किसी भी घर की सुख समृद्धि के लिए यह बहुत जरूरी है कि आप सही दिशा में मुंह करके खाना बनाएं। आमतौर पर किचन की दिशा वास्तु के अनुसार दक्षिण की तरफ न रखने की सलाह दी जाती है। वास्तु की मानें तो यदि घर दक्षिणमुखी है तो किचन के लिए वास्तु सुझाव देता है कि यह या तो दक्षिण-पूर्व या उत्तर-पश्चिम की ओर होना चाहिए।
गृहस्वामी को रसोई घर की सही दिशा के अनुसार ही खाना बनाना चाहिए। यदि किचन स्लैब का मुख दक्षिण-पूर्व की ओर है, तो आपको पूर्व की ओर मुख करके खाना बनाना चाहिए। यदि रसोई का मुख उत्तर पश्चिम की ओर है, तो आपको पश्चिम की ओर मुख करके खाना बनाना चाहिए।
इस बात का ध्यान रखें कि आप उस दिशा की ओर मुंह करके खड़े हों, जहां से अधिकतम धूप आती हो। आमतौर पर साउथ फेसिंग किचन स्लैब को घर की समृद्धि के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। इस बात की सही जानकारी लेने के लिए हमने न्यूमेरोलॉजिस्ट, वास्तु विशेषज्ञ और टैरो कार्ड रीडर, मधु कोटिया से बात की आइए जानें साउथ फेसिंग किचन स्लैब के लिए कुछ वास्तु टिप्स के बारे में।
साउथ फेसिंग किचन स्लैब है सबसे ज्यादा शुभ
रसोई हर एक घर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है और इसे इस तरह से डिजाइन करने की जरूरत होती है कि घर के निवासियों को अपने खाना पकाने के अनुभव का अधिक से अधिक लाभ मिले। वास्तु सिद्धांतों के अनुसार साउथ फेसिंग किचन स्लैब यानी दक्षिणमुखी किचन प्लेटफॉर्म को किचन के लिए सबसे शुभ दिशाओं में से एक माना जाता है। वास्तु के कुछ विशेष नियमों का पालन करके इसे और ज्यादा अनुकूल बनाया जा सकता है।
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प्रवेश द्वार पर तांबे का कटोरा रखें
वास्तु के अनुसार ऐसा माना जाता है कि किचन से किसी भी तरह की नकारात्मक ऊर्जा को कम करने और अपने घर के भीतर सकारात्मक कंपन पैदा करने के लिए किचन प्लेटफॉर्म के प्रवेश द्वार पर पानी से भरा तांबे का कटोरा रखें। इस वास्तु उपाय से किचन में किसी भी प्रकार की नकारात्मक शक्ति नहीं आएगी।
खिड़कियों के विपरीत दीवारों पर दर्पण
जिन घरों की रसोई में प्लेटफार्म की दिशा दक्षिण की तरफ हो वहां वास्तु के नियमों के अनुसार दक्षिणमुखी खिड़कियों के विपरीत दीवारों पर दर्पण लगाने से भी किसी भी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा को आपके घर से दूर करने में मदद मिलती है।
किचन की सही दिशा क्यों है जरूरी
घर में किचन की अहम भूमिका होती है। यह वह स्थान होता है जहां भोजन पकाया जाता है जो हमें ऊर्जा देने के लिए जिम्मेदार होता है। गलत दिशा में किचन डिजाइन करने से ऊर्जाओं में असंतुलन पैदा हो सकता है, जिसका सीधा असर घर में रहने वालों पर पड़ सकता है। इस प्रकार वास्तु के अनुसार किचन के लिए सही दिशा का चयन करना आवश्यक हो जाता है।
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किचन स्लैब कैसा होना चाहिए
वास्तु शास्त्र के अनुसार किचन स्लैब के लिए ग्रेनाइट की जगह स्टोन या मार्बल का इस्तेमाल करना बेहतर होता है, खासतौर पर काले रंग के किचन प्लेटफार्म को सबसे अच्छा माना जाता है। किचन स्लैब का रंग इस बात पर निर्भर करता है कि किचन किस दिशा में स्थित है।
यदि किचन पूर्व में है, तो हरे या भूरे रंग का रखें। उत्तर-पूर्व दिशा में किचन के लिए पीले स्लैब का चुनाव करें। वास्तु सिद्धांतों के अनुसार रसोई स्थान के लिए, दक्षिण या दक्षिण-पूर्व में, भूरे, मैरून या हरे रंग के स्लैब वास्तु सिद्धांतों के अनुसार सर्वोत्तम माने जाते हैं।
पश्चिम दिशा में किचन के लिए स्लेटी या पीले रंग के स्लैब की सलाह दी जाती है। उत्तर दिशा में किचन स्लैब के लिए हरा रंग सबसे अच्छा है, हालांकि आदर्श रूप से, उत्तरी क्षेत्र में किचन होने से बचना चाहिए।
यदि आप साउथ फेसिंग किचन स्लैब के लिए वास्तु के कुछ विशेष नियमों का पालन करती हैं तो आपके घर की समृद्धि के लिए अच्छा होगा।
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