निरमा के एड की कहानी जिसने पूरे हिंदुस्तान को बना दिया था दीवाना, कंपनी ने बस किया था ये एक काम

वाशिंग पाउडर निरमा के एड के बारे में तो आप जानते ही होंगे। पर क्या आप जानते हैं कि रातोंरात ये एड इतना फेमस क्यों हो गया और इसके पैकेट में बनी लड़की कौन है? 

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अगर आप 80, 90 के दशक में पैदा हुए थे तो आप यकीनन निरमा के एड के बारे में जानते ही होंगे। निरमा का वो एड जिसने कंपनी को फर्श से अर्श तक पहुंचा दिया। उस जमाने में सिर्फ कुछ ही टीवी चैनल हुआ करते थे और उनमें कुछ ही प्रोग्राम आते थे और उस दौरान निरमा का एक जिंगल 'वाशिंग पाउडर निरमा' किसी तूफान की तरह आया था। हालांकि, हालिया एड में अक्षय कुमार और मराठाओं की बेइज्जती के मामले में #BanNirma भी ट्रेंड हुआ था, लेकिन उस दौर में निरमा से कपड़े धोना एक ट्रेंड माना जाता था।

पर क्या आप जानते हैं कि निरमा के पैकेट के ऊपर बनी लड़की की कहानी और निरमा के उस जिंदल के पीछे का रहस्य क्या था?

किसका नाम था निरमा और क्यों बनी हुई थी एक लड़की की तस्वीर?

निरमा असल में निरमा वाशिंग पाउडर कंपनी के मालिक करसन भाई की बेटी थीं। उनका असली नाम निरुपमा करसनभाई था, लेकिन प्यार से करसन भाई अपनी बेटी को निरमा कहते थे। उनके लिए उनकी बेटी ही सब कुछ थी, लेकिन बहुत ही कम उम्र में उनकी बेटी का निधन हो गया। करसन भाई इन हालात में टूट गए और फिर उन्होंने अपनी बेटी के नाम को अमर करने के बारे में सोचा और तब बना निरमा वाशिंग पाउडर।

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असल में निरमा का फेमस मैस्कट व्हाइट फ्रॉक पहने हुए एक लड़की थी जो असल में करसन भाई की बेटी की ही तस्वीर थी।

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कंपनी को चलाने में हुई कई सारी दिक्कतें फिर ऐसे बना निरमा पूरे भारत में फेमस-

ये कंपनी 1969 में शुरू हुई थी और इसका नाम बाद में जितना बढ़ा उतना पहले नहीं था। करसन भाई ने कंपनी शुरू तो कर दी, लेकिन उसे चलाने में काफी मुश्किलें आ रही थीं। उस दौर में बाकी वाशिंग पाउडर बहुत फेमस थे जिनकी कीमत 15 रुपए प्रति किलो तक थी।

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ऐसे में करसन भाई ने अपने वाशिंग पाउडर की कीमत 3.5 रुपए रख दी जिससे कम इनकम वाले लोग भी उसे खरीद सकें।

उस समय करसन भाई एक सरकारी नौकरी करते थे और साइकल में ऑफिस जाते हुए अपना वाशिंग पाउडर बेचते थे। इस वाशिंग पाउडर का फार्मूला बनाने में भी करसन भाई को 3 साल लगे थे।

ऐसे आया था निरमा कंपनी का एड-

धीरे-धीरे कंपनी इतनी स्थापित हो गई थी कि करसन भाई ने अपनी नौकरी छोड़ निरमा पर ही पूरा ध्यान देना शुरू किया। उन्होंने एक टीम बनाई जो आस-पास की दुकानों में वाशिंग पाउडर बेचते थे। दुकानदार उधार पर सामान ले तो लेते थे, लेकिन टाइम पर निरमा को पैसे देते नहीं थे। ये समस्या बहुत ज्यादा बढ़ गई और निरमा को नुकसान होने लगा।

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उस वक्त करसन भाई ने एक स्कीम निकाली। उन्होंने निरमा के सारे पैकेट्स दुकानों से बुलवा लिए और दुकानों पर इस प्रोडक्ट को नहीं आने दिया। जब ये वापस आ गए तो करसन भाई ने निरमा का पहला विज्ञापन निकाला जो शुरू होता था, 'दूध सी सफेदी निरमा से आए, रंगीन कपड़ा भी खिल-खिल जाए, सबकी पसंद निरमा, वाशिंग पाउडर निरमा।'

थोड़ा खर्च कर इस विज्ञापन को टीवी पर चलाया गया और बस रातों-रात सभी की जुबान पर ये गाना था। इसमें सभी खुशहाल तस्वीरों को इस्तेमाल किया गया था।

इस एड ने वो कमाल किया जो अभी तक कोई वाशिंग पाउडर नहीं कर पाया था। निरमा की मांग सिर्फ अहमदाबाद गुजरात में नहीं पूरे भारत में होने लगी और किसी दुकानदार के पास इसका स्टॉक नहीं रहा। इसकी मांग बहुत बढ़ती गई और फिर दुकानदार खुद करसन भाई के पास आकर निरमा पैकेट मांगने लगे और ये पूरे भारत में सप्लाई होता गया।

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निरमा के एक एड और करसन भाई के दिमाग ने निरमा की मांग को रातों-रात आसमान तक पहुंचा दिया।

निरमा को लेकर करसन भाई ने जो सपना देखा था वो पूरा हो गया। उनकी बेटी का नाम पूरे हिंदुस्तान में गूंज रहा था और वो अमर हो गई।

तो ये थी निरमा की कहानी। आप ऐसी ही कौन सी कहानी जानने के लिए इच्छुक हैं ये हमें कमेंट बॉक्स में बताएं। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।

Image Credit: Rediff/ youtube/ Nirma Company

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