आखिर क्यों इंदिरा गांधी ने जला दी थी अपनी सबसे प्यारी गुड़िया, जानें किस्सा

इंदिरा गांधी के जीवन की वो घटना जिसने उन्हें गूंगी गुड़िया से लेकर आयरन लेडी बना दिया वो पढ़िए यहां पर। 

Indira gandhi and her politics

इंदिरा गांधी के बारे में कौन नहीं जानता? इंदिरा गांधी जितनी सशक्त महिला थीं उतनी ही अच्छी राजनेता भी थीं। उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी में राजनीति से जुड़ी घटनाओं को होते देखा। उन्हें बचपन से ही इसे लेकर ट्रेन किया गया और वो खुद ही अपने पिता से प्रेरित होती रहीं। इंदिरा गांधी की बात करें तो उन्हें भारत की सबसे शक्तिशाली महिलाओं में से एक अभी भी माना जाता है। उनमें वो ताकत थी कि वो सख्त फैसले ले सकें और साथ ही साथ वो पार्टी को आगे बढ़ा सकें। देश के सबसे कठोर फैसलों में से कुछ इंदिरा गांधी के नाम ही थे।

इंदिरा गांधी को लेकर लिखी गई एक किताब में उनके एक किस्से को बताया गया था। उसमें इंदिरा गांधी के बारे में लिखा था कि उन्हें ये भी याद नहीं कि वो बचपन में कौन सा खेल खेला करती थीं। उन्हें बस यही याद रहता था कि वो नौकरों को टेबल पर खड़े होकर भाषण देती थीं। इंदिरा गांधी से जुड़ी ये बातें शायद कम ही लोग जानते होंगे।

इंदिरा गांधी ने 5 साल की उम्र में जलाई थी अपनी गुड़िया

इंदिरा गांधी को बचपन से ही किस तरह से राजनीति के बारे में बताया गया था वो इसी बात से समझा जा सकता है कि उन्होंने महज 5 साल की उम्र में ही अपनी सबसे पसंदीदा गुड़िया को आग के हवाले कर दिया था। ये मौका था स्वतंत्रता आंदोलन का जब ब्रिटिश सामानों का बहिष्कार करने की बात चल रही थी।

indira gandhi burned her doll

इसे जरूर पढ़ें- भारत की एकमात्र महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से जुड़े रोचक तथ्य, जानें कैसे उनके फैसलों ने बदली थी देश की दिशा

उस दौरान लोग जोर-शोर से इस आंदोलन में हिस्सा ले रहे थे और विदेशी सामानों को जलाया जा रहा था। यही कारण है कि इंदिरा गांधी ने अपनी सबसे पसंदीदा गुड़िया को जला दिया था जो इंग्लैंड से आई थीं।

आप खुद ही सोचें कि 5 साल की उम्र में बच्चे में क्या समझ होती है? स्वदेशी मूवमेंट से जुड़ी ये जानकारी आपको कक्षा 8वीं की मोरल साइंस की किताबों में भी मिल जाएगी।

गूंगी गुड़िया से लेकर आयरन लेडी तक का सफर

इंदिरा गांधी जब शुरुआती दौर में राजनीति में आई थीं तब उन्हें गूंगी गुड़िया कहा जाता था। दरअसल, पूर्व राष्ट्रपति लाल बहादुर शास्त्री की अचानक मौत के दो हफ्ते बाद जनवरी 1966 में इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। इंदिरा गांधी को प्रधानमंत्री बनाना कांग्रेस की पहली च्वाइस नहीं थी, लेकिन उस वक्त उनके पास कोई ऑप्शन नहीं था।

indira gandhi and her life

हालांकि, इंदिरा गांधी अपने समय की सबसे चर्चित नेता थीं और दूसरी सबसे लंबे वक्त तक सर्व करने वाली प्रधानमंत्री थीं।

दरअसल, कांग्रेस में जवाहरलाल नेहरू के बाद मोरारजी देसाई सबसे बड़े नेता माने जाते थे, लेकिन उस समय के वरिष्ठ नेताओं को वो पसंद नहीं थे। इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री बनने से पहले 1960 के दशक में इंफॉर्मेशन और ब्रॉडकास्टिंग मिनिस्टर थीं जो उस वक्त वीक प्रोफाइल मानी जाती थी और इंदिरा की छवि भी ऐसी ही बन गई थी।

इंदिरा गांधी को प्रधानमंत्री बनाने की राह में मोरारजी देसाई के साथ लाल बहादुर शास्त्री का भी विरोध था, लेकिन शास्त्री जी की मौत के बाद सारा खेल पलट गया। उस वक्त इंदिरा गांधी को इसलिए प्रधानमंत्री बना दिया गया ताकि कांग्रेस के अन्य बड़े नेता सत्ता में ना आ पाएं।

इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री बनने के बाद शुरुआत के कुछ साल ऐसे ही रहे और 1969 में यूनियन बजट प्रस्तुत करना भी उनके लिए मुश्किल हो गया। इंदिरा गांधी स्पीच देते समय लड़खड़ा गईं और उस दौरान सोशलिस्ट राम मनोहर लोहिया ने इंदिरा गांधी को गूंगी गुड़िया कहा था।

indira gandhi and doll fact

ये बात इंदिरा के गले नहीं उतरी और उन्होंने अपनी तरह की राजनीति करना शुरू किया। उन्होंने पब्लिक का भरोसा जीता और साथ ही साथ अपनी लीडरशिप को लोकल किया। उन्होंने पूरे देश के कई दौरे किए और 36000 मील का सफर किया और उस दौरान नारा दिया 'गरीबी हटाओ'।

इसे जरूर पढ़ें- दुनियाभर में आयरन लेडी के नाम से जानी जाती हैं भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री

सारे देश में राज परिवारों और स्टेट रूलर्स को राष्ट्रीय किया जो बहुत बड़ा कदम था। 14 बड़े बैंकों को भी राष्ट्रीय कर दिया गया जबकि मोरारजी देसाई सहित अन्य नेताओं ने इसका विरोध किया था।

इंदिरा गांधी को निकाल दिया गया था कांग्रेस से

बहुत ही कम लोग जानते हैं कि उनके इन फैसलों के कारण उन्हें कांग्रेस से निकाल भी दिया गया था, लेकिन उन्होंने अपनी अलग 'कांग्रेस 1' बनाकर कांग्रेस पार्टी के नेताओं की पोल खोली जो सिर्फ अमीरों के साथ मिलकर काम कर रही थी। दो साल के अंदर इंदिरा ने अपनी छवि पूरी तरह से बदल दी। 1971 में भारत-पाक युद्ध हुआ और बांग्लादेश का निर्माण हुआ। इंदिरा गांधी उस वक्त युद्ध प्लानिंग में भी शामिल हुईं और जब युद्ध खत्म हुआ तो इंदिरा गांधी गूंगी गुड़िया से आयरन लेडी बन चुकी थीं।

इंदिरा गांधी को उस समय कैबिनेट का 'ओनली मैन' कहा जाने लगा। इंदिरा गांधी के दौर में ही इमरजेंसी भी लगाई गई और देश में बहुत खराब दौर भी आए, लेकिन फिर भी इंदिरा गांधी की आयरन लेडी वाली छवि अभी भी बनी हुई है।

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP