते हैं?

How to create food in space

यह सब नासा और स्पेस एजेंसियां मिलकर तय करती हैं कि अंतरिक्ष यात्रियों को संतुलित आहार मिले, ताकि वे लंबे समय तक स्वस्थ रह सकें। वहां पर पास्ता, चावल, बीन्स, सब्जियां, स्पेशल पाउच में कॉफी, चाय, जूस और प्रोटीन के लिए चिकन, मछली या टोफू खाया जाता है। यह सभी इस तरह बनाए जाते हैं ताकि इन्हें आसानी से खा लिया जाए। कभी-कभी स्पेस मिशन के दौरान ही भेजे जाते हैं।

कैसे खाने को किया जाता है स्टोर?

जब भी हम अंतरिक्ष में जाते हैं, तो कुछ पता नहीं होता कि इंसान कब तक रहेगा। इसलिए यहां पर ले जाने वाला खाना खास तरीके से तैयार किया जाता है, ताकि यह लंबे समय तक खराब न हो। साथ ही, खाने को सुरक्षित तरीके से पैक किया जाता है।

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  • खाना हवा में न गिरे, इसके लिए खाना पैकेट्स और जिप-लॉक कंटेनरों में रखा जाता है।
  • वहीं, चम्मच और कांटे मैग्नेटिक होते हैं ताकि वे ट्रे पर टिके रहें।
  • ब्रेड के टुकड़े बिखर सकते हैं, इसलिए अंतरिक्ष यात्री टॉर्टिला रोटियों का इस्तेमाल करते हैं।
  • इसके अलावा, पानी, चाय, कॉफी और जूस सीलबंद पाउच में होते हैं, जिन्हें स्ट्रॉ से पिया जाता है ताकि वे हवा में न फैलें।

इसके अलावा, वहां खाना लगातार भेजा जाता है, इसलिए कोई भी यात्री भूखा नहीं रहता।अगर हमारी स्टोरी से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो आप हमें आर्टिकल के ऊपर दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।

Image Credit- (@Freepik and shutterstock)

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