हमारे देश की संस्कृति के हिसाब से हमेशा से ही अतिथि को देवता की संज्ञा दी जाती है। यही नहीं अतिथियों का स्वागत भी विशेष रूप से पूरे विधि विधान से किया जाता है। इसीलिए आजकल अधिकांश घरों में मेहमानों या अतिथियों की सुविधा और आराम के लिए गेस्ट रूम बनाया जाता है। इस कमरे में लोग अपने मेहमानों के लिए हर तरह की सुविधाएं रखते हैं जिससे कि उनके रिश्तेदारों या मित्रगणों को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो।
इस गेस्ट रूम में विभिन्न वातावरण के लोग आते और कुछ दिनों के लिए निवास करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि घर के अन्य स्थानों की ही तरह घर के अतिथि गृह यानी कि गेस्ट रूम का भी अपना अलग वास्तु है और वास्तु के हिसाब से गेस्ट रूम को सजाना और इसकी दिशा निर्धारित करना रिश्तों और मित्रों के बीच सामंजस्य बनाता है। आइए एस्ट्रोलॉजर और वास्तु स्पेशलिस्ट डॉ आरती दहिया जी से जानें कि वास्तु के हिसाब से घर का गेस्ट रूम कैसा होना चाहिए।
गेस्ट रूम की दिशा
घर में यदि दो से ज्यादा कमरे हैं और आप इनमें से किसी एक कमरे को गेस्ट रूम बनाना चाहती हैं तो इसका चुनाव करते समय ध्यान रखें कि ये घर की उत्तर पश्चिम दिशा में होना चाहिए। यह दिशा गेस्ट रूम के लिए सबसे अच्छी जगह मानी जाती है। इस दिशा में गेस्ट रूम होने से अतिथियों का आगमन हमेशा घर के लोगों के लिए सुखद अनुभव लेकर आता है। यदि आप दक्षिण दिशा में भी अतिथि कक्ष बनाने की योजना बना रहे हैं तो इस दिशा को चुनने से पहले किसी वास्तु विशेषज्ञ से सलाह लेना बेहतर होगा। भूलकर भी अतिथि कक्ष का निर्माण घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में नहीं करना चाहिए क्योंकि यह स्थान केवल परिवार के मुखिया या घर के मालिक के लिए होता है। इस कमरे का दरवाजा भी उचित वास्तु दिशा में होना चाहिए।
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कैसी हो बेड की दिशा
यदि आप गेस्ट रूम में बेड या दीवान रख रहे हैं, तो आदर्श स्थिति कमरे के दक्षिण-पश्चिम भाग में है। हमेशा बेड को कमरे के दक्षिण या पश्चिम भाग में रखें और गेस्ट रूम में बेड ऐसी स्थिति में होना चाहिए कि व्यक्ति दक्षिण की ओर सिर करके सोए और अतिथि का मुंह उत्तर दिशा में होना चाहिए। बेड के ऊपर चलने वाले किसी भी बीम के निर्माण से बचें। बाथरूम का दरवाजा गेस्ट रूम के बेड के बिल्कुल विपरीत स्थिति में नहीं होना चाहिए।
गेस्ट रूम में गैजेट्स की सही दिशा
इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं को सही जगह पर रखने से सद्भाव आता है और व्यक्ति बुद्धिमान और व्यावहारिक बनता है। लेकिन, इन्हें गलत जगह रखने से मानसिक तनाव और बीमारियां हो सकती हैं। वास्तु शास्त्र सभी इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं जैसे टेलीविजन को कमरे की दक्षिण-पूर्व दिशा में रखने की सलाह देता है। आप एक टेबल रख सकते हैं और सभी वस्तुओं को रख सकते हैं या उपयुक्तता के अनुसार उन्हें लटका सकते हैं।
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बाथरूम की सही दिशा
अतिथि की गोपनीयता बनाए रखने के लिए गेस्ट रूम के लिए एक अलग बाथरूम होना जरूरी है। वास्तु शास्त्र के हिसाब से बाथरूम के दरवाजे को बिस्तर से दूर होना चाहिए । बाथरूम का दरवाजा सीधे बिस्तर के सामने नहीं होना चाहिए। बाथरूम का दरवाजा बिल्कुल विपरीत या बिस्तर के सामने होना अच्छा नहीं माना जाता है। इसके अलावा, सुनिश्चित करें कि बाथरूम का दरवाजा हमेशा बंद रहे जिससे नकारात्मकता दूर हो सके। बाथरूम नकारात्मकता को आकर्षित करने के लिए जाना जाता है, दरवाजा बंद रखने से यह कमरे में प्रवेश नहीं कर पाती है।
गेस्ट रूम में खिड़कियों की दिशा
यदि अतिथि कक्ष वायव्य कोने में स्थित है, तो आपको उत्तर दिशा में, उत्तर दिशा की ओर, या पश्चिम दिशा में खिड़की बना सकते हैं। यदि अतिथि कक्ष अग्नेय कोने में स्थित है, तो आपको दक्षिण या दक्षिण-पूर्व दिशा में एक खिड़की बना सकते हैं। आप दक्षिण-पश्चिम दिशा में खिड़की बनाएं तब भी वास्तु के हिसाब से ये सही दिशा होगी। गेस्ट रूम की खिड़की को दक्षिण-पश्चिम दिशा में भी बना सकते हैं।
गेस्ट रूम में अलमारियों की दिशा
सबसे ज्यादा ध्यान रखने वाली बात है गेस्ट रूम में अलमारियों का निर्माण। गेस्ट रूम में अतिथि की सुविधा और वास्तु दोनों के हिसाब से अलमारी(अलमारी के लिए वास्तु टिप्स)होनी जरूरी होती है। इसलिए कमरे की दक्षिण या पश्चिम की दीवार पर अलमारियां डिजाइन करें। यदि आप अलमारियां अलग से रख रहे हैं तब भी इसी दिशा में अलमारियां रखें।
गेस्ट रूम में प्रकाश व्यवस्था
वास्तु के हिसाब से गेस्ट रूम के लिए सही रोशनी चुनना बहुत महत्वपूर्ण है। गेस्ट रूम में तेज और सुंदर रोशनी होनी जरूरी है। इसके साथ इस कमरे में कुछ माध्यम लाइट का होना भी जरूरी है। बीम लाइट का उपयोग करना आंखों को परेशान करने वाला हो सकता है ऐसे में इससे बचना चाहिए।
गेस्ट रूम का रंग
वास्तु के हिसाब से प्रत्येक कमरे का अपना अलग रंग होता है। गेस्ट रूम के लिए, सबसे अच्छे रंग हरे, नीले और सफेद जैसे हल्के रंग हैं। ये रंग अपनी शांति के लिए जाने जाते हैं और शरीर और दृष्टि को शांति प्रदान करते हैं। गहरे रंगों का उपयोग करने से क्षेत्र गहरा दिखता है और बुरी नजर भी आकर्षित होती है, जबकि हल्के रंग अच्छे और सकारात्मक होते हैं जो वातावरण को प्यार और उत्साहजनक बनाए रखते हैं। आरती दहिया जी बताती हैं कि भूलकर भी आपको गेस्ट रूम में लाल रंग का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। ऐसा करना अतिथि के गुस्से का कारण बन सकता है। वहीं हल्के रंग अतिथि के साथ सामंजस्य बनाए रखने और रिश्तों में मधुरता लाने में मदद करते हैं।
आप जब भी घर में अपने गेस्ट रूम का चुनाव करें आपको वास्तु से जुड़ी इन सभी बातों को ध्यान में रखना चाहिए जिससे घर आने वाले अतिथि और आपके बीच अच्छी बॉन्डिंग बनी रहे।
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Image Credit: freepik and unsplash
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