एअरइंडिया ने ट्रांस वूमेन को नौकरी नहीं दी तो उसने इच्छामृत्यु की मांग की

जानिए इस ट्रांसजेंडर पर क्या आफत आ पड़ी कि इसने पत्र लिखकर राष्‍ट्रपति से इच्‍छा मृत्‍यु की गुहार लगाई है। आपको बता दें कि ये ट्रास वूमेन इंजीनियर है।

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26 साल की एक ट्रांस वुमन इंजीनियर शान्‍वी पौन्‍नूसामी ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर उनसे इच्छामृत्यु की मांग की है। इच्छामृत्यु का कारण उसको मनचाही नौकरी ना मिलना है। दरअसल उसको एयर इंडिया में केबिन क्रू की नौकरी नहीं मिली है और इसे ही उसने अपना कारण बताते हुए इच्छामृत्यु की मांग की है।

क्या है मामला

शान्वी ने एयर इंडिया में केबिन क्रू की नौकरी के लिए एप्लाई किया था जहां उसको नौकरी नहीं मिल पाई। इसी कारण देते हुए वो प्रधानमंत्री तक को चिट्ठी लिख चुकी हैं और इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में भी एक रिट दाखिल कर चुकी हैं। लेकिन नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने उन्‍हें अब तक कोईजवाब नहीं दिया है। जिसके बाद उन्होंने थक-हार कर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से इच्छा मृत्यु की मांग की है।

इंजीनियर हैं शान्‍वी

26 साल की शान्वी पौन्नूसामी इंजीनियर हैं। उन्होंने पिछले दिनों एयर इंडिया में केबिन क्रू की नौकरी के लिए अप्लाई किया था। उनका कहना है कि वो इंटरव्यू तक पहुंची थी। लेकिन इंटरव्यू के बाद उन्हें सिर्फ इसलिए नौकरी नहीं दी, क्योंकि कंपनी की पॉलिसी में ट्रांस वुमन को नौकरी देने का कोई प्रावधान नहीं है।

एयर इंडिया ने भेजा था कॉल लेटर

शान्वी के अनुसार उन्हें एयर इंडिया की तरफ से 2016 में आवेदन किया था जिसके बाद कंपनी ने उन्हें कॉल लेटर भेजा था। लेकिन इंटरव्यू में उनकी दावेदारी को यह कहकर रिजेक्ट कर दिया गया कि कंपनी की पॉलिसी में किसी भी ट्रांस वूमेन के लिए कोई प्रावधान नहीं है। जिसके कारण उन्हें नौकरी पर नहीं रखा जा सकता।

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इस मामले में शान्वी अगस्त 2017 में दिल्ली में नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात की थी। तब मंत्रालय के अधिकारियों से उन्हें पॉजीटिव रेस्पॉन्स मिला था। लेकिन एयर इंडिया के अधिकारियों से मुलाकात नहीं हो सकी था।

प्रधानमंत्री मोदी को भी लिखी चिट्ठी

जिसके बाद शान्वी ने प्रधानमंत्री मोदी को भी पत्र लिखकर अपनी समस्या बताई। लेकिन फिर भी इसके बाद भी नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर उन्‍हें कोई जवाब नहीं आया।

अदालत ने भी लगाई गुहार

जब शान्वी को ना ही प्रधानमंत्री के कार्यालय से जवाब मिला ना ही नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से, तो शान्वी ने इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में न्याय की गुहार लगाई। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने केंद्र सरकार को चार हफ्ते में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया लेकिन इसके बाद भी मंत्रालय की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई।

नहीं बचे पैसे

हर जगह से निराशा हाथ लगने पर शान्वी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की मांग की है। उन्‍होंने पत्र में लिखा है कि वो अपनी समस्‍या के लिए सुप्रीम कोर्ट तक में गुहार लगा चुकी हैं, लेकिन अब तक कुछ नहीं हो सका। शान्वी का कहना है कि सरकार ट्रांस वूमेन को अब तक कोई भी सुविधा नहीं दे पा रही है और इस कारण हमारा जीवन बेहद कठिन हो गया है। अब वह हार चुकी हैं। अब उनके पास वकील को भी देने के लिए पैसे नहीं बचे हैं। ट्रांस वूमेन होने के कारण हर जगह उन्हें अपमान सहना पड़ता है। इस कारण वह इच्छा मृत्यु चाहती हैं।

अब देखना है कि राष्ट्रपति इसका जवाब देते हैं कि नहीं।

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