herzindagi
kolkata doctor case news

West Bengal Aparajita Bill: बलात्कार के अपराधियों को सजा-ए-मौत, पैरोल तक नहीं... बंगाल में पास हुआ 'अपराजिता' बिल

West Bengal Anti-Rape Bill 2024: पश्चिम बंगाल विधानसभा ने बलात्कार अपराधियों की सजा के लिए बिल पारित कर दिया है, जिसके तहत पीड़िता की मौत या कोमा में चले जाने पर दोषी को सजा-ए-मौत दी जाएगी। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
Editorial
Updated:- 2024-09-04, 15:07 IST

Anti-Rape Bill West Bengal: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 31 वर्षीय डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या के मामले में भारी विरोध के बाद पश्चिम बंगाल विधानसभा ने अपराजिता विधेयक पारित किया है। बिल के तहत बलात्कार पीड़िता की मौत होने या उसके स्थायी रूप से कोमा में चले जाने के केस में ऐसे दोषियों के लिए मृत्युदंड के प्रावधान का प्रस्ताव पारित किया गया है। इसके अलावा, बलात्कार और सामूहिक बलात्कार के दोषी व्यक्तियों को भी आजीवन कारावास की सजा दी जाएगी। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं। 

क्या है एंटी-रेप अपराजिता बिल?

anti rape aparajita bill

  • अपराजिता बिल के तहत, बलात्कार और हत्या के मामलों में अपराधियों को उम्रकैद की सजा सुनाई जाएगी। इसका मतलब है कि उन्हें अपना पूरा जीवन जेल में बिताना होगा। उन्हें कभी भी छोड़ा नहीं जाएगा। इसमें आर्थिक दंड के प्रावधान भी शामिल होंगे। 
  • विधेयक में बलात्कार से संबंधित जांच पूरी करने की समय सीमा घटाकर 21 दिन करने का प्रस्ताव रखा गया है, जो कि पहले दो महीने का था।
  • इसके अलावा, इस तरह के मामलों में आरोप पत्र तैयार होने के एक महीने के अंदर ही फैसला सुनाने का वादा किया गया है।
  • विधेयक के अनुसार, ऐसे मामलों में अदालती कार्यवाही से संबंधित कोई जानकारी को प्रकाशित करने या पीड़िता की पहचान उजागर करने वाले को भी तीन से पांच साल की कैद की सजा हो सकती है।

इसे भी पढ़ें-  जानें New Criminal Law में महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर कितनी सजा का प्रावधान है?

बंगाल में नए बदलाव से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

west bengal new law

  • फास्ट्रैक कोर्ट और स्पेशल जांच दल बनाने का प्रस्ताव रखा गया है। इसके लिए इस जांच टीम को विशेष सुविधाएं दी जाएंगी। ट्रायल प्रक्रिया तय समय के भीतर पूरी होगी।
  • गंभीर अपराधों के मामले में जांच की प्रक्रिया 7 दिनों के अंदर पूरा किया जाना चाहिए, जो कि पहले एक महीना था। 
  • मूल कानून के अनुसार, पहले पुलिस स्टेशन को घटना दर्ज करने के बाद जांच पूरी करने के लिए समय सीमा दो महीने थे, पर अब संशोधन करके इसे 21 दिन के अंदर पूरा करने को कहा गया है।
  • इसके अलावा, अगर किसी मामले की जांच 21 दिन के अंदर पूरी नहीं हो रही है, तो इसके लिए समय सीमा में15 दिन बढ़ाया जा सकता है। हालांकि, यह जिला पुलिस अधीक्षक स्तर के किसी व्यक्ति को दिया जाना चाहिए।

इसे भी पढ़ें-  दफ्तर से लेकर घर तक, इन कानूनों की मदद से आप उठा सकती हैं गलत के खिलाफ आवाज

  • सामूहिक बलात्कार के मामले में जुर्माना, आजीवन कारावास और मौत की सजा का प्रावधान रखा गया है।
  • बलात्कार के आरोप के अलावा, अगर बलात्कारी द्वारा पहुंचाई गई चोटों के कारण पीड़िता की मृत्यु होती है, तो दोषी को मृत्युदंड के साथ जुर्माना भी लगाया जाएगा।
  • पीड़िता अगर कोमा में चली जाए तो भी अपराधियों को सजा-ए-मौत और जुर्माना लगाया जाएगा। सभी मामले गैर जमानती धारा के तहत होंगे।

इसे भी पढ़ें-  Public Program के दौरान होने वाले हादसे का कौन होता है जिम्मेदार? जानें कैसे तय की जाती सजा

 

इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय भी आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। साथ ही,अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें। इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हर जिन्दगी के साथ

Image credit- Herzindagi, pinterest

यह विडियो भी देखें

Herzindagi video

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।