क्या आपको पता है कि चेक बाउंस होने पर हो सकती है सजा? एक्सपर्ट से जानिए कानून और बचाव के तरीके

अगर आप किसी को चेक दे रहे हैं, तो उस पर मेंशन न केवल अमाउंट बल्कि सिग्नेचर, डेट और वैलिडेशन का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। वरना आपको चेक बाउंस के लिए सजा भी मिल सकती है। चलिए एक्सपर्ट से जानते हैं क्या हैं नियम-
What happens when a cheque bounces

What Will Happen If Cheque Bounced:बदलते दौर में कभी कुछ बदल चुका है, बैंकिंग लेन-देन पहले के हिसाब से काफी तेजी से बढ़ चुका है। साथ ही अब घंटों का काम मिनटों में होने लगा है। खासकर डिजिटल पेमेंट सिस्टम की वजह से। पहले जहां बैंक दफ्तर में घंटों की लंबी लाइन लगाना पड़ता था। यूपीआई, इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल वॉलेट्स और कार्ड पेमेंट ने लेन-देन को आसान कर दिया है। लेकिन आज भी जब बात बड़े अमाउंट की आती है, तो इसके लिए हम सभी चेक का इस्तेमाल करते हैं। पैसे के लिए जब हम किसी को चेक में एक फिक्स अमाउंट डालकर देते हैं। लेकिन अगर आपके बैंक में उतने पैसे नहीं है, तो आपका चेक बाउंस हो सकता है। या फिर आपको मिला कोई चेक बाउंस हो गया है अब ऐसे में क्या सोचा है कि चेक बाउंस होने पर क्या होता है। इस सिचुएशन को कई बार लोग हल्के में ले लेते हैं। लेकिन आपको बता दें कि चेक बाउंस प्रोसेस कोई छोटी बात नहीं है बल्कि इसके लिए आपको सजा भी मिल सकती हैं।

इस लेख में बैंक वर्किंग पर्सन अनुपमा सान्याल से जानते हैं कि चेक बाउंस पर क्या सजा मिलती है। साथ ही इसको लेकर बैंकिंग कानून क्या कहता है और इससे बचने के क्या तरीके हैं।

चेक बाउंस को लेकर क्या है कानून?

Bounced check consequences

भारत में, नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट, 1881 की धारा 138 चेक बाउंस से जुड़े केस को कंट्रोल करती है। यह कानून पैसे देने वाले को भुगतान के लिए जिम्मेदार ठहराता है और ऐसे मामलों में कठोर दंड का प्रावधान करता है। लेकिन इससे पहले यह समझना जरूरी है कि चेक बाउंस कब और क्यों होता है। साथ ही किस केस में सजा दी जाती है।

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कब और क्यों होता है चेक बाउंस?

Section 138 of Negotiable Instruments Act

चेक बाउंस होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। पहला जो आम सबसे अहम है वह है खाते में कम पैसे होना। इसके अलावा अगर आपके चेक में हुआ साइन आपके अकाउंट सिग्नेचर से मैच नहीं होता है, तो चेक बाउंस होने का चांस होता है। साथ ही चेक पर डेट मेंशन न होना या गलत तारीख लिखे होने पर यह दिक्कत आती हैं। वहीं अगर चेक पर किसी भी तरह की काट-छांट या ओवर राइटिंग है, तो भी यह स्थिति आ सकती है।

चेक बाउंस होने पर क्या हो सकती है सजा?

अगर किसी धारक का चेक बार-बार बाउंस हो रहा है, तो उस पर कानूनी कार्रवाई हो सकती हैं। इसमें दो साल तक की जेल की सजा हो सकती है। इसके अलावा चेक की राशि का दोगुना तक जुर्माना लगाया या दोनों सजाएं भी हो सकती हैं।

चेक बाउंस पर बचने के क्या है तरीके?

what is cheque dishonour

चेक जारी करने से पहले हमेशा अपने बैंक खाते में चेक करें कि जो अमाउंट आप मेंशन करने जा रहे हैं। वह अकाउंट में है या नहीं। साथ ही चेक पर तारीख, राशि और सिग्नेचर सही ढंग से करें। साथ ही ओवर राइटिंग करने से बचें। चेक देते समय उसकी वैलिडेशन जरूर देखें। पुराने चेक का इस्तेमाल न करें, जिनकी वैधता कुछ दिन में खत्म होने वाली है। यदि आप किसी को चेक दे रहे हैं, तो कोशिश करें कि उसके पीछे के लेन-देन का लिखित रिकॉर्ड हो। अगर आपको बाउंस हुआ चेक मिलता है, तो तुरंत एक कानूनी विशेषज्ञ से सलाह लें। नोटिस भेजने और केस फाइल करने का प्रोसेस पूरा करने की समय-सीमा का ध्यान रखना और पालन करना महत्वपूर्ण है।

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Image Credit- freepik


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