Highly sensitive लोग किसी भी बात को बहुत जल्दी फील कर लेते हैं और इसलिए वह अक्सर खुद को टूटा हुआ व कमजोर महसूस करते हैं। हालांकि सेंसेटिव होना किसी व्यक्ति की कमजोरी नहीं है, बल्कि यह उनका स्वभाव है। हर व्यक्ति का स्वभाव अलग होता है। जहां कुछ लोग लापरवाह प्रवृत्ति के होते हैं तो कुछ लोग बेहद सेंसेटिव होते हैं। वहीं अगर महिलाओं की बात की जाएं तो अधिकतर महिलाएं काफी इमोशनल होती हैं। तभी तो कहा जाता है कि महिलाएं दिमाग से नहीं, बल्कि दिल से सोचती हैं।
शायद यही कारण होता है कि महिलाएं जल्दी स्ट्रेस में आ जाती हैं, क्योंकि वह सामने वाले व्यक्ति की बातों को बेहद जल्दी अपने मन पर ले लेती हैं और एक छोटी सी बात भी उन्हें चुभ जाती है। खासतौर से, जिन लोगों को वह अपनी जिन्दगी में खास मानती है, उनका व्यवहार व बातें उनकी पूरी लाइफ को प्रभावित करता है। कई बार ऑफिस का तनावपूर्ण माहौल तो कभी किसी अपने का रूठ जाना, highly sensitive महिलाएं छोटी-छोटी बातों पर स्ट्रेस में आ जाती हैं और फिर उनके इस स्वभाव के कारण उनकी खुद की जिन्दगी ही प्रभावित होने लग जाती है।
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यह सच है कि कोई भी व्यक्ति अपने बेसिक नेचर को नहीं बदल सकता, लेकिन अगर आप चाहें तो कुछ छोटी-छोटी बातों को अपने जीवन में अपनाकर स्ट्रेस को खुद से कोसों दूर रख सकती हैं-
तय करें सीमाएं
कोई भी इंसान हमें जीवन में तभी प्रभावित कर सकता है, जब वह हमारे लिए उतना महत्वपूर्ण हों। इसलिए अगर आप चाहती हैं कि आप स्ट्रेस को खुद से दूर रखें तो अपने रिश्तों में सीमाओं को तय करें। किसी को भी इतना हक ना दें कि वह आपके उपर हावी हो सके। अगर आप किसी से बेहद प्यार भी करती हैं तो भी अपना कमजोर पक्ष कभी भी उसके सामने ना रखें। इससे सामने वाला व्यक्ति आपको बेहद आसानी से hurt कर सकता है।
खुद को बनाएं स्ट्रांग
आप स्वभाव से भले ही highly sensitive हैं, लेकिन फिर भी किसी को यह मौका ना दें कि वह आपको तनाव या अवसाद की स्थिति में पहुंचा सके। इसके लिए आपको अपना स्वभाव बदलने की जरूरत नहीं है। बस आप खुद को भीतर से स्ट्रांग बनाने की कोशिश करें। हालांकि इसके लिए आपको बहुत अधिक मेहनत करने की जरूरत नहीं है। अगर आप नियमित रूप से मेडिटेशन करती हैं तो भी आप खुद पर व अपनी भावनाओं पर कण्ट्रोल करने में सक्षम हो पाती हैं।
दरअसल, जब आप मेडिटेशन करती हैं तो आप शांत चित्त से अपने विचारों, भावनाओं का खुद आकलन कर पाती हैं। इतना ही नहीं, मेडिटेशन करने से आपका शरीर भी शांत होता है और आपका तनाव कम होता है। नियमित रूप से किया गया मेडिटेशन स्ट्रेस को हैंडल करने का सबसे आसान व प्रभावी तरीका है।
पहचानें ट्रिगर
अत्यधिक संवेदनशील महिलाओं की अपनी अलग चुनौतियां होती हैं। उन्हें स्ट्रेस को मैनेज करने से पहले ट्रिगर को पहचानना होता है। हो सकता है कि दिनभर में ऐसी कई बातें हों, जो उन्हें तनावग्रस्त करती हों और उस तनाव से बाहर निकलने के लिए पहले ट्रिगर की पहचान करें।
इसके लिए आप एक डायरी लिखने की आदत डालें। जिसमें आप दिनभर की एक्टिविटी को लिखें। आपको डायरी लिखते समय ही यह अहसास हो जाएगा कि किन कारणों से आप स्ट्रेस में हैं। उन कारणों की पहचान करने के बाद आपके लिए खुद को तनावमुक्त करना आसान हो जाएगा।
सीखें खुद का ख्याल रखना
अत्यधिक संवेदनशील महिलाओं के साथ सबसे बड़ी समस्या यह होती है कि वह छोटी सी बात से भी परेशान हो जाती हैं। ऐसे में फिर उनके साथ खानपान में लापरवाही, नींद की कमी व अन्य तरह की समस्याएं शुरू हो जाती हैं, जो उनकी स्थिति को बद से बदतर बना देती हैं। इसलिए अगर आप स्ट्रेस को बेहतर तरीके से हैंडल करना चाहती हैं तो सबसे पहले खुद का ख्याल रखने की आदत डालें।
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नियत समय पर खाएं व सोएं। आहार में हेल्दी फूड को जगह दें। एक्सरसाइज को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। साथ ही महीने में एक या दो बार खुद को पैम्पर करने के लिए पार्लर या स्पा जाएं। यह सब एक्टिविटीज करने से आपका तनाव खुद ब खुद काफी हद तक खत्म हो जाएगा।
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