गार्डनिंग शुरू करने से पहले, जान लेनी चाहिए मिट्टी के बारे में ये खास बातें

मिट्टी में कई किस्म के पोषक तत्व और खनिज होते हैं, जो पौधों को बढ़ने के लिए जरूरी होते हैं। इनकी खासियत ये होती है कि इनमें मौजूद रेत, मिट्टी, गाद और कार्बनिक पदार्थ के अनुपात पर निर्भर करती हैं।

What soil To use for gardening

गार्डनिंग के लिए जल निकासी वाली अच्छी मिट्टी की जरूरत पड़ती है। दोमट मिट्टी ज्यादातर पौधों के लिए अच्छी होती है। हालांकि, अलग-अलग पौधे अलग-अलग तरह की मिट्टी में पनप सकते हैं। उदाहरण के लिए, रसीले पौधों को रेतीली मिट्टी की जरूरत होती है, और कुछ पेड़ और झाड़ियां चिकनी मिट्टी में पनपते हैं। इन मिट्टियों की खासियत ये है कि इनमें मौजूद रेत, मिट्टी, गाद और कार्बनिक पदार्थ के अनुपात पर निर्भर करती हैं।

मिट्टी में कई किस्म के पोषक तत्व और खनिज होते हैं, जो पौधों को बढ़ने के लिए जरूरी होते हैं। यह पानी को भी स्टोर करता है और पौधों की जड़ों को सहारा देता है। आम तौर पर मिट्टी के पांच मुख्य प्रकार होते हैं: रेतीली मिट्टी, चिकनी मिट्टी, गाद मिट्टी, पीट मिट्टी और दोमट मिट्टी।

What are the types of soil and their uses

रेतीली मिट्टी

रेतीली मिट्टी रेत के कणों से बनी होती है, जो बड़े और ढीले आकार में होते हैं। यह अच्छी तरह से सूखा और हवादार होता है, लेकिन यह मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों और पानी को कम भी कर देता है। रेतीली मिट्टी अक्सर बागवानी के लिए इस्तेमाल की जाती है, क्योंकि यह अच्छी तरह से सूखा रहता है और यह पौधों को जड़ने में आसान बनाता है।

चिकनी मिट्टी

मिट्टी के कणों से बनी होती है, जो बहुत छोटे और महीन होते हैं। यह पोषक तत्वों और पानी को बनाए रखने में बहुत अच्छा होता है, लेकिन यह कुछ मामलों में पौधों के लिए भारी और नुकसानदेह भी हो सकता है। चिकनी मिट्टी अक्सर बागवानी और खेती के लिए काम की माना जाती है।

Which type of soil is used in the garden

दोमट मिट्टी

दोमट मिट्टी रेत, गाद और चिकनी मिट्टी के कणों से बनी होती है। यह तीनों प्रकार की मिट्टी का संतुलित मिश्रण है और यह पोषक तत्वों, पानी और हवा को बनाए रखने में बेहतर है। दोमट मिट्टी अक्सर बागवानी, खेती और लॉन के लिए उपयोग की जाती है।

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गाद मिट्टी

गाद मिट्टी, ऐसी मिट्टी होती है जिसमें कम से कम 80 प्रतिशत गाद और 12 प्रतिशत से ज़्यादा रेत नहीं होती। गाद, रेत और मिट्टी के बीच के आकार का दानेदार पदार्थ है। यह चट्टान और खनिज कणों से बनी होती है जो मिट्टी से बड़े लेकिन रेत से छोटे होते हैं। गाद के कण इतने छोटे होते हैं कि उन्हें नंगी आंखों से देख पाना मुश्किल होता है। गाद आमतौर पर मिट्टी में अन्य प्रकार की तलछट जैसे रेत, मिट्टी और बजरी के साथ पाई जाती है।

पीट मिट्टी

पीट मिट्टी, मिट्टी की सतह पर मौजूद कार्बनिक परत होती है। यह परत कार्बनिक पदार्थों से बनी होती है। ये कार्बनिक पदार्थ ज्यादातर पौधों की सामग्री से मिलते हैं। पीट मिट्टी में बड़ी मात्रा में पीट होता है। पीट मिट्टी, दलदली क्षेत्रों में जमा होने वाले जैविक पदार्थों से बनती है। यह काली, भारी और अम्लीय होती है। भारत में, बिहार का उत्तरी भाग, उत्तराखंड के दक्षिणी भाग, बंगाल के तटीय क्षेत्र, उड़ीसा और तमिलनाडु में पीट मिट्टी पाई जाती है।

type of soil is used in the garden

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गार्डनिंग शुरू करने से पहले, मिट्टी से जुड़ी कुछ खास बातें जान लेनी चाहिए

  • मिट्टी की जांच कराकर, पौधों को सही पोषक तत्व दिए जा सकते हैं।
  • मिट्टी का पीएच, मिट्टी की अम्लता या क्षारीयता का माप होता है।
  • पौधों की वृद्धि के लिए, दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है। इसमें लगभग 40 फीसदी रेत, 40 फीसदी गाद और 20 फीसदी मिट्टी होती है।
  • मिट्टी की संरचना भी खास होती है। ढीली संरचना, अच्छी जल निकासी और जड़ों की वृद्धि के लिए जगह बनाती है।
  • मिट्टी में केंचुए, डीकंपोजर जैसे जीव रहते हैं। ये जीव मिट्टी की उर्वरता बढ़ाते हैं। ये पौधों के लिए जरूरी हैं, क्योंकि ये नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम जैसे पोषक तत्वों का पुनर्चक्रण करते हैं।
  • मिट्टी में गोबर खाद, वर्मीकंपोस्ट और रॉक फॉस्फेट जैसे फर्टिलाइजर मिलाने चाहिए।
  • मिट्टी में समय-समय पर गुड़ाई करनी चाहिए। इससे मिट्टी ढीली रहती है और घास भी साफ हो जाती है।
  • पौधों को सुबह पानी देना चाहिए। सुबह के समय पौधे पानी अच्छी तरह से सोख लेते हैं और इससे जड़ें भी मजबूत होती हैं।
  • पौधों को मुरझाया हुआ नहीं लेना चाहिए।
  • मिट्टी के गमले में पौधों की ग्रोथ अच्छी होती है।
  • रासायनिक खादों से बचना चाहिए। ये मिट्टी में मौजूद फायदेमंद बैक्टीरिया और सूक्ष्मजीवों को मार देते हैं।
soil is used in the garden

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Image credit: Freepik

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