हिंदू धर्म में केवल देवी-देवताओं को ही नहीं बल्कि कुछ पेड़-पौधों को भी देव तुल्य माना गया है। इनमें से पीपल, बरगद, केला, आंवला, तुलसी आदि कुछ ऐसे पेड़-पौधे हैं, जिनमें देवी-देवता खुद ही वास करते हैं। इन सभी में तुलसी का पौधा घर में आसानी से लगाया जा सकता है और उसकी देखभाल भी की जा सकती है।
ऐसी मान्यता है कि तुलसी में देवी लक्ष्मी जी का वास होता है। देवी लक्ष्मी के तुलसी स्वरूप से जगतपिता नारायण श्री हरि विष्णु जी ने शालिग्राम के रूप में विवाह किया था। इसलिए कहा जाता है कि तुलसी के पेड़ की सेवा करने से भगवान विष्णु को भी प्रसन्न किया जा सकता है।
वैसे शास्त्रों में तुलसी के पौधे के और भी कई महत्व बताए गए हैं। खासतौर पर जीवन को समृद्धशाली बनाने में तुलसी का बड़ा योगदान होता है। तुलसी के पौधे से सकारात्मक ऊर्जा निकलती है, जिसका प्रभाव आपके जीवन पर भी अच्छा पड़ता है। तुलसी का पौधा एक मानव के जीवन को कैसे प्रभावित करता है, इस पर हमने उज्जैन के पंडित एवं ज्योतिषाचार्य मनीष शर्मा से बात की।
मनीष जी कहते हैं, 'तुलसी सेहत से लेकर सौभाग्य तक को मजबूत बनाती है। परिवार में सुख-शांति बनी रहे इसके लिए घर के आंगन में 1 तुलसी का पौधा जरूर लगाना चाहिए। लेकिन अगर आप तुलसी को घर में रख रही हैं तो उसकी सेवा भी जरूर करें। तुलसी की पूजा के नियम होते हैं, इनका पालन जरूर करें। साथ ही जीवन की अलग-अलग समस्याओं को दूर करने के लिए तुलसी के मंत्रों का उच्चारण करें।'
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तुलसी को जल चढ़ाते वक्त करें इस मंत्र का उच्चारण
तुलसी का पौधा अगर आपके घर पर है तो उसे नियमित जल चढ़ाना अनिवार्य है। मगर तुलसी को जल चढ़ाने से पूर्व आपको सूर्य देव को जल से अर्घ देना चाहिए और फिर आपको मंत्र उच्चारण के साथ तुलसी के पौधे पर जल चढ़ाना चाहिए । पंडित जी तुलसी के पौधे में जल चढ़ाने के 3 मंत्र बताते हैं-
- ॐ सुभद्राय नमः
- ॐ सुप्रभाय नमः
- मातस्तुलसि गोविन्द हृदयानन्द कारिणी
- नारायणस्य पूजार्थं चिनोमि त्वां नमोस्तुते ।।
नोट- इन तीनों ही मंत्रों को एक-एक करके बोलना है। आप इन मंत्रों को केवल एक बार ही बोलेंगे तो आपको खुद के अंदर सकारात्मकता महसूस होगी।
यह मंत्र आपको जीवन में समृद्धि(सही रंग के चुनाव से मिलेगी सुख समृद्धि) देने वाला है। यदि कोई व्यक्ति बीमार है तो उसे तुलसी के पौधे में यह मंत्र बोलते हुए जल जरूर अर्पित करना चाहिए। इससे उसके अंदर बीमारी से लड़ने का आत्मविश्वास आ जाता है।
तुलसी स्तुति मंत्र
हर दिन एक जैसे नहीं होते हैं। कभी मन प्रसन्न होता है तो कभी किसी बात से इतना दुखी होता है कि किसी भी काम में मन नहीं लगता है। ऐसे में जरूरत होती है एक ऐसी ऊर्जा की जो हमारे अंदर से सारी नकारात्मकता को बाहर निकाल दे। यह ऊर्जा हमें तुलसी के पौधे से मिल सकती है। पंडित जी कहते हैं, 'शास्त्रों में तुलसी के पौधे में दिया जलाने का महत्व बताया गया है। सुबह और शाम दोनों ही प्रहर में आपको तुलसी के पौधे के आगे देसी घी का दीपक जलाना चाहिए। इससे मन को शांति मिलती है और शांत मन से किया गया हर काम सफल होता है।' पंडित जी तुलसी में दीपक जलाते वक्त तुलसी स्तुति मंत्र का जाप करने के लिए भी कहते हैं। यह मंत्र इस प्रकार है।
देवी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः
नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये।।
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तुलसी पूजन मंत्र
तुलसी की नियमित पूजा करने से गृह क्लेश भी कम हो जाता है। पति-पत्नी के संबंध मधुर बनाने और आपसी समझ को बढ़ाने के लिए भी तुलसी की पूजा जरूर करनी चाहिए। साथ ही इस मंत्र का उच्चारण भी करना चाहिए-
तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।
धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।
लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।
तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।
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Image Credit: Shutterstock
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