आजकल की भागदौड़ भरी ज़िन्दगी में न जाने कितने कारणों से घर में अशांति फैली रहती है। कभी परिवार के लोगों का एक दूसरे को समय न दे पाना, कभी वर्कप्लेस का दबाव, तो कभी आगे निकलने की होड़, न जाने कितने कारणों से मन अशांत रहता है और हम छोटी-छोटी खुशियों को तलाशने के कारण ढूंढ़ते रहते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि, घर में लड़ाई-झगड़े और अशांति का कारण वास्तु दोष भी हो सकता है?
जी हां, ये सत्य है कि घर की शांति के लिए वास्तु बहुत ज्यादा मायने रखता है। डॉ आरती दहिया बताती हैं कि वास्तु शास्त्र उन शक्तियों पर आधारित है जो हमारे वातावरण से हमें प्राप्त होती हैं। इन सभी शक्तियों को संतुलन में लाकर हम अपना जीवन शांतिपूर्ण बना सकते हैं। जीवन में जिन वस्तुओं का हमारे दैनिक जीवन में उपयोग होता है उन वस्तुओं को किस प्रकार से रखा जाए वह भी वास्तु ही है, क्योंकि वस्तु शब्द से वास्तु का निर्माण हुआ है। आइए जानें कि यदि घर में फैली अशांति का कारण वास्तु दोष है तो उसे कैसे दूर करके शांति लाई जा सकती है।
यदि आपका मन किसी वजह से अशांत है और कोई भी काम ठीक से नहीं हो पा रहा है, तो इसका कारण वास्तु दोष हो सकता है। ऐसे में एक दीपक या मोमबत्ती जलाकर सामने रखें और कोई हल्का मेडिटेशन संगीत चलाएं। अपनी नज़र कुछ देर के लिए मोमबत्ती की लौ पर रखें और संगीत के साथ ध्यान करें। इस प्रक्रिया को लगातार 21 दिनों तक 15 मिनट के लिए दोहराएं। बहुत जल्द ही आपको मानसिक रूप से परिवर्तन महसूस होगा और अशांति दूर होगी।
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यदि आपके परिवार में किसी को डिप्रेशन के लक्षण दिखें तो इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए एक खुले बर्तन में पानी और फूल डालकर रात भर के लिए सिरहाने रख दें। सुबह इस पानी को किसी पौधे में डाल दें। अपने आपको पूर्ण रूप से ठीक करने के लिए यह नियम आपको लगातार 40 दिन तक करना है। 40 दिन पूरे होने के बाद आपको परिवर्तन नज़र आएगा।
यदि आप अत्यधिक इमोशनल हो रहे हैं और मन अशांत हो रहा है, तो एक मुट्ठी चावल हाथ में रख कर 11 या 21 बार ॐ नमः शिवाय का जाप करके पक्षियों को डालें। इस नियम को 16 दिन तक दोहराएं। ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और शांति आती है।
यदि आपके भवन के पूर्व में कोई बड़ा पेड़ या मकान है जिसकी छाया आपके घर पर पड़ रही है, तो यह पूर्व दिशा से जुड़ा हुआ वास्तु दोष है। इस दोष की वजह से घर में हमेशा लड़ाई झगड़े होते रहते हैं। इसे दूर करने के लिए आप घर के मुख्य दरवाजे पर हमेशा सिंदूर और गाय के घी से तिलक करें या ॐ लिखें और साथ ही कुछ फूलदार पौधे भी अवश्य लगाएं।
दक्षिण दिशा के स्वामी ग्रह मंगलदेव हैं और इस दिशा के देवता यम हैं। अगर मंगल शुभ नहीं हो तो यह दिशा रोग, कानूनी अड़चन, क्रोध आदि का कारण बन सकती है। अगर इस दिशा में वास्तुदोष हो तो इस दिशा में एक तिकोना झंडा लगाएं और घर के सामने कभी टूटा हुआ हुआ कोई सामान न रखें। साथ ही, मुख्य दरवाजे के सामने बहुत बड़ा पेड़ न लगाएं। ऐसा करना घर के स्वामी के स्वास्थ्य को खराब कर सकता है और घर में अशांति फ़ैल सकती है।
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उत्तर-पश्चिम की दिशा का कारक ग्रह चंद्रमा है। इस दिशा के देवता वायु देव हैं। वास्तु के हिसाब से चन्द्रमा अच्छा है, तो घर में सुख शांति बनी रहती है। वहीं चंद्रमा के अशुभ होने पर व्यक्ति के स्वभाव में चंचलता देखने को मिलती है। वह व्यक्ति कोई भी काम स्थिर ढंग से नहीं कर पाता है। ऐसी स्थिति में घर में हमेशा एक बड़ी बाल्टी या बर्तन में पानी भर कर उसमें कुछ सुगन्धित फूल डाल कर रखें और प्रतिदिन उसे बदलते रहें। ऐसा करने से घर में शांति आएगी।
वास्तु के उपर्युक्त सभी नियमों का पालन करके आप घर में सुख समृद्धि लाने के साथ घर की अशांति को भी दूर कर सकती हैं।
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Image Credit: free pik,pixabay and unsplash
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